May 18, 2024

सुखाश्रय: निराश्रित बच्चों का भविष्य संवारने को कार्य योजना तैयार

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मंडी / 23 जून / न्यू सुपर भारत

मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना के तहत मंडी जिला के सभी बाल देखभाल संस्थानों को सुदृढ़ीकरण के लिए कार्य योजना तैयार की गई है ताकि निराश्रित बच्चों को भविष्य संवारने में मदद मिल सके। यह जानकारी अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने बताया कि मंडी जिला में निराश्रित बच्चों के लिए आठ बाल देखभाल संस्थान कार्य कर रहे हैं इसमें 382 के करीब बच्चों की देखभाल सुनिश्चित की जा रही है।

उन्होंने कहा कि बाल देखभाल संस्थानों के बच्चों को शिक्षा की बेहतर सुविधा के लिए सरकारी मॉडल स्कूलों एवं निजी स्कूलों में दाखिला सुनिश्चित किया जाए इस के लिए उप निदेशक शिक्षा विभाग को कारगर कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं इसके साथ इन संस्थानों के बच्चों को स्कूलों तक पहुंचाने के लिए वाहन व्यवस्था की सुविधा भी प्रदान की जाएगी ताकि बच्चों को आवाजाही में किसी भी तरह की दिक्कतें नहीं हों। बच्चों की शैक्षणिक प्रगति के लिए कोचिंग की व्यवस्था भी की जाएगी इस के लिए ट्यूटर नियुक्त किए जाएंगे।

बेहतर कम्यूनिकेशन स्कील को विकसित करने पर विशेष बल दिया जाएगा। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के दृष्टिगत पाठ्यक्रम तथा सामान्य ज्ञान की पुस्तकें भी उपलब्ध करवाई जाएंगी ताकि इन संस्थानों के बच्चे किसी भी स्तर पर पीछे नहीं रहें। उन्होंने कहा कि बच्चों का नियमित तौर पर हेल्थ चेकअप भी किया जाएगा इसमें बच्चों के शारीरिक विकास का सारा ब्यौरा रखा जाएगा तथा बीमारी की स्थिति में उपचार की उपयुक्त व्यवस्था भी की जाएगी।

सर्वांगीण विकास पर रहेगा विशेष फोक्स:
अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने बताया कि सुखाश्रय योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों के बच्चों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा इस के लिए महीने में एक दिन पिकनिक डे के निर्धारित किया जाएगा जिसमें बच्चों को बाजार इत्यादि की विजिट के साथ साथ मूवी शो दिखाने की व्यवस्था की जाएगी। बाल देखभाल संस्थानों में बच्चों के लिए इंडोर गेम्स चैस, लूडो के साथ साथ संगीत सत्र का भी प्रावधान किया जाएगा। बागबानी के प्रति बच्चों में दिलचस्पी पैदा करने के लिए भी उपयुक्त कदम उठाए जाएंगे। अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने बताया कि देखभाल संस्थान के बच्चों को बाहरी राज्यों में शैक्षणिक भ्रमण भी करवाया जाएगा इस के लिए सभी व्यवस्थाएं सरकार की ओर से की जाएंगी।

देखभाल संस्थान के हर बच्चे को मिलेगा संरक्षक
   समाज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को देखभाल संस्थान के बच्चों के संरक्षक के रूप में जिम्मेदारी भी दी जाएगी , देखभाल संस्थान के प्रभारी की उपस्थिति में संरक्षक नियमित तौर पर बच्चों के साथ संवाद स्थापित कर उनके अनुभवों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे तथा उनका मागदर्शन भी करेंगे ताकि देखभाल संस्थान के बच्चों को आ रही दिक्कतों को दूर किया जा सके।  इसके साथ ही जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी बच्चों के संपर्क में रहेंगे। उपायुक्त अनिवार्य तौर पर बच्चों के साथ प्रीति भोज भी ग्रहण करेंगे ताकि बच्चों में आत्मविश्वास पैदा हो।

सामाजिक सुरक्षा तथा कैरियर काउंसलिंग का प्रावधान:
सुखाश्रय योजना के तहत देखभाल संस्थानों के दसवीं से लेकर जमा दो तक के बच्चों की कैरियर काउंसलिंग के लिए भी प्रावधान किया जाएगा इसमें श्रम रोजगार विभाग, तकनीकी शिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान, पूर्व सैनिक कल्याण विभाग तथा विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ बच्चों के कैरियर को लेकर काउंसलिंग करेंगे।  सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से शून्य से 14 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों आरडी खाते में प्रतिमाह एक हजार रूपये जमा करवाए जाएंगे जबकि 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के आरडी खाते में प्रतिमाह 2500 रूपये जमा करवाए जाएंगे ताकि आवश्यकता पड़ने पर बच्चे इस धनराशि का उपयोग कर सकें।

इस अवसर पर कार्यकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी कुंदर हाजरी ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए सुखाश्रय योजना के तहत बाल देखभाल संस्थानों के निराश्रित बच्चों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए तैयार कार्य योजना की विस्तार से जानकारी प्रदान की इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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