June 16, 2024

सोमभद्रा ने ग्रामीण महिलाओं की तकदीर को संवारा, समूह बढ़े-पैसा भी बढ़ा

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ऊना / 8 अप्रैल / न्यू सुपर भारत

जिला ऊना के स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को सोमभद्रा ब्रांड नेम मिलने के बाद ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। अगस्त 2021 में सोमभद्रा ब्रांड लॉन्च हुआ और एक वर्ष से भी कम की अवधि में 31 मार्च 2022 तक स्वयं सहायता समूहों ने 7.45 लाख रुपए का व्यवसाय किया है। सोमभद्रा उत्पादों की सबसे अधिक डिमांड धर्मशाला के सरस मेले में रही, जो 21 मार्च से 30 तक आयोजित किया गया। निश्चित रूप से अधिक बिक्री ने ग्रामीण परिवेश की महिलाओं की आमदनी को बढ़ाया है।

सोमभद्रा की सफलता से गदगद जिला प्रशासन ऊना व ग्रामीण विकास विभाग सोमभद्रा ब्रांड को ऊंचाईयों पर पहुंचाने के लिए मिलकर निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने कहा कि जहां विभिन्न मेलों में प्रदर्शनी लगाकर उत्पादों को ग्राहकों तक पहुंचाया जा रहा है, वहीं बौल में शक्ति केंद्र तथा मुबारिकपुर में वाओ मार्ट शुरू किया गया। इन केंद्रों पर सोमभद्रा उत्पादों को बेचने के लिए रखा गया है। इसके अतिरिक्त जंगल हार्वेस्ट कंपनी के साथ भी एमओयू साइन किया जा रहा है, ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोमभद्रा ब्रांड का स्वाद पहुंच सके।

राघव शर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन का प्रयास है कि स्वयं सहायता समूहों को बाजार के साथ जोड़ा जाए, ताकि महिलाओं आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।सोमभद्रा ब्रांड की पहचान बढ़ने का असर है कि जिला ऊना में स्वयं सहायता समूहों की संख्या निरंतर बढ़ रही है और इससे जुड़ने वाली महिलाओं की तादाद भी। वर्ष 2020-21 में जहां जिला ऊना में 410 समूहों का गठन किया गया, वहीं वर्ष 2021-22 में इनकी संख्या बढ़कर 496 हो गई। साथ ही समूहों को ऋण के रूप में दी जाने वाली धनराशि भी बढ़ी है।

पिछले वर्ष 31 मार्च 2021 तक जिला ऊना के 181 स्वयं सहायता समूहों को बैंकों से क्रेडिट के रूप में 5.15 करोड़ दिए गए, वहीं इस वर्ष 31 मार्च 2022 तक जिला के 242 समूहों को 7.33 करोड़ प्रदान किए गए। जिलाधीश राघव शर्मा ने कहा कि पहले स्वयं सहायता समूह अचार, तेल, सेवइयां, बड़ियां, सिरका, शहद जैसे उत्पाद अपने-अपने स्तर पर बनाकर बेचते थे, जिसके कारण महिलाओं को सीमित लाभ ही मिल पाता था।

लेकिन सोमभद्रा ब्रांड बनाकर जहां सभी स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों में क्वालिटी पर ध्यान दिया गया, वहीं पैकिंग को आकर्षक बनाने के लिए आरसेटी व अन्य खाद्य प्रसंस्करण संस्थानों के अनुभवी अधिकारियों के माध्यम से प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए गए हैं। बेहतर गुणवत्ता व नई पहचान मिलने से सोमभद्रा उत्पादों के खरीददारों की संख्या बढ़ी है। 

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