May 18, 2024

जिलाधीश अजय सिंह तोमर ने की चिन्हित अपराध योजना की समीक्षा, अधिकारियों को दिशा दिए निर्देश

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फतेहाबाद / 28 सितंबर / न्यू सुपर भारत

जिलाधीश एवं उपायुक्तअजय सिंह तोमर की अध्यक्षता में लघु सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय में चिन्ह्ति अपराध योजना की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में जिलाधीश एवं उपायुक्त अजय सिंह तोमर, पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी सहित संबंधित अधिकारियों ने कानूनी तकनीकी और विभिन्न प्रकार के केसों के बारे में गहनता से विचार विमर्श किया। उन्होंने चिन्ह्ति अपराधियों के विरूद्ध नियमानुसार उचित कानूनी कार्रवाई करने, साक्ष्यों के बचाव, उनकी सुरक्षा तथा कानूनी पहलुओं द्वारा मजबूत पैरवी करने बारे चर्चा की।

जिलाधीश अजय सिंह तोमर ने पुलिस व न्यायवादी विभाग से कहा है कि वे एनडीपीएस सहित कोर्ट में चल रहे केसों पर तकनीकी पहलूओं का अध्ययन कर पैरवी करें, ताकि अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाई जा सके। बैठक में मामलों से संबंधित बचाव साक्ष्य और तकनीकी कानूनी पहलुओं बारे भी विचार विमर्श किया गया। उपायुक्त ने कहा कि नियमानुसार संबंधित अधिकारी चिन्ह्ति अपराध योजना के लिए उचित कानूनी कार्रवाई अमल में लाएं। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा चिन्ह्ति अपराधों के गवाहों व आरटीआई एक्टीविस्ट को सहायता मुहैया करवाई जाती है, इसलिए नियमानुसार उन्हें सहायता मुहैया करवाना सुनिश्चित करे। मामले जो चिन्हित अपराध योजना व आरटीआई एक्टीविस्ट के तहत आने वाले मामलों की पुलिस विभाग पूरी गहनता से जांच कर रिपोर्ट तैयार करें।

ऐसे मामलों की जांच संबंधित पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट बारे कमेटी के समक्ष अवश्य अवगत करवाया जाए। तकनीकी पहलूओं और साक्ष्यों को पैरवी के दौरान मजबूत तरीके से रखे जाएं।उपायुक्त ने कहा कि अकसर यह देखने में आता है कि कोर्ट में केस की मजबूत पैरवी न होने के कारण अपराधी बच जाते हैं। साक्ष्यों के अभाव और कमजोर पैरवी के कारण ये केस न्यायालय में टिक नहीं पाते। इसलिए कानूनी तकनीकी और विभिन्न प्रकार के केसों में साक्ष्यों के बचाव और उनकी सुरक्षा तथा कानूनी पहलुओं द्वारा मजबूत पैरवी संबंधित अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के पास ऐसा कोई मामला अगर आता है तो उस पर निष्पक्ष रुप से जांच की जाए, जांच के हर पहलु को बारिकी से परखा जाए। उन्होंने सनसनीखेज अपराधों पर भी समीक्षा की और पुलिस विभाग के अधिकारी से कहा कि ऐसे केसों को भी चिह्निïत अपराध के तहत लिए जाए और मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और केस दर्ज करना सुनिश्चित किया जाए।बैठक में पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी, जिला न्यायवादी पूनम वर्मा, डीआईओ रमेश शर्मा, जेल अधीक्षक दयानंद मंडोला, निरीक्षक भगवान दास, राहुल कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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