May 18, 2024

पर्यावरण को बचाने में सहयोग करें किसान: एसडीएम प्रतीक हुड्डा

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टोहाना / 20 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत

किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान व पराली प्रबंधन के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रशासन द्वारा जागरूकता के लिए प्रभात फेरी का आयोजन किया गया। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ सामाजिक-धार्मिक, किसान संगठनों, युवाओं, जनप्रतिनिधियों ने शामिल होकर फसल अवशेष प्रबंधन व पराली न जलाने का संदेश दिया। प्रभात फेरी टोहाना से शुरू हुई और जमालपुर शेखा, अकावली, कुलां, इंदाछुई और चन्दडकलाँ में जाकर लोगों को पराली ने जलाने का आह्वान किया। 

   एसडीएम प्रतीक हुड्डा ने कहा कि पराली जलाने से न केवल प्रदूषण में बढोतरी होती है बल्कि भूमि की उर्वरा शक्ति भी कम होती है। इसलिए किसान भाई प्रशासन की इस मुहिम में अधिक से अधिक योगदान दें और पराली प्रबंधन के लिए आगे आएं। पर्यावरण बचाना हम सभी का दायित्व है। इसलिए सभी को इसमें सहयोग देना चाहिए। उन्होंने किसानों से कहा कि वे फसल अवशेष प्रबंधन के लिए बेलर का उपयोग करें, जिला में बेलर की कोई कमी नहीं है। इसके साथ-साथ सरकार द्वारा पराली प्रबंधन पर प्रति एकड़ एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है।

जागरूकता रैली के अलावा विभिन्न जागरूकता शिविरों के माध्यम से भी आमजन को प्रदेश सरकार की फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया जा रहा है और पराली न जलाने के बारे में भी आह्वान किया जा रहा है। उन्होंने को खेत में धान की पराली को मिट्टी में मिलाने व गांठे बनाने के लिए भी एक हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जिसके लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसलिए किसान अधिक से अधिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाएं ताकि उन्हें योजना का लाभ मिल सके।

-*पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को प्रोत्साहन दे रही सरकार*

सरकार द्वारा फसल अवशेषों का सही प्रबंधन करने के लिए कृषि यंत्रों पर अनुदान भी दिया जाता है जिसके तहत स्ट्रा बेलर मशीन पर अधिकतम छह लाख रुपये तथा स्ट्रा रैक मशीन पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि जिला में 744 कस्टम हायरिंग सेंटर कार्यरत है, जिनके पास कृषि उपकरण उपलब्ध करवाये गये है। पिछले चार वर्षों के दौरान 305 स्ट्रा बेलर मशीन किसानों द्वारा खरीदी गई तथा इस समय जिला में करीब सुपर सीडर 1921 मशीन किसानों के पास हैं। अगर किसान इन मशीनों का उचित शेड्यूल के साथ उपयोग करें तो रबी फसलों खासकर गेहूं की बिजाई आसानी से की जा सकती है, इसलिए किसान खेत में पराली न जलाकर इन मशीनों के द्वारा सीधे रबी फसलों की बिजाई कर पर्यावरण संरक्षण में अपना अहम योगदान दें।उन्होंने किसानों से कहा कि अगर उन्हें ज़रूरत है तो मशीन दूसरे ब्लॉक से उपलब्ध करवा दी जाएगी। 

-*ग्राम स्तर पर गठित कमेटी निगरानी के साथ जागरूकता करें*

एसडीएम ने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए ग्राम स्तर पर कमेटियों का गठन किया गया है। इनमें सरपंच, ग्राम सचिव, पटवारी, कृषि विभाग के कर्मचारी सहित गणमान्य नागरिक शामिल है। यह कमेटी पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखने के साथ ही लोगों को पर्यावरण बारे जागरूक कर रही है। कृषि उपकरणों की किसान को आवश्यकता है तो इस कमेटी से भी संपर्क कर सकते है। उन्होंने कमेटी सदस्यों से भी कहा कि वे किसानों की मदद के लिए तैयार रहे। इस मौके पर बीडीपीओ हुक्म चन्द,  नायब तहसीलदार रमेश कुमार, एसडीओ मुकेश मेहला, एसएमएस डॉ रामेश्वर दास, डॉ अजय ढिल्लो, डॉ संजय सेलवाल, उप अधीक्षक मुकेश बजाज, खंड कृषि अधिकारी प्रविन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद भी मौजूद रहे।

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