June 16, 2024

बिरले ही होते हैं बोस सरीखे देशभक्त: गोविंद

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हमीरपुर / 8 अगस्त / न्यू सुपर भारत

नेताजी सुभाष चंद्र बोस सरीखे राष्ट्रभक्त बिरले ही होते हैं जो अपना सर्वस्व स्वतंत्रता आंदोलन में न्यौछावर कर देते हैं। हमीरपुर महाविद्यालय में इतिहास विभाग स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की भूमिका का पुर्नलेखन राष्ट्रीय संगोष्ठी द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की भूमिका का पुर्नलेखन पर ठाकुर राम सिंह इतिहास शोध संस्थान नेरी व कोलकाता के मौलाना अबुल कलाम एशियाई अध्ययन संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने यह बात कही।

उन्होंने कहा कि देश की प्रथम स्वतंत्र सरकार के प्रधानमंत्री व रक्षामंत्री होने का गौरव सुभाष चंद्र बोस को प्राप्त है। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नारे तुम मुझे खून दो, मैं तुमहें आजादी दूंगा ने भारतीयों की रगों में जोश भर दिया। उन्होंने कहा कि हमीरपुर के युवाओं में सेना में भर्ती होने को लेकर भारी क्रेज है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा जगत में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का हर घर तिरंगा अभियान देशभर में राष्ट्रवाद की भावना जागृत करेगा। उन्होंने घोषणा की कि हमीरपुर कालेज में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य मूर्ति स्थापित की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय महाविद्यालय में विशाल आडिटोरियम बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

कार्यक्रम अध्यक्ष विधायक नरेंद्र ठाकुर ने कहा कि 48 साल की अल्पावधि में नेताजी ने दुनिया के सामने मिसाल पेश की। भारत की स्वतंत्रता के बाद नेताजी जिस सम्मान के हकदार थे वो उन्हें नहीं मिला। उन्होंने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद उनके बलिदान को सही सम्मान मिल सका।

ठाकुर राम सिंह इतिहास शोध संस्थान के निदेशक डा. चेत राम गर्ग ने बतौर बीज वक्ता अपने संबोधन में कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने आईसीएस जैसी सेवा का त्याग कर अपना सर्वस्व स्वतंत्रता संग्राम में झौंक दिया। उन्होंने कहा कि नेताजी स्वामी विवेकानंद व उनके गुरू स्वामी राम कृष्ण परमहंस के विचारों से प्रभावित होकर महान क्रांतिकारी बने। उन्होंने आह्वान किया कि सभी लोगों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जीवनी को पढक़र आत्मसात करना चाहिए।

महाविद्यालय की प्राचार्य डा. अंजू बता सहगल ने कार्यक्रम का वृत्त रखा और शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर, विधायक नरेंद्र ठाकुर व चेतराम को महाविद्यालय परिवार की ओर से सम्मानित किया।
राष्ट्रीय संगोष्ठी क आयोजन सचिव व महाविद्यालय के इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. संजय कुमार व समंवयक डा. राकेश शर्मा ने इस संगोष्ठी के महत्व से अवगत करवाया।

इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में हिप्र के अलावा जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश राज्यों से प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। आज दो तकनीकी सत्रों में 20 शोध पत्र पढ़े गए।

कायक्रम में उप प्राचार्य डा. मधुर स्वर मिश्रा, हिप्र केंद्रीय विश्वविद्यालय से प्रो. नारायण राव, चुरू राजस्थान से सुरेंद्र डी. सोनी, इंदिरा कला केद्र दिल्ली से धर्म चंद चौबे, ओएसए के सलाहकार कर्नल एसडी शर्मा, पूर्व प्राचार्य प्रो. पीसी पटियाल, डा. एचएस जम्बाल, प्रो. आरसी ठाकुर, प्रा. जेएस चौहान, मंडल महामंत्री सुरेश सोनी, पीटीए कोषाध्यक्ष पवन धीमान, सलाहकार राज गोपाल सहित छात्र छात्राए ं उपस्थित रहे।

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