June 17, 2024

कोरोना के कारण चद्दर चढ़ा कर मनाया देवता मेला **पहली बार सैंकड़ों वर्ष के दौर में रोका गया प्राचीन देवता मेला

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कोरोना के कारण चद्दर चढ़ा कर मनाया देवता मेला

*आनलाइन विधि से शामिल किए देवी देवता के गुर और पुजारी

सुंदरनगर / 29 मार्च / राजा ठाकुर

सुंदरनगर में प्राचीन और पारंपरिक देवता मेला देवताओं के थड़ों पर पूजा अर्चना कर मनाया है। कोरोना वायरस की वजह से सुंदरनगर में प्राचीन और पारंपरिक देवता मेला का सैंकड़ों वर्ष के दौर में पहली बार रोका गया है। रोक चलते मेला स्थल जवाहर पार्क में बनाए गए देव माहुनाग, कमरूनाग, बड़े योगी देव सहित तमाम देवी देवताओं के बनाए गए स्थल व थड़ों पर रियासत कालीन सुमित्रा श्री महामाया मंदिर के पुजारी आचार्य रोशन शर्मा, राच्य स्तरीय देवता मेला कमेटी के अध्यक्ष एसडीएम राहुल चौहान और सुकेत सर्व देवता कारदार संघ के अध्यक्ष अभिषेक सोनी ने नारियल व चद्दर अर्पित कर सादा रूप से पूजा अर्चना की है। इसके उपरांत सुमित्रा श्री महामाया मंदिर के पुजारी आचार्य रोशन शर्मा ने देव मेला कर प्रचीन परंपरा का निर्वहन करते हुए सुमित्रा श्री महामाया मंदिर में विधि पूर्वक पूजा अर्चना की है।

गुर और पुजारी भी आनलाइन विधि से हुए शामिल
इस दौरान प्रशासन की ओर से जारी सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन के तहत मेला स्थल पर पूजा की गई और प्राचीन देवी देवताओं के गुर और पुजारी भी आनलाइन विधि से शामिल किए गए है।  

कोरोना ने रोका सैंकड़ों वर्ष पुराना देवता मेला 
सुंदरनगर में प्राचीन और पारंपरिक देवता मेला का सैंकड़ों वर्ष के दौर में पहली बार रोका गया है। रोक चलते प्रसिद्ध माता सुमित्रा श्री महामाया मंदिर में सामान्य विधि पूर्वक पूजा अर्चना की गई है। चैत्र मास के वासंतिक नवरात्रि के पांचवे दिन आयोजित होने वाले वर्तमान में राच्य स्तरीय देवता मेले के रूप में मनाए जाने वाले देवता मेले को कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के चलते रद्द् किया गया है। 1620 से 1650 ईस्वी के दौर में दिल्ली में मुगल बादशाह के दौर में राजा को कैद किया गया था। जिन्हे देव माहुनाग ने कैद से मुक्त करवाया था। देवता माहुनाग के विशेष अतिथि के रूप से आंमत्रण और इनके स्वागत के रूप में मेले का आयोजन 1650 ईस्वी के उपरांत सुकेत रियासत के राजा श्याम सेन जी के दौर से शुरू हुआ है। जो जो राजा लक्षमन सेन जी के द्वारा व्याप्त रूप से मनाया जाना लगा। निरंतर राज दरबार से मेला स्थल जवाहर पार्क और शुकदेव में भी मनाया जाता रहा है।

बयान
कोरोना की वजह से थड़ों पर पूजा कर सादा रूप से देवता मेला की पूजा की परंपरा का निर्वहन किया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग के चलते थड़ो पर नारियल और चद्दर चढाने की रश्म पूरी की गई है।

राहुल चौहान, एसडीएम एंव अध्यक्ष, राच्य स्तरीय देवता मेला कमेटी, सुंदरनगर। 

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