May 18, 2024

कोविड-19 से सावधानी एवं सर्तक रह कर ही बचा जा सकता है, लोगों को इस वैश्विक महामारी के बारे में जागरूक करने के लिए सूचना, जन सम्पर्क एवं भाषा विभाग द्वारा प्रिंट एवं इलैक्ट्रोनिक मीडिया/सोशल मीडिया के अलावा प्रचार वाहन का भी लिया जा रहा है सहारा

0

*जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी धर्मवीर सिंह

नरायणगढ़ (अम्बाला) / 18 सितम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़    

जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी धर्मवीर सिंह ने कहा कि कोविड-19 से सावधानी एवं सर्तक रह कर ही बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि लोगों को इस वैश्विक महामारी के बारे में जागरूक करने के लिए विभाग द्वारा प्रिंट एवं इलैक्ट्रोनिक मीडिया/सोशल मीडिया के अलावा प्रचार वाहन का भी सहारा लिया जा रहा है।            

उन्होंने बताया कि प्रति दिन प्रचार वाहन के द्वारा जिला के शहरी क्षेत्र के अलावा दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में भी विभाग के क्षेत्रीय अमले के कर्मचारी जाकर लोगों को कोरोना वायरस के बारे में तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के बारे में जानकारी दे रहे है। उन्होंने बताया कि अम्बाला शहर, अम्बाला छावनी, बराड़ा तथा नारायणगढ उपमण्ड़लों में लोगों को फेस मास्क लगाने, नियमित रूप से साबुन एवं पानी से 20 सैकण्ड तक हाथ धोने या सेनिटाइजर का प्रयोग करने तथा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन आदि करने की सलाह दी जा रही है।                  

डीआईपीआरओ धर्मवीर सिंह ने कहा कि आयुर्वैद को हमारें प्राचीन ग्रंथों में स्वास्थ्य के लिए सदैव लाभाकरी बताया गया है। ऐसे समय में जबकि कोरोना वैश्विक महामारी फैल रही है तो इम्यूनिटी बढाने के लिए आयुर्वैदिक जड़ी बुटियों का सहारा भी लिया जा रहा है। कोविड-19 की महामारी के चलते आयुष मंत्रालय एवं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी विभिन्न एडवाईजरी जारी की गई है। जिनकी जानकारी भी लोगों को दी जा रही है। हालांकि आयुष मंत्रालय/स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि एडवाइजरी में बताई गई बातें कोविड-19 का इलाज नहीं हैं। लोग अपनी सहूलियत, उपलब्धता एवं अनुभव के आधार पर इनका प्रयोग कर सकते हैं।          

आर्युवैद चिकित्सकों के अनुसार घर पर ही शुण्ठी (सौंठ), इलायची, लौंग व तुलसी आदि का काढा (ग्रीन टी) पीने का परामर्श दिया जा रहा है। ताकि हल्की खांसी, जुखाम या हल्के बुखार में फायदा हो सके। लोगों को सुपाच्य एवं शुद्ध भोजन करने की हिदायत दी जा रही है। आयुर्वेद की जड़ी बूटियों से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की भी सलाह दी जा रही है।                 

लोगों से अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें गर्म पानी, काढ़ा का निरंतर सेवन करें। लोगों को बताया जा रहा है कि वे गर्म पानी व काढा का सेवन प्रतिदिन करें और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाये। कोविड-19 के इलाज की अब तक कोई दवा नहीं बनी है। ऐसे में इम्युनिटी को मजबूत करने वाले कदम उठाने चाहिए। 

इम्युनिटी बढ़ाने के लिए सुझाए गए उपाय- आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देश में हमेशा गर्म पानी पीने और योगासन, प्राणायाम और ध्यान लगाने जैसे कदम शामिल हैं। हर सुबह च्यवनप्राश खाने और हल्दी मिला दूध पीने की सलाह भी दी गई है। डायबिटीज के मरीजों को शुगर फ्री च्यवनप्राश लेने को कहा गया है। ग्रीन टी को भी फायदेमंद बताया गया है। नाक में तिल या नारियल तेल या घी की कुछ बूंदे डालने को भी कहा गया है। सूखी खांसी या गले में खराश होने पर दिन में एक बार पुदीना की पत्तियों या आजवाइन की भाप लेना फायदेमंद है। शक्कर या शहद में लौंग पाउडर मिलाकर दिन में दो से तीन बार लेना भी खांसी या गले की खराश से निजात दिला सकता है। इनसे सूखी खांसी और गले की खराश में ही राहत मिलती है। किसी भी तरह से लक्षण बढऩे पर डॉक्टर की सलाह लें।काढ़ा भी फायदेमंद-आयुष मंत्रालय ने अपने सुझावों में काढ़ा पीने का सुझाव भी दिया है। दिन में एक या दो बार तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च, सूखी अदरक और मुनक्का का काढ़ा पीना सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। स्वाद के लिए इसमें गुड़ या नींबू भी मिला सकते हैं। भारतीय परिवारों में खांसी, जुकाम और सेहत से जुड़ी कई छोटी-मोटी परेशानियों के लिए लोग काढ़ा पीते हैं। आमतौर पर काढ़ा बनाते समय उपरोक्त चीजों को पानी में उबालते हुए मात्रा को करीब आधा कर दिया जाता है। सुझाव- नियमित तौर पर गुनगुना पीना पिएं, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के आप पानी में तुलसी रस की कुछ बूंदें डालकर पी सकते हैं। शरीर के इम्यून सिस्टम को दुरूस्त रखने के लिए आपको नियमित तौर पर उचित मात्रा में आंवला, एलोवेरा, गिलोय, नींबू आदि का जूस पीना चाहिए। इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाए रखने के लिए आप नियमित तौर पर तुलसी की 5 पत्तियां, 4 काली मिर्च, 3 लौंग, एक चम्मच अदरक का रस शहद के साथ ले सकते हैं। गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीने से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *