May 25, 2024

जिला के चिन्हित गंभीर कुपोषित बच्चों की करें निरंतर निगरानी- उपायुक्त

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बिलासपुर / 11 मई / न्यू सुपर भारत

जिला में पोषण अभियान की समीक्षा के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारियों व जिला के सभी स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ उपायुक्त पंकज राय की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। उपायुक्त ने बताया कि जिला बिलासपुर में 8 से 14 जनवरी तक स्वस्थ बच्चा स्पर्धा अभियान आयोजित किया गया था।

इस अभियान के दौरान जिला के 31700 बच्चों की पोषण टैªकर एप्प के माध्यम से पहचान की गई तथा विभिन्न मानकों के आधार पर जिला में ऐसे  गंभीर रूप से कुपोषित 46 बच्चों की पहचान की गई थी। इन गंभीर कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए 07 अप्रैल को एम्स कोठीपुरा के सहयोग से एक चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया जिसमें जिला के सभी खण्डों के 35 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।


  उन्होंने बैठक मेें अधिकारियों को परीक्षण से वंचित रह गए गंभीर कुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाने तथा इन सभी 46 बच्चों की निरंतर स्वास्थ्य जांच करवाने तथा उसकी रिपोर्ट हर माह प्रस्तुत करने के आदेश दिए।

उपायुक्त ने बताया कि हिमाचल को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए 15 जून से 30 जून तक अतिसार (डायरिया) सप्ताह का आयोजन किया जाएगा जिसमें 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दो ओ.आर.एस के पैकेट तथा 14 जिंक की गोलियां दी जाएगी। जिसके लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पर्याप्त आपूर्ति व वितरण के निर्देश दिये गए हैं।


उन्होंने कहा कि जिला में पोषण कार्यक्रम की कार्य योजना बनाने तथा उसकी निगरानी के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, जल शक्ति एंव बाल विकास परियोजना अधिकारियों का एक व्हाटसअप ग्रुप भी बनाया गया है। उन्होने कहा कि हर माह की 15 तारिक को प्रत्येक आगंनवाड़ी केन्द्र मंे स्वस्थ शिशु प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी ताकि स्वस्थ शिशु पर अधिक ध्यान देने के साथ साथ बच्चों व माता पिता में स्वस्थ बनने के लिए प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा की जा सकें।

उन्होनें आगंनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों को  अतिरिक्त पोषण के लिए स्थानिय पौष्टिक उत्पादों पर आधारित आहार के एक चार्ट को अतिंम रूप देने के भी निर्देश दियें।


उपायुक्त ने कहा कि नीति आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार गर्भवती महिलाओं व बच्चों में प्रारम्भ से ही कुपोषण को रोकने के लिए गोद भराई व अन प्राशन की संम्भाविंत तिथि की सूची बनाने के अधिकारियों को निर्देश दियें। उन्होने कहा कि कुपोषित बच्चों की जांच के लिए खंण्ड़ स्तर पर चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व पर्यवेक्षकों के माध्यम से कुपोषित बच्चों का फोलोअप किया जाएगा।


बैठक के दौरान पोषण के सात स्तंभों पर किए गए कार्यो पर भी चर्चा की गई। जिसमें मुख्यत अतिसार और निमोनिया का शीघ्र पता लगाना तथा उपचार, जन्म से ही कम वजन के शिशुओं की पहचान करना, उच्च जोखिम वाले बच्चों के लिए प्रौटीन युक्त भोजन पद्धतियों को जोडना, बच्चों में रक्त अल्पता की पहचान करना और उनके आहार के बारे में जागरूकता पैदा करना, कुपोषित बच्चों का उपचार एव अनुवर्तन (फोलोअप) तथा बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन की रणनीतियों पर भी चर्चा की गई।


बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा, जिला पोषण समन्वयक रूचिका उपस्थित रहे, जवकि मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बाल बिकास परियोजना अधिकारी, एवम खण्ड़ चिकित्सा अधिकारी आनलाईन माध्यम से उपस्थित रहे।

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