May 18, 2024

हर घर पानी, हर घर सफाई: आत्म निर्भर जल सप्लाई योजना से पंडोरी भगत गांव के हर घर पहुंचा साफ पानी

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– गांव के जागरुक नागरिकों की सकारात्मक सोच ने बदली गांव की दशा  
– जल सप्लाई योजना के रख रखाव संबंधी सारी कार्रवाई खुद करती है ग्राम पंचायत जल सप्लाई व सैनीटेशन कमेटी


होशियारपुर, 06 फरवरी / न्यू सुपर भारत न्यूज़ :


जिले का ब्लाक मुकेरियां के गांव पंडोरी भगत में आज से 9 वर्ष पहले जल सप्लाई योजना न होने के कारण गांव के लोग जमीन के नीचे का पानी पीने के लिए मजबूर थे, जिसके कारण अक्सर गांव के लोग पानी से संबंधित बीमारियों से पीडि़त रहते थे। इसके बाद वर्ष 2012 में जल सप्लाई व सैनीटेशन विभाग ने इस गांव को विश्व बैंक के अंतर्गत जल सप्लाई योजना के लिए चुना गया और गांव वासियों के सहयोग से पिछले 9 वर्षों से यह योजना सफलातपूर्वक गांव में चल रही है।


डिप्टी कमिश्नर अपनीत रियात ने बताया कि आत्म निर्भर जल सप्लाई योजना में गांव की ओर से 28 हजार रुपए का अपना लाभार्थी हिस्सा जमा करवाया गया। उसके बाद जल सप्लाई व सैनीटेशन विभाग ने वर्ष 2012 में 36 लाख रुपए की लागत से गांव में जल सप्लाई की यह योजना तैयार कर ग्राम पंचायत जल व सैनीटेशन कमेटी को सौंप दी, जिसके बाद यह कमेटी ही पूरी योजना का रख रखाव करती है। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि गांव की जनसंख्या 570 है और यहां 76 घरों में पीने वाला साफ पानी सुबह से शाम तक लोगों की जरुरत के अनुसार उन्हें मुहैया करवाया जाता है। इस गांव में पानी के कनेक्शन देने के लिए विभाग के सोशल स्टाफ की ओर से गांव की कमेटी के साथ समय-समय पर आई.ई.सी की गतिविधियां की जाती हैं व कनेक्शन और हिसाब-किताब का जरुरी प्रशिक्षण भी दिया जाता है।


अपनीत रियात ने बताया कि जल सप्लाई कमेटी के रख रखाव के लिए गांव के खाते में 24 हजार रुपए अतिरिक्त जमा है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत जल सप्लाई व सैनीटेशन कमेटी की ओर से बड़ी सफलतापूर्वक यह योजना चलाई जा रही है और यह गांव द्वारा सुचारु रुप से चलाई जा रही यह योजना जिले के अन्य गांव के लिए उदाहरण पेश करती है।

ग्राम पंचायत जल व सैनीटेशन कमेटी के चेयरमैन गोपाल दास व सचिव ध्यान चंद ने बताया कि यह गांव पीने वाले साफ पानी का जरुरत अनुसार प्रयोग कर बचत करता है और गांव आत्म निर्भर होने के साथ-साथ जल सप्लाई से बहुत खुश है। उन्होंने बताया कि गांव मेें जल सप्लाई योजना बनने के बाद गांव की नुहार बदल गई है व लोगों में शहर व गांव का फर्क मिट गया है।

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