June 17, 2024

भूना के अमरूद उत्कृष्ठता केंद्र में जिला का प्रथम अमरूद एक्सपो

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फतेहाबाद / 30 जनवरी / न्यू सुपर भारत

हिसार मंडल की आयुक्त गीता भारती ने जिला के किसानों से परम्परागत खेती के स्थान पर नवीनतम तकनीक अपनाकर बागवानी को अपनाने का आह्वान किया है। उन्होंने किसानों से कहा कि वे बागवानी फसलों को अपना आर्थिक रूप से स्वावलंबी बन सकते हैं। हिसार मंडलायुक्त सोमवार को भूना में अमरूद उत्कृष्ठता केंद्र में आयोजित प्रथम अमरूद एक्सपो के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रही थी। इस अवसर पर उन्होंने केंद्र में विभाग द्वारा लगाई गई अमरूद की विभिन्न किस्मों के प्लांट का अवलोकन किया। एक्सपो में विभिन्न विभागों व किसानों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन कर जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि किसानों को अपने आमदनी में ईजाफा करने के लिए तकनीकी आधारित खेती करनी होगी। परम्परागत खेती के स्थान पर उन्हें दूसरी फसलों को अपनाना होगा। बागवानी किसानों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिए एक उन्नत प्रकार की खेती है। सरकार भी बागवानी को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन दे रही है और पौधों से लेकर मल्चिंग, लोटनल सहित कई कम्पोनेंट पर किसानों को सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे बागवानी को अपनाए और उसका लाभ उठाए। उन्होंने किसानों से मछली पालन जैसे कृषि आधारित व्यवसाय अपनाने का भी आह्वान किया।

मंडलायुक्त गीता भारती ने कहा कि किसानों को पानी का सदुपयोग करना चाहिए। बागवानी फसलें पानी संरक्षण के लिए उपयोगी है। किसान फव्वारा व ड्रीप सिंचाई के माध्यम से इन फसलों को बो सकते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही है। अनेक महिलाओं ने इस क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करके अपने आप को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे बेटी को अवश्य पढ़ाएं। युवाओं को नशे से दूर करके पीढ़ी को बचाने का काम करें। बच्चों में अच्छे संस्कार डाले और समाज के हित में उनकी ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग करें। उन्होंने महिला जनप्रतिनिधियों से भी आह्वान किया कि वे अपने अधिकारों व शक्तियों का प्रयोग स्वयं करें और समाज व गांव के विकास के लिए काम करें।

परम्परागत खेती के साथ-साथ बागवानी व मछली पालन को भी अपनाएं : डीसी
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त जगदीश शर्मा ने प्रथम अमरूद एक्सपो के आयोजन के लिए उद्यान विभाग के अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम किसानों में जागरूकता लाने का काम करेंगे। यह आयोजन निरंतर जारी रहने चाहिए और किसानों से संवाद बना रहेगा तो सरकार की योजनाओं का लाभ भी उन्हें मिल सकेगा। उन्होंने किसानों से परम्परागत खेती से हटकर बागवानी और मछली पालन करने को कहा। उपायुक्त ने धान की खेती छोडक़र दूसरी फसलों को अपनाने और जमीन बचाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि धान के सीजन में पर्यावरण प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन जाती है।

उन्होंने नशे के विरूद्ध भी लोगों को सचेत रहने को कहा और युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी ऊर्जा का सकारात्मक प्रयोग करें।इस अवसर पर विशेषज्ञों ने किसानों को अमरूद की फसल अपनाने की विधियों बारे तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. श्रवण कुमार ने बागवानी फसलों पर मिलने वाली सब्सिडी और प्रोत्साहन राशि बारे किसानों को जागरूक किया। कार्यक्रम में केंद्र के उप निदेशक डॉ. सुभाष चंद्र, डॉ. हीरा लाल, डॉ. घनश्याम सिहाग, डॉॅ. जग मोहन, डॉ. सुरेश कुमार, सुशील कुमार, डॉ. आरके वालिया व डॉ. पवन कुमार ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार सांझे किए और किसानों को जागरूक किया।

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