तहसीलदार नूरपुर ने गोद लिया स्कूल।
पन्दरेहड स्कूल के बच्चे अब एलसीडी से सीखेंगे पढ़ाई तथा कंपीटिशन के गुर।
तहसीलदार नूरपुर ने गोद लिया स्कूल।
पांच लोगों ने ग्रामीण प्रतिभाओं को निखारने का लिया जिम्मा।
नूरपुर ( पंकज ) – शिक्षा सर्वांगीण विकास का मूल आधार है।प्रदेश सरकार ने शिक्षण संस्थानों में बच्चों की साल दर साल घटती संख्या पर गंभीर चिंतन करते हुए न केवल बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिये इन संस्थानों के ढांचागत विकास हेतु विशेष प्रयास किये हैं, बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार लाकर बच्चों को गुणात्मक तथा संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान करने की दिशा में विशेष पहल की है। प्रदेश सरकार ने बच्चों के भविष्य को सवांरने के लिये पिछड़े तथा आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग व ग्रामीण क्षेत्रों में छुपी प्रतिभाओं को निखारने के लिये कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। जिससे न केवल इन सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि परीक्षा परिणामों में भी इन संस्थानों के बच्चे शीर्ष स्थान हासिल कर रहे हैं।
बच्चों की कम संख्या के कारण नूरपुर शिक्षा खंड के तहत प्राइमरी स्कूल पन्दरेहड जिसे 10 वर्ष पहले बंद कर दिया गया था। स्थानीय विधायक राकेश पठानिया ने इस स्कूल को दोबारा खोलने के लिये प्रदेश सरकार से मामला उठाया तथा सरकार ने बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए गत अप्रैल माह से इस स्कूल को दोबारा खोलने का निर्णय लिया। स्थानीय पंचायत प्रधान सिकंदर राणा तथा लोगों की मेहनत से इस स्कूल में पहले साल ही 18 बच्चों ने दाखिला लिया है। स्थानीय पंचायत प्रधान ने अपने बच्चों को भी प्राइवेट स्कूल से निकाल कर इस स्कूल में दाखिला करवा कर एक नई मिसाल पेश की है।
ज़िलाधीश राकेश कुमार प्रजापति ने अधिकारियों से भी एक-एक प्राइमरी स्कूल अथवा आंगनवाड़ी केंद्र को गोद लेने का आग्रह किया था। जिसके लिये उन्होंन�