May 26, 2024

द्रंग विकास खण्ड में 73 लाख से बनाए गए हैं 17 अमृत सरोवर

0

मंडी / 22 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत

अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत जिला में 162 सरोवरों का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। अमृत सरोवरों में बरसाती पानी को जमा करके भू-जल स्तर को ऊपर उठाया जा सकेगा। इससे पानी की किल्लत दूर होगी वहीं किसानों को भी इससे सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा। मंडी जिला के दं्रग विकास खण्ड की बात करें तो द्रंग विकास खण्ड में इस योजना के अर्न्तगत 73 लाख रुपये की लागत 17 अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया है। इनके निर्माण से जहां द्रंग के किसानों को तो लाभ मिलेगा वहीं इस इलाके के भेड पालक भी इससे लाभान्वित हो सकंेगे। इस क्षेत्र के भेड़ पालक सर्दियां शुरू होने और खत्म होने पर जब वह अपनी भेड बकरियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते थे तो उन्हें भेड बकरियों को पानी पिलाने की बहुत मुश्किल होती है। अब इन सरोवरों के बन जाने से उनकी यह दिक्कत भी दूर होगी।

73 लाख रुपये की लागत से बनाए गए हैं अमृत सरोवर

योजना के अन्तर्गत द्रंग विकास खण्ड में 17 अमृत सरोवर बनाए गए हैं। इनके निर्माण पर सरकार 73 लाख रुपये की धनराशि व्यय की गई है।  इन अमृत सरोवरों में पानी भंडारण की कुल क्षमता लगभग एक करोड़ लीटर है। जिससे पधर क्षेत्र में भू-जल स्तर को बढ़ाने के साथ-साथ सूखते प्राकृतिक जल स्त्रोतों को रिचार्ज कर उन्हें मूल स्वरूप में वापस लाने में मदद मिलेगीइन पंचायतों में बनाए गए हैं सरोवर

अमृत सरोवरों का निर्माण 14 ग्राम पंचायतों में किया गया है। जिनमें बथेरी, बह, भरारू, लटरान, तरस्वान, सिउन, बल्ह, कचोटधार, जिमजिमा, बिउ, पाली, नोहली, जिल्हन और बरोट शामिल है। ग्राम पंचायत तरस्वान, लटरान और भरारू में दो-दो सरोवर  बनाए गए हैं।क्या कहते हैं ग्रामीण

ग्राम पंचायत सिउन के मोहन सिंह ठाकुर, जितेन्द्र कुमार और किरण ठाकुर का कहना है कि इससे किसान लाभान्वित होंगे। सिंचाई सुविधा होने से वह अब अधिक पैदावार ले सकेंगे। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का धन्यवाद किया है।यह है उद्देश्य

अमृत सरोवरों को बनाने का मूल उद्देश्य किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाकर अनाज के उत्पादन को बढ़ाना, जमीन के अंदर कम होते भू-जल स्तर को बनाए रखना और सूखते प्राकृतिक जल स्त्रोतों को रिचार्ज कर उन्हें मूल स्वरूप में वापस लाना, जीव जंतुओं को पर्याप्त पानी उपलब्ध करवाना, ग्रामीण क्षेत्रों में अमृत सरोवरों के आस-पास के क्षेत्रों का सौंदर्यकरण कर, उन्हें विकसित करना और पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाना आदि शामिल है।पानी की कमी की समस्या का होगा समाधान

पहाड़ी क्षेत्रों में वर्षा जल का प्रवाह अत्यधिक होने से अधिकांश जल बहकर नदीं-नालों में चला जाता है। पानी के साथ-साथ मृदा कटाव भी होता है, जिससे उपजाऊ भूमि की उर्वरता कम होती है। लेकिन इस तरह के अमृत सरोवरों का निर्माण किए जाने से वर्षा जल को अधिक से अधिक मात्रा में संग्रहित किया जा सकता है। जिससे अधिकाधिक क्षेत्र की सिंचाई करते हुए किसानों व बागवानों द्वारा अधिक उत्पादन भी प्राप्त किया जा सकता है।

जिला में 210 सरोवरों का होगा निर्माण

उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि जल संरक्षण और संचयन के उद्देश्य से शुरू की गई अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत मंडी जिला में लगभग 210 अमृत सरोवर बनाए जाने है। इनमें से 162 का निर्माण पूरा कर लिया गया है जबकि 31 दिसंबर, 2023 तक शेष 48 का भी निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।  इससे सूखते प्राकृतिक जल स्रोतों को रिचार्ज कर उन्हें मूल स्वरूप में वापस लाने में मदद मिलेगी और लोगों को कृषि और बागवानी के लिए  सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *