May 25, 2024

पीडि़त व्यक्ति को आर्थिक सहायता का लाभ समय पर मिलना चाहिए : एसडीएम

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फतेहाबाद / 28 दिसंबर / न्यू सुपर भारत

उपमंडलाधीश राजेश कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को उनके कार्यालय में उपमंडल स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसडीएम ने कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अनुसूचित जाति व जनजाति पर अत्याचार से संबंधित मामलों में पीडि़त व्यक्ति को समय पर आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में पुलिस द्वारा भी त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।

बैठक में निर्देश देते हुए एसडीएम ने कहा कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों पर अत्याचार से संबंधित मामलों में 85000 रुपये से लेकर आठ लाख 25 हजार रुपये की आर्थिक मदद सरकार द्वारा प्रदान की जाती है। इन मामलों में आर्थिक सहायता देने में किसी भी स्तर पर कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों पर तुरंत प्रभाव से एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और जल्द से जल्द चालान माननीय न्यायालय में पेश होना चाहिए, ताकि पीडि़त व्यक्ति को त्वरित न्याय व आर्थिक मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि इन मामलों में पुलिस द्वारा गहनता से जांच करनी चाहिए ताकि दोषी व्यक्ति को सख्त सजा मिले।

बैठक के दौरान जिला कल्याण अधिकारी लालचंद ने बताया कि विभाग के पास में 15 मामले आए हैं, जिनमें से आठ मामलों में पौने पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता पीडि़त व्यक्तियों को दिलवाई जा चुकी है। इसी प्रकार से चार मामलों में एफआईआर व चालाना पेश होने पर दो-दो किश्त आर्थिक सहायता के रूप में दी जा चुकी है। तीन मामलों में पीडि़त व्यक्तियों को आठ लाख 25 हजार रुपये की सहायता प्रदान की चा चुकी है। उन्होंने बताया कि जैसे ही अत्याचार से संबंधित मामले उनके विभाग के पास आते हैं, उन तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की जाती है।

मैनवल सैक्वैंजिग की समीक्षा की
बैठक के दौरान उपमंडलाधीश राजेश कुमार ने उप मंडल स्तरीय मैनवल सैक्वैंजिग कार्य की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि टैंक या सीवर लाइन की सफाई कार्य मशीनों के माध्यम से ही होना चाहिए। इसके साथ-साथ कार्य करने वाले लोगों के पास में सुरक्षा के जरूरी उपकरण भी होने चाहिए। उन्होंने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार अगर किसी सफाई कर्मचारी की सीवर सफाई के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रितों को दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।

इसके साथ-साथ सफाई कर्मचारियों की समय-समय पर स्वास्थ्य जांच किया जाना भी जरूरी है और सफाई कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जाना चाहिए। इस दौरान उप पुलिस अधीक्षक अजायब सिंह, तहसीलदार राजेश गर्ग, बीडीपीओ सुशील कुमार, तहसील कल्याण अधिकारी संजय कुमार के अलावा सतर्कता निगरानी कमेटी के गैर सरकारी सदस्य शमशेर सिंह, रविंद्र, राज कुमार आदि मौजूद रहे।

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