May 18, 2024

प्री-प्राइमरी स्कूलों के लिए एक प्रकाशस्तंभ बन गया है सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल ढ़ड्डा फतेह सिंह

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होशियारपुर / 9 मई / न्यू सुपर भारत


शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला के कुशल मार्गदर्शन में और सचिव स्कूल शिक्षा श्री कृष्ण कुमार की देखरेख में सरकारी स्कूलों में आधुनिक और गुणात्मक सुधारों  के तहत सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में प्री-नर्सरी कक्षाएं शुरू करने का फैसला दूरदर्शिता प्रचुर साबित हो रहा है।

इस कदम से स्कूलों में बच्चों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि  हो रही है जिस से  शिक्षण पदों की संख्या बढ़ने का रास्ता खुल गया है। यह प्रयोग होशियारपुर जिले में प्रिंसीपल सलिन्दर सिंह, जो विभाग में सहायक निदेशक (प्रशिक्षण) के रूप में कार्यरत हैं, ने अपने स्कूल सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल, ढ़ड्डा फतेह सिंह में बड़े प्रभावशाली ढंग से किया है ।

उन्होने बताया कि शुरू में छोटे बच्चों को प्री-प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश दिया गया और उनके लिए नियमित रूप से शैक्षिक व्यवस्था की गई । इसके तहत बच्चों को डिजिटल तकनीकों के माध्यम से शानदार  रंगदार, सुंदर कमरे और दृश्य-श्रव्य सामग्री के निर्माण के माध्यम से आधुनिक तकनीक से पढाई शुरू करवाई गई।

देखते ही देखते  स्कूल के प्राथमिक विभाग में नामांकित छात्रों की कतार लंबी हो गई। विद्यालय का आकर्षक शैक्षिक वातावरण, आकर्षक गणवेश, मध्याह्न भोजन का प्रभावी प्रबंधन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ने अपना प्रभाव दिखाया है और यह अनुभव बहुत उपयोगी और दूरदर्शी साबित हुआ है।


स्कूल के प्रिंसीपल श्री सलिन्दर सिंह ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा और परिवहन के लिए स्कूल प्रबंधन द्वारा नियमित बस सेवा शुरू की गई है और इस सुविधा  ने विशेष रूप से माता-पिता का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि स्कूल की उपस्थिति और समग्र परिवर्तन के लिए शिक्षा विभाग द्वारा नियमित ग्रांट जारी की गई और साथ ही एनआरआई समुदाय और दानी सज्जनों द्वारा भी उदारता से  योगदान दिया गया है।

यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि ऐसे सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्राथमिक कक्षाओं के शुरू होने से आस-पास के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की संख्या पर कोई असर नहीं पड़ा क्योंकि ढ़ड्डा फतेह सिंह स्कूल केवल निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के उपर ही ध्यान केंद्रित किया है। इसने सरकारी स्कूलों के अच्छे होने और परिवर्तन का संदेश दिया और इससे आसपास के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए एक माहौल भी बनाया। इससे सरकारी स्कूलों में लोगों  का विश्वास बढ़ा है।


यहाँ दिलचस्प पहलू यह है कि सरकारी सीनियर सेकेंडरी समारट स्कूल  ढ़ड्डा  फतेह सिंह  में छात्रों की संख्या हर साल लगभग 450 से 500 रहती रही है, लेकिन प्री-प्राइमरी से लेकर बारहवीं कक्षा तक एक छत के अंदर शुरू करने, स्कूल की अपनी परिवहन सेवा व स्मार्ट स्कूल मॉडल  के साथ इस बार यह संख्या बढ़कर 1300 हो गई है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 13% की वृद्धि है, जो राज्य के औसत से अधिक है और नया दाखिला अभी भी जारी हैं।


शिक्षा विभाग, पंजाब ने अब राज्य भर के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में इस ढ़ड्डा  फतेह सिंह मॉडल को लागू करने की पहल की है, जहां इसे लागू करने की पर्याप्त संभावनाएं हैं। प्रिन्सपल  सलिन्दर सिंह का मानना है कि हालांकि ये छात्र वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में पढ़ रहे हैं, लेकिन वे मूल रूप से प्राथमिक विभाग से जुड़े हुए हैं।

इस वृद्धि से प्राथमिक विभाग में नए पदों की मांग बढ़ गई है और उन्होंने खुद विभाग को प्राथमिक पदों के आवंटन के लिए नियमित विभागीय प्रक्रिया शुरू की है। कुल मिलाकर शिक्षा विभाग की यह पहल एक नया मील का पत्थर साबित होगी।

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