May 18, 2024

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पहुंचे पावंटा साहिब, आपदा प्रभावित क्षेत्रों का किया दौरा

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पावंटा साहिब / 12 अगस्त / न्यू सुपर भारत

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सिरमौर के पावंटा साहिब पहुँचे और आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान वह आपदा प्रभावित परिवारों से मिले। उन्होंने आपदा प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करने जा आश्वासन दिया। नेता प्रतिपक्ष सिरमौरीताल भी गये और भूस्खलन में अपना सब कुछ गंवाने वाले परिवार से मिले और अपनी शोक संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा जीवन की हानि बहुत दुःखद है। पीड़ित परिवार से मिलकर मन वेदना से भर गया। ईश्वर मृतकों की आत्मा की शांति प्रदान करे और परिजनों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की क्षमता प्रदान करे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राजवन स्थित सीसीआई के एडिटोरियम गये और आपदा प्रभावित परिवारों से मिलकर उनका हाल चाल जाना। उन्होंने सीसीआई के अधिकारियों को आपदा प्रभावितों की हर संभव मदद करने का आग्रह किया। इस मौक़े पर उनके साथ शिमला के सांसद सुरेश कश्यप और पावंटा साहिब के विधायक सुखदायक चौधरी भी मौजूद रहे। 

नेता प्रतिपक्ष ने सिरमौरी ताल में एक ही परिवार के पाँच लोगों के निधन को बड़ी क्षति बताया, उन्होंने कहा गाँव में वह घर सबसे सुरक्षित स्थान पर था परंतु भूस्खलन की चपेट में आ गया। उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए सरकार से निवेदन किया कि आपदा प्रभावितों की ज़्यादा से ज़्यादा और जल्दी से जल्दी सहायता की जाए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भारतीय जानता पार्टी भी सिरमौरीताल के प्रभावित परिवार की मदद करेगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता आपदा प्रभावित के साथ खड़ा है। नेता प्रतिपक्ष आपदा प्रभावित गिरीबस्ती भी गये और वहाँ के आपदा प्रभावितों से मिलकर उनका हाल-चाल जाना। उन्होंने सरकार से आपदा प्रभावितों को जल्दी से जल्दी राहत प्रदान करने की माँग की। 

नेता प्रतिपक्ष ने कच्ची ढाँक का भी दौरा किया। कच्ची ढाँक के पास नेशनल हाईवे बार-बार भूस्खलन के कारण बंद हो जाता है। इस मुद्दे पर उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों से बात की और नेशनल हाई को खोलने को निर्देश दिये। इसके साथ ही उन्होंने एनएचएआई के अधिकारियों को कच्ची ढाँक के पास बार-बार हो रहे भूस्खलन के स्थाई समाधान खोजने और वैकल्पिक मार्ग खोजने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बीस साल से यह समस्या बनी हुई है, इसलिए इसका स्थायी समाधान किया जाना आवश्यक है। एनएचएआई के अधिकारियों ने उनके निर्देशों को अतिशीघ्र अमल में लाने का भरोसा दिया। 

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