June 16, 2024

पाकिस्तान के साथ गोलीबारी में देश के लिये शहीद हो गये गांव जनसुई के निर्मल सिंह ***भारी संख्या में लोगों ने शहीद को दी अश्रूपूर्ण विदाई ***जिला प्रशासन के अधिकारियों ने किये पुष्पचक्र अर्पित***हिन्दुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के लगते रहे नारे

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अम्बाला / 22 जनवरी / न्यू सुपर भारत न्यूज़ :-

 शहादत के बगीचे में अपना स्थान सुनिश्चित करते हुए देश का एक और सपूत भारत की आन-बान और शान की सुरक्षा करते हुए देश के लिये शहीद हो गया। पाकिस्तान के साथ गत दिवस हुई गोलीबारी में शहीद हुए जिला के गांव जनसुई के निर्मल सिंह का आज उनके पैतृक गांव में पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। गांव के लोगों के साथ-साथ आस-पास के गांवो के भारी संख्या में लोगों ने शहीद निर्मल सिंह को अश्रूपूर्ण विदाई दी। जिला प्रशासन की ओर से डी.सी. अशोक कुमार, विधायक असीम गोयल, नगर निगम की मेयर शक्ति रानी शर्मा, एसपी हामिद अख्तर, एसडीएम सचिन गुप्ता, पूर्व विधायक जसबीर मलौर, आर्मी के कैप्टन अनूपम वशिष्ठ, अनस तालिब, डीआईपीआरओ धर्मवीर सिंह, भूतपूर्व सैनिक वैल्फेयर से अतर सिंह मुल्तानी व अन्य अधिकारियों ने पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र व पुष्पांजलि चढ़ाकर श्रद्धांजली दी। दाह संस्कार के समय आर्मी की टुकड़ी ने हथियार उल्टे करके, मातमी धुन बजाकर और हवा में गोलिया दागकर शहीद को सलामी दी।

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शहीद निर्मल सिंह का जन्म गांव जनसुई मे हुआ। उनके दादाजी भी सेना से रिटायर्ड थे। उनकी पे्ररणा से निर्मल सिंह वर्ष 2003 में दसवीं जम्मू कश्मीर राईफल में भर्ती हुए। उन्होंने कईं स्थानों पर तथा अग्रिम चौकियों पर रहकर देश की सेवा करते हुए दुश्मनो को छकाया और गत दिवस पाकिस्तान के साथ हुई गोलीबारी में पुंछ क्षेत्र में देश के लिये शहीद हो गये। जैसे ही शहीद का पार्थिव शरीर गांव पंहुचा, गांव के बाहरी क्षेत्र से ही भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। सेना की गाड़ी में शहीद का पार्थिव शरीर घर तक लाया गया। सेना के वाहन के आगे सैंकड़ों की संख्या में लोग तिरंगा लिये पाकिस्तान मुर्दाबाद, हिन्दुस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थेे। शहीद निर्मल सिंह अमर रहे, का नारा भी गंूजायमान हो रहा था।

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जैसे ही सेना की गाडी उनके घर के सामने पंहुची, उस समय गांव की महिलाओं का रूदन बहुत ही हृदयविदारक था। मां और उनकी पत्नी सहित अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। इसी बीच गांव के लोग यह कहते भी नजर आये कि पाकिस्तान को तो निपटा ही देना चाहिए। देश के जवान देश के लिये शहीद हो रहे हैं। हम सबके लिये यह फक्र और गर्व की बात है लेकिन पाकिस्तान जैसे दुश्मन पर करारा वार करना लाजमी है।

मौके पर उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि भारत-पाक सीमा पर जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिला के कृष्णा सैक्टर में भारत-पाक सीमा पर पाकिस्तान ने सीज फायर कर उल्लंघन किया था जिसके चलते हवलदार निर्मल सिंह को गोली लगने से वह घायल हो गये थे और बाद में अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई थी। पार्थिक शरीर को हवाई मार्ग के माध्यम से रजौरी से वायु स्टेशन अम्बाला छावनी लाया गया। यहां से आर्मी के वाहन के माध्यम से पार्थिव शरीर को उनके घर तक लाया गया। गांव के प्रवेश द्वार पर सैंकडों युवाओं ने मोटर साईकल व भारत के तिरंगे के साथ हिन्दुस्तान जिंदाबाद , जब तक सूरज-चांद रहेगा, निर्मल तेरा नाम रहेगा के नारे लगाते हुए व गांव वासियों ने पुष्प वर्षा करते हुए निर्मल सिंह की शहादत पर उन्हें नमन किया।

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स्वर्गीय हवलदार निर्मल सिंह की माता भजन कौर ने बताया कि उन्हें अपने बेटे पर गर्व है, ऐसे बेटे सभी माताओं को मिलने चाहिए, देश की सेवा करने का जजबा उसमें बचपन से ही था। हवलदार निर्मल सिंह को फौज में भर्ती होने की प्रेरणा अपने दादा भगवान सिंह से मिली थी। वर्ष 2003 में निर्मल सिंह आर्मी में भर्ती हुआ था तथा वह बडा ही जोशिला था। देश सेवा का जनून उसमें भरा हुआ था, साथियों का कहना है कि साथी के जाने से यूनिट को भी भारी क्षति हुई है।
अंतिम संस्कार में भारी संख्या में गांववसियों के साथ-साथ, विभिन्न राजनैतिक, धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी व प्रतिनिधि शामिल हुए।


बॉक्स:-यहां बता दें कि बीते कल निर्मल सिंह की मृत्यु की खबर उनके परिजनों को मिली थी। उनका पार्थिव शरीर आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके घर से शमशान घाट तक लाया गया। यहां पर शहीद निर्मल सिंह के 4 वर्षीय बेटे वंशदीप सिंह ने पार्थिव शरीर को मुखाग्नी दी।
बॉक्स:-स्वर्गीय हवलदार निर्मल सिंह अपने पीछे अपनी माता भजन कौर, पत्नी गुरविन्द्र कौर, 9 वर्षीय बेटी हरमनदीप कौर, 4 वर्षीय बेटा वंशदीप तथा अपने छोटे भाई के साथ-साथ अपनी तीन बहनों को छोड़ गये हैं। हवलदार निर्मल सिंह के पिता त्रिलोक सिंह की कईं वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है तथा उसके दादा भगवान सिंह की भी लगभग दो वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है।

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