May 25, 2024

शहादत ***तिरंगे में लिपटे अमर शहीद अंकुश के पार्थिव शरीर को देख बिलख उठे हमीरपुर वासी ***राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

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हमीरपुर / 19 जून / रजनीश शर्मा


गलवान घाटी में जिला हमीरपुर के क़ड़ोहता गांव के रहने वाले जवान अंकुश ठाकुर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दे दी गई। शुक्रवार को शहीद जवान के पार्थिव शरीर को सेना की एक टुकड़ी ने पूरे सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव पहुंचाया। राजकीय सम्मान के साथ शहीद के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। सेना की टुकड़ी ने शहीद के पार्थिव शरीर पर राष्ट्रीय ध्वज चढ़ाया तो साथ ही इस टुकड़ी ने श्मशानघाट पर हवा में फायर कर अपने इस जवान को सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।शहीद को छोटे भाई आदित्य ने मुखाग्नि भेंट की ।इस मौके पर हमीरपुर जिला के विभिन्न भागों से आए लोग भी अपने इस शहीद बेटे को अंतिम विदाई देने के लिए भारी संख्या में मौजूद रहे।

बता दें कि तिरंगे में लिपटे शहीद अंकुश ठाकुर के पार्थिव देह को लेकर विशेष विमान शुक्रवार सुबह 10 बजे लेह से चण्डीगढ़ पहुँचा । चण्डीगढ़ से सड़क मार्ग से शहीद की पार्थिव देह हमीरपुर जिला के भोरंज उपमंडल के क़ड़ोहता गाँव लाई गई । यहाँ शहीद अंकुश ठाकुर के अंतिम दर्शनों के बाद बरसेला में पूरे राष्ट्रीय सम्मान के साथ पार्थिव देह को मुखाग्नि दी गई। उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने बताया कि अमर शहीद अंकुश की पार्थिव देह आज सायं 5 बजे इनके पैतृक गाँव पहुँची
शहीद जवान को सलामी देकर अंतिम सम्मान दिया गया। वहीं प्रशासन की ओर से उपायुक्त , एसपी, एसडीएम भोरंज, हिमाचल पुलिस ने अंतिम संस्कार में शामिल होकर शहीद को श्रद्धांजलि दी।

आपको बता दें कि चीन के साथ हुई हाल ही में हुई झड़प में हमीरपुर जिला के कड़ोहता गाँव का वीर सैनिक अंकुश ठाकुर पुत्र अनिल ठाकुर (21) शहीद हो गए। वह 3 पंजाब रेजिमेंट में तैनात थे । शहीद का पार्थिव शरीर लेह से चण्डीगढ़ होते हुए घर लाया जा रहा है । अंकुश ठाकुर 2018 में सेना में भर्ती हुए थे । अत्यंत शांत एवं मिलनसार युवक अंकुश गाँव में सबके दुलारे थे। मेडिकल की पढ़ाई छोड़ उसने देश सेवा को प्राथमिकता दी और चीन सीमा पर शहीद हो गए।

अंकुश ठाकुर के पिता अनिल कुमार और दादा सीता राम भी भारतीय सेना में सेवाएं दे चुके हैं। शहीद का छोटा भाई कक्षा छह में पढ़ाई कर रहा है। माँ उषा देवी बेटे के अचानक बिछुड़ने से सदमे में है तथा गुमसुम है ।

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