June 18, 2024

पेयजल की आपूर्ति, खपत और ब्लिचिंग पाउडर की मात्रा की ऑन लाइन मिलेगी जानकारी उपायुक्त ने जल शक्ति विभाग को कहा, तैयार करें पायलट प्रोजेक्ट

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– लंबे समय से लंबित विधायक प्राथमिकता वाली नाबार्ड स्कीमों को नई प्राथमिकता में बदलने के लिए संबंधित विधायक से किया जाए आग्रह 


– निजी भूमि विवाद के कारण रुकी सड़क परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में ली जाए स्थानीय जन प्रतिनिधियों की मदद 


– लोक निर्माण विभाग को गैर वन भूमि अनुपलब्धता प्रमाण पत्र मिलने में नहीं होगा विलंब


– लंबित मामलों की सूची वन विभाग के साथ की जाए साझा

चम्बा / 3 मार्च / न्यू सुपर भारत



लंबे समय से नाबार्ड की विधायक प्राथमिकता वाली वे स्कीमें जो किसी कारण लंबित चल रही हैं उन्हें नई प्राथमिकता में परिवर्तित करने के लिए संबंधित विधायक के साथ लोक निर्माण विभाग आग्रह करे ताकि नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित होने वाली स्कीमों को अमलीजामा पहनाया जा सके। उपायुक्त डीसी राणा ने यह बात आज लोक निर्माण और जल शक्ति विभागों द्वारा नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित होने वाली विभिन्न स्कीमों के कार्यान्वयन की प्रगति के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता दिवाकर पठानिया ने अवगत करते हुए कहा कि सड़कों और पुलों की कुछ योजनाएं निजी भूमि विवाद या वन भूमि के चलते अभी लंबित हैं।

उपायुक्त ने कहा कि इस तरह की तमाम योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए लोक निर्माण विभाग स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ वार्ता करें ताकि योजनाओं के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि लोगों को भी सड़कों के महत्व को समझते हुए स्वयं आगे आना चाहिए। परियोजना की डीपीआर तैयार करने में गैर वन भूमि अनुपलब्धता प्रमाण पत्र के मुद्दे पर उपायुक्त ने आश्वस्त करते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग को इस प्रमाण पत्र को प्राप्त करने के लिए लंबे समय का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उपायुक्त ने कहा कि आगामी राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में सभी राजस्व अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए जाएंगे। उपायुक्त ने यह भी कहा कि जो योजनाएं और स्कीमें वन विभाग के स्तर पर लंबित हैं उनकी सूची विभाग वन विभाग के साथ साझा करे ताकि उन पर भी जल्द कार्रवाई अमल में लाई जा सके। उपायुक्त ने जल शक्ति विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि विभाग छोटी स्कीमों के बजाय बड़ी योजनाओं को प्राथमिकता दे।

उन्होंने विभाग को पेयजल गुणवत्ता की भी निरंतर जांच करने के निर्देश दिए जल। जल शक्ति विभाग के अधीक्षण अभियंता रोहित दुबे ने बताया कि चंबा जिला में कुछ बड़ी पेयजल योजनाओं के कार्य भी प्रगति पर हैं। अभी हाल ही में 18 करोड़, 13 करोड़ और 10 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली तीन  योजनाओं को भी मंजूरी मिली है। उपायुक्त ने ये भी कहा कि चम्बा  नगर में शेष बचे वे उपभोक्ता जिन्होंने अभी सीवरेज सुविधा से जुड़ना है उन्हें विभाग आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर मुहैया करे। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी यदि कोई उपभोक्ता सीवरेज कनेक्शन लेने से गुरेज करता है तो उसके खिलाफ विभाग प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर परिषद के साथ मिलकर  संयुक्त रुप से कार्रवाई सुनिश्चित करे। उपायुक्त ने बनीखेत कस्बे में पेयजल की किल्लत के स्थाई समाधान के अलावा वहां सीवरेज व्यवस्था को लेकर भी कार्य योजना तैयार करने के लिए कहा ताकि मौजूदा परिदृश्य और आने वाले समय की जरूरत के मुताबिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकें।

 अधीक्षण अभियंता जल शक्ति रोहित दुबे ने बताया कि विभाग घरों में रोजाना की पेयजल आपूर्ति, खपत और पानी में ब्लीचिंग पाउडर की मात्रा की ऑनलाइन जानकारी के लिए वेब आधारित सिस्टम तैयार करने की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है। इस कार्य को विभाग टाटा कंसल्टेंसी के माध्यम से शुरू करने जा रहा है। उपायुक्त ने निर्देश देते हुए कहा कि जल शक्ति विभाग चंबा जिला में भी इसको लेकर एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार करे ताकि उसके क्रियान्वयन और उपयोगिता का आकलन किया जा सके। बैठक में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक साहिल स्वांगला, जिला योजना अधिकारी गौतम शर्मा के अलावा उपमंडलीय मृदा संरक्षण अधिकारी वाईआर चौहान और डॉ शैलेश सूद भी मौजूद रहे।

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