May 18, 2024

किशोर अधिनियम के तहत नाबालिग आरोपी किशोर होने का दावा किसी भी न्यायालय में कर सकता है : समप्रीत कौर

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फतेहाबाद / 31 अगस्त / न्यू सुपर भारत

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से वीरवार को जिला वैकल्पिक समाधान केंद्र में किशोर न्याय (बालकों की देखरेख) और संरक्षण अधिनियम विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में मुख्यातिथि के तौर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी समप्रीत कौर ने शिरकत की। विशिष्ट अतिथि के तौर पर उप अधीक्षक शुक्रपाल सिंह, अधिवक्ता कमलेश वशिष्ठ व श्वेता रानी, जिला कोर्डिनेटर लीगल सेल तरुण गेरा मौजूद रहे।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी समप्रीत कौर ने कहा कि देश में 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति को किशोर माना जाता है। किशोर अधिनियम के तहत नाबालिग आरोपी किशोर होने का दावा किसी भी न्यायालय के समक्ष किसी भी स्तर पर, यहां तक की मुकदमे के अंतिम निपटान के बाद भी कर सकता है।

उन्होंने कहा कि 18 साल से कम उम्र के किसी बच्चे के साथ यौन अपराध हुआ या करने का प्रयास किया गया तो ऐसे मामले पोक्सो कानून के तहत आते हैं। यह कानून बच्चों को लैंगिक हमले, लैंगिक उत्पीड़न और अश्लील चित्र व साहित्य के इस्तेमाल जैसे अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि ऐसे अपराधों का निवारण करने के लिए विशेष न्यायालयों की स्थापना की गई है। अपराध से पीडि़त किशोर प्रत्येक थाने पर नियुक्त विशेष किशोर पुलिस यूनिट, स्थानीय पुलिस व टोल फ्री नंबर 1098 या 100 नंबर पर कर सकते हैं।

इस मौके पर उप पुलिस अधीक्षक शुक्रपाल ने कहा कि इस तरह के किसी अपराध की रिपोर्टिंग न करने पर या झूठी शिकायत करने पर सजा का प्रावधान है। हमें बच्चों के साथ दोस्ताना माहौल बनाना चाहिए। पीड़ित का तुरंत मेडिकल चेकअप करवाना चाहिए तथा जरूरत के हिसाब से उसे सुरक्षा मुहैया करवानी चाहिए। न्यायालय के माध्यम से पीड़ित को मुआवजा दिलवाना चाहिए तथा बाल कल्याण समिति के माध्यम से काउंसलिंग करवानी चाहिए। इस मौके पर अधिवक्ता कमलेश वशिष्ठ ने कहा कि यदि पीड़ित की भाषा समझने में दिक्कत है तो ट्रांसलेटर नियुक्त करवाना चाहिए। अनुसंधान अधिकारी को न्यायालय में चालान देने के बाद भी पैरवी करनी चाहिए ताकि पीड़ित को जल्द न्याय मिले। अधिवक्ता श्वेता रानी ने बताया कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से बच्चों को जागरूक करना चाहिए ताकि उन्हें अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी मिल सके।

वहीं दूसरी ओर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी कविता रानी ने बताया कि जिला फतेहाबाद में किशोर न्याय अधिनियम व बच्चों को यौन अपराधों से सुरक्षा बारे जिला के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रूप से पूरे सितंबर माह में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जागरूकता अभियान के संबंध में वीरवार को जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी समप्रीत कौर की अध्यक्षता में कार्यशाला का भी आयोजन किया गया।
एक दिवसीय कार्यशाला में विद्यालयों के लीगल लिटरेसी क्लब इंचार्ज, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैनल अधिवक्ता, पुलिस थानों से जुवेनाइल वेलफेयर अधिकारी, जिला बाल संरक्षण इकाई सदस्य व सीडब्ल्यूसी सदस्य मौजूद रहे।

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