June 17, 2024

“आजादी का अमृत महोत्सव” विषय पर एफओबी शिमला द्वारा वेबीनार आयोजित

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शिमला / 24 अगस्त / न्यू सुपर भारत

भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के शिमला स्थित फील्ड आउटरीच ब्यूरो द्वारा आज “आजादी के अमृत महोत्सव” विषय पर वेबिनार आयोजित किया गया ।

1857 की क्रांति से लेकर 1947 तक की आजादी की जंग में हिमाचल का अहम योगदान रहा है। ये बात हिमाचल प्रदेश के प्रख्यात इतिहासकार और लेखक प्रोफेसर ओम प्रकाश शर्मा ने बतौर मुख्य प्रवक्ता वेबीनार में कही।

प्रोफेसर ओ. पी. शर्मा ने “हिमाचल की स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका” विषय पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इस दौरान कहा कि 1857 की क्रांति भले ही बैराकपुर और मेरठ से शुरू हुई हो, लेकिन उसकी आंच हिमाचल तक पहंची। प्रो0 शर्मा ने बताया कि कैसे 1857 की क्रांति से प्रभावित होकर अंबाला छावनी के अंतर्गत आने वाले ब्रिटिश सेना के भारतीय सिपहियों ने कसौली, जतोग आदि स्थानों पर विद्रोह का बिगुल फूंका।

इस दौरान हिमाचल के सुबेदार भीम सिंह, राम प्रसाद बैरागी और दारोगा बुद्धि सिंह ने विद्रोह की आग में स्वयं की शहादत दी। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि कांगड़ा घाटी भी 1857 के विद्रोह की धरती रही है।

प्रो0 शर्मा ने जानकारी दी कि हिमाचल स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े कई आंदोलने की भूमि भी रही है। इन आंदोलन में बैगार, बेट, भूमि आंदोलन, कुठार किसान आंदोलन आदि शामिल हैं, जिनके मार्फत देश वासियों में आजादी पाने की ललक जगी। उन्होंने कहा कि 1921 से 1934 के बीच महात्मा गांधी 10 बार हिमाचल आए। इस दौरान उनसे प्रेरणा लेकर हिमाचल में सूकेत सत्याग्रह, बिलासपुर का झुग्गा सत्यग्रह हुआ। प्रो0 शर्मा ने बातया कि किस तरह पछोता और धामी गोली कांड ने लोगों को आजादी की लड़ाई के लिए जागृत किया।

वेबिनार में राजकीय कन्या महाविद्यालय की एनसीसी विंग की एसोसिएट प्रोफेसर कैपटेन लक्ष्मी ने प्रतिभागियों को नेशनल कैडिट कार्प यानी एनसीसी की नेशन बिल्डिंग में क्या भमिका है, विषय पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एनसीसी में छात्रों को अनुशासन, भाईचारा और जाति मजहब से ऊपर उठ कर देश सेवा करने का प्रशिक्षण दिया जाता है। और यही छात्र सेना में और सशत्र बलों में जाकर देश सेवा करते हैं। कैपटेन लक्ष्मी ने इस मौके पर एनसीसी के इतिहसा के बार में भी जानकारी दी।

वेबीनार में वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत रीजनल आउटरीच ब्यूरो चंडीगढ़ की सहायक निदेशक श्रीमती संगीता जोशी ने की। उन्होंने इस अवसर पर बताया कि देश आजादी का अमृत महोत्सव उन स्वतंत्रता सेनानियों के लिए मना रहा है, जिनके कारण आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं।वेबीनार में कालेजों के छात्र -छात्राअें ने वक्ताओं से कई प्रश्न भी किए।

वेबीनार के अंत में पीआईबी शिमला के उप निदेशक श्री तारीक राथर ने हिमाचल प्रदेश के स्वतंत्रता इतिहास से जुड़ी अहम जानकारी के लिए प्रो. ओपी शर्मा और एनसीसी के बारे में बताने के लिए कैपटेन लक्ष्मी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के संग्राम की कहानियां हमें भी देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्ररेणा देती हैं।

कार्यक्रम का संचालन फील्ड आउटरीच ब्यूरो शिमला के प्रभारी श्री अनिल दत्त शर्मा ने किया। वेबीनार में विभिन्न कालेजों के छात्र-छात्राओं, अध्यापकों और रीजनल आउटरीच ब्यूरो चंडीगढ़ के कई पदाधिकारियों ने भी भाग लिया। इस वेबीनार में राजकीय कन्या महाविद्यालय की एनसीसी विंग की छात्राओं समेत कई अन्य कालेज के लगभग 100 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।

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