May 24, 2024

बाढ़ नियंत्रण उपायों से जुड़े प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करें अधिकारी : डी सी

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झज्जर / 06 अप्रैल / न्यू सुपर भारत

डी सी कैप्टन शक्ति सिंह ने बताया कि जिले के गांव भापड़ौदा, आसंडा, डीघल, बरहाणा, छोछी और  मदाना व धांधलान लिंक  ड्रेन में  कटाव वाले स्थानों को ठीक  करने सहित बाढ़ नियंत्रण प्रबंधन के लिए 19.5 करोड़ की एक दर्जन से ज्यादा योजना एवं परियोजना मंजूर की गई हैं। उपरोक्त गांवों में जलभराव की समस्या रहती थी वहां स्थायी समाधान होगा। स्वीकृत परियोजनाओं को प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि कृषि योग्य भूमि पर जलभराव की समस्या उत्पन्न ना हो सके। सिचांई विभाग द्वारा  इन सभी कामों के टेंडर जारी किए जा चुके हैं व फसल कटाई के बाद इन सभी कामों को शुरू किया जाएगा।  

  डीसी ने मंजूर परियोजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि जिला के भापड़ौदा में आबादी क्षेत्र में बरसात के समय जलभराव ना होने पाए इसके लिए 1.2 करोड़ रुपये की राशि से एक परियोजना को मूर्त रूप दिया जाएगा।  डीघल, छोछी, बरहाणा और मदाणा का बाढ़ पानी धांधलान लिंक ड्रेनों में कुछ कटाव वाले स्थानों की पक्काकरण करने के लिए योजनाओं के लिए 8.97 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि गांव छारा, आसंडा और भापड़ौदा की दो योजनाओं के लिए दो करोड़ चार लाख रुपए भम्भेवा गांव के लिए एक करोड़ 65 लाख गांव बरहाना के लिए 97 लाख की राशि पाईप लाईन दबाने के लिए स्वीकृत की गई है।

कार्यकारी अभियंता ने बताया कि इस राशि से बरसाती पानी को नहरों में डालकर और उसे दोबारा सिंचाई के लिए उपयोग में लाने तथा ड्रेन में डालने संबंधी कार्य सम्पन्न कराए जाएंगे। इन परियोजनाओं के धरातल पर चालू होने से निश्चित रूप से जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी।
डीसी ने  बताया कि गांव गिजाड़ौद, सिलाना व सिलानी में बाढ़ राहत कार्यों के लिए प्रदेश सरकार द्वारा करोड़ों रूपए की राशि स्वीकृति की गई है, जिससे इन गांवों में बाढ़ से राहत मिलेगी।

सिंचाई विभाग द्वारा 54वीं बाढ़ राहत योजना के तहत आगामी 30 जून तक बाढ़ राहत कार्यों को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बाढ़ राहत के लिए स्वीकृत राशि से गांव गिजाड़ौद, सिलानी व सिलाना में बरसात के दौरान पानी निकासी को लेकर ड्रेन नंबर 8 तक पाइप लाइन बिछाई जाएगी। इन परियोजनाओं पर 30 जून तक कार्य पूरा किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृषि योग्य भूमि को जलभराव से मुक्त करने की दिशा में यह परियोजनाएं लाभकारी साबित होंगी।

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