June 17, 2024

महिला स्वयं सहायता समूहों के तैयार मास्क को लेकर उत्साह, मिलने लगे ऑर्डर

0

ऊना / 19 मार्च / एन एस बी न्यूज़

कोरोना को देखते हुए मास्क बनाने में जुटे ऊना जिला के 10 महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को बाजार से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिल रहा है। महिलाओं के बनाए मास्क को खरीदने के लिए उन्हें ऑर्डर मिलना शुरू हो गए हैं। इन मास्क को बनाने के लिए एंटी बैक्टीरियल कपड़ा ग्रामीण विकास विभाग की ओर से प्रदान किया जा रहा है और सिलाई के तौर पर एक मास्क बनाने के उन्हें 5 रुपए बतौर मेहनताना मिल रहे हैं। जिला ऊना का एक स्वयं सहायता समूहल प्रतिदिन लगभग 300 मास्क तैयार कर रहा है। हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों के तैयार मास्क को शिमला में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव डॉ. आर.एन. बत्ता ने लॉन्च किया और इन मास्क को शिमला स्थित सचिवालय में हिमाचल प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की दुकान पर बिक्री के लिए रखा गया है। यहां से कोई भी व्यक्ति सस्ती दर पर ट्रिपल लेयर मास्क खरीद सकता है, जो कोरोना वायरस से बचाव करने में सक्षम हैं। प्रत्येक जिला में भी ऑर्डर के मुताबिक मास्क बनाकर भेजे जा रहे हैं। 

जिला ऊना के हरे कृष्णा स्वयं सहायता समूह रक्कड़ की महिलाओं को भी मास्क बनाने का ऑर्डर मिला है। ग्रुप में काम करने वाली महिलाओं सतपाल कौर, दर्शना देवी, नीलम, सुमन, राजकुमारी व नीलम द्विवेदी ने कहा कि मास्क बनाने से लोगों को बहुत फायदा हो रहा है। बाजार में मास्क की कमी से रेट बढ़ गए हैं, ऐसे में वह मास्क बनाकर इस कमी को पूरा कर रही हैं ताकि जरूरतमंद व्यक्तियों को वाजिब दाम पर मास्क उपलब्ध हो सकें। महिलाएं मास्क बनाने का काम पूरी स्वच्छता के साथ कर रही हैं, ताकि इन्हें इस्तेमाल करना वाला स्वस्थ रह सके। 

एसएचजी को दें ऑर्डर

मास्क बनाने के काम की समन्वयक व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की डीपीएम ऊना ज्योति शर्मा ने कहा कि ग्रामीण विकास विभाग सस्ती दरों पर मास्क तैयार कर रहा है और कोई भी दुकानदार या विभाग मास्क बनाने के ऑर्डर दे सकते है। इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग ने रविंदर धीमान को नोडल अधिकारी के रुप में नियुक्त किया है। कोई भी उनके फोन नंबर 8194890099 पर मास्क की सप्लाई के लिए ऑर्डर दे सकता है। इसके अलावा परियोजना अधिकारी डीआरडीए ऊना के कार्यालय में भी संपर्क किया जा सकता है। 

एसएचजी को होगी आय

इस बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने कहा कि कोरोना के चलते मास्क व सैनिटाइजर की मांग पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसे में स्वयं सहायता समूहों के तैयार किए गए मास्क बाजार की कमी को पूरा कर सकते हैं और इससे महिलाओं को आय भी प्राप्त होगी। सरकार ने मास्क व सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तुओं की सूची में डाल दिया है और इन वस्तुओं की बिक्री पर थोक व प्रचून विक्रेता का अधिकतम मुनाफा भी तय कर दिया है। 

एहतियात बरतें, घबराएं नहीं 

इस बारे में ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि जिला ऊना की महिलाओं ने प्लास्टिक फ्री अभियान में कपड़े के बैग बनाकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित की थी और अब कोरोना से लड़ने के लिए भी महिला शक्ति आगे आई है। उन्होंने कहा कि ऊना जिला के साथ-साथ शिमला, कुल्लू व बिलासपुर जिला के महिला स्वयं सहायता समूहों को भी मास्क बनाने के काम के साथ जोड़ा जा रहा है, ताकि बाजार में मास्क की कोई कमी न हो। महिलाओं के बनाए मास्क को खरीदने के लिए स्वास्थ्य विभाग भी आगे आया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को आम लोगों के स्वास्थ्य की चिंता है, ऐसे में बाजार में मास्क की सप्लाई बनाए रखने के लिए ही महिला स्वंय सहायता समूहों को अभियान में जोड़ा गया है। बाजार की मांग के अनुरूप हिमाचल प्रदेश के स्वयं सहायता समूह मास्क बनाने में सक्षम हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *