June 16, 2024

कोरोना संक्रमण में अभिभावकों को खोने वाले बच्चों की पढ़ाई नहीं होनी चाहिए बाधित : सीजेएम

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फतेहाबाद / 24 अगस्त / न्यू सुपर भारत

कोरोना संक्रमण के कारण जो बच्चे अपने माता-पिता को खो चुके हैं यानि कि उनका निधन इस बीमारी के कारण हुआ है। ऐसे बच्चों के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना लागू की है, जिसके तहत 18 वर्ष की आयु तक ऐसे बच्चों को पालन-पोषण, पढ़ाई इत्यादि हेतु आर्थिक मदद देने का प्रावधान किया गया है। उन बच्चों का दाखिला स्कूलों में करवाए जाने के साथ-साथ सरकार द्वारा दी जाने वाली वित्तीय सहायता अविलंब दिलवाना सुनिश्चित किया जाए।


यह निर्देश मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव डॉ. सविता कुमारी ने लघु सचिवालय द्वितीय खंड के पास एडीआर सेंटर में शिक्षा, चाइल्ड राइट्स व सीडब्ल्यूसी अधिकारियों की बैठक में दिए। सीजेएम ने ऐसे बच्चों के सर्वे का डाटा पोर्टल पर अपलोड करने के भी आदेश दिए। जिला में ऐसे बच्चों का सर्वे किया जा रहा है, अब तक 8 ऐसे बच्चे मिले हैं, जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है।

इन सभी बच्चों की जानकारी www.ncpcr.gov.in/baalswaraj/login पोर्टल पर अपलोड की जा चुकी है। 184 ऐसे बच्चे चिन्ह्ति हुए है, जिनमें माता या पिता में से एक की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई है, उसका डाटा भी ऑनलाइन कर दिया गया है।

सीजेएम डॉ. कुमारी ने कहा कि कोविड -19 के दौरान बेसहारा व अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना लागू की है, जिसके तहत हर महीने 2500 रुपये नगद आर्थिक सहायता के तौर पर दिए जाते हैं तथा बच्चे को संभालने वाले परिवार को 12 हजार रुपये की वार्षिक राशि आर्थिक सहायता के तौर पर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह सहायता बच्चों के 18 वर्ष (वयस्क) होने तक ही दी जाएगी। उन सभी को यह लाभ तुरंत दिया जाए।

सीजेएम ने कोरोना महामारी के दौरान इस प्रकार के पीडि़त बच्चों व उनके परिजनों से अपील करते हुए कहा कि वे जल्द से जल्द  बच्चों के माता-पिता का ब्यौरा महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय में जमा करवाएं, ताकि उन्हें समय रहते योजना का लाभ मिल सके। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर संपर्क किया जा सकता है।

बैठक में सीडब्ल्यूसी चेयरमैन नरेन्द्र मोंगा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी प्रदीप कुंडू, सुरजीत बाजिया, जिला विज्ञान विशेषज्ञ पूजा भारद्वाज, सफाई निरीक्षक महेश कुमार सहित संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।

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