May 18, 2024

नर सेवा ही नारायण सेवा:-राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय

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अम्बाला / 15 दिसम्बर / न्यू सुपर भारत

नर सेवा ही नारायण सेवा है। श्रीमद्भगवतगीता में भी कहा गया है, महर्षय: सप्त पूर्वे चत्वारो मनवस्तथा । मद्भावा मानसा जाता येषां लोक इमा: प्रजा: । इस श्लोक का भावार्थ है कि भेदभाव रहित सृष्टि ईश्वर के समान हैं। ऋषियों के त्याग, तप व परहित की परम्परा को जीवन का आधार बनाएं। सभी ऐसे मानव बने और मानवता का सम्मान करते हुए मानव की सेवा में लीन हों।

गीता के इस सन्देश से प्रेरणा पाकर लगभग एक हजार पूर्व येरूशलम में आर्डर आफ सैंट जॉन के आदेशानुसार बीमारों, घायलों की सेवा, देख-रेख के लिए इस संस्था का अस्तित्व हुआ था। यह अभिव्यक्ति हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय आज बुधवार को सनातन धर्म कालेज अम्बाला छावनी में 26वीं राज्य स्तरीय एम्बूलेंस प्रतियोगिता के समापन अवसर पर  बतौर मुख्य अतिथि अपने सम्बोधन में कही। इस मौके पर गृह, शहरी स्थानीय निकाय एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विशिष्ठ अतिथि के तौर पर शिरकत की।


मुख्य अतिथि व विशिष्ठ अतिथि ने कॉलेज के सभागार में लगाये गये रक्तदान शिविर का भी दौरा किया और रक्तदाताओं को बैज लगाकर उनको प्रोत्साहित किया। यहां पंहुचने पर गृहमंत्री अनिल विज ने राज्यपाल को पुष्पगुच्छ देकर उनका अभिनंदन किया।

इससे पहले सनातन धर्म कॉलेज के मैदान में रैड क्रास व कॉलेज द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का राज्यपाल व गृहमंत्री ने अवलोकन भी किया। मुख्यअतिथि व विशिष्ठ अतिथि ने इस मौके पर सेंट जोन एम्बूलेंस का ध्वज फहराया और सेंट जोन एम्बूलेंस ब्रिगेड के वालिंटियर द्वारा किये गये मार्च पास्ट की सलामी ली तथा परेड का निरीक्षण भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि व विशिष्ठ अतिथि तथा उपस्थित मंचासीन अधिकारियों ने सेंट जोन एम्बूलेंस व रैड क्रास द्वारा तैयार की गई वार्षिक पत्रिका का विमोचन किया तथा इस दौरान पब्लिक रिलेशन हैल्प फाउंडेशन को भी लॉंच किया।


राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने एसडी कालेज अम्बाला छावनी में हरियाणा सेंट जोन एम्बूलेंस द्वारा आयोजित 26वीं राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के समापन अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि प्रतिभागियों द्वारा डैमो के माध्यम से किसी आपदा में फसे व्यक्ति को निकालने के लिये जो कार्य किया जाता है, वह सराहनीय है। सेंट जोन एम्बूलेंस व रैड क्रास सोसायटियों द्वारा सामाजिक क्षेत्र के दृष्टिगत मानवता की सेवा के लिये जो कार्य किया जा रहा है, वह सराहनीय है।

उन्होंने कहा कि 10 जुलाई, 1877 में इग्लैंड में सैन्ट जॉन एम्बूलैन्स एसोसिएशन की स्थापना की गई तथा कारखानों में कार्यरत लोगों को प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाना शुरू किया था। जून, 1887 में एम्बूलैन्स बिग्रेड्स का गठन किया गया, जिसमें प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण प्राप्त लोगों को गठित करके यह संस्था बनाई गई थी। जिसका मुख्य कार्य किसी भी घायल व चोट ग्रस्त व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देकर सही सलामत उस व्यक्ति को डॉक्टरी चिकित्सा के लिए हस्पताल तक पहुंचाना है।


उन्होंने कहा कि वैसे तो भारत में भी भारतीय सैन्ट जॉन एम्बूलैन्स एसोसिएशन 1877 से ही स्थापित थी, परन्तु इसकी विधिवत स्थापना 1912 में की गई तथा 1913 में गृह परिचर्या का प्रशिक्षण शुरू किया गया।  पिछले वर्ष यानि 2020 से पूरे विश्व में कोरोना महामारी का कहर बरपा है। ऐसे में जब देश में नहीं पूरी दुनिया में सब कुछ स्थिर हो गया था तो हमारे स्वयंसेवियों, समाजसेवियों, धार्मिक, सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं ने कठिनाई के इस दौर में लोगों के बीच में रहकर लोगों की सहायता की है। इससे समाज सेवा का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत हुआ है। इससे प्रेरणा लेकर आज लोगों में मानव-सेवा का भाव और अधिक जागृत हुआ है।  


मानव सेवा ही सच्चा धर्म है। इसी उक्ति को चरितार्थ करने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की युवा शक्ति को चैनेलाइज किया है। भारत वर्ष युवाओं का देश है और युवा समाज सेवी कार्यों में अपना योगदान भी सिद्ध कर रहे है। देश के युवाओं ने ही भारत जागो और विश्व जगाओ का बीड़ा उठाया है।


अपने सम्बोधन में राज्यपाल ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान को शुरू कर लिंगानुपात में सुधार के लिए एक नए युग की शुरूआत की है। इस अभियान से देश का हर नागरिक जुड़ा है। जिससे लडकियों की संख्या में गुणात्मक वृद्धि हुई है। देश में आयुष्मान भारत, स्टार्ट-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत, आत्मनिर्भर भारत, एक भारत-श्रेष्ठ भारत जैसी योजनाएं व कार्यक्रम लागू किए गए हैं। आज देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। देश के जाने-अनजाने वीर शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों को गरिमापूर्ण ढंग से याद किया जा रहा है।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 मार्च 2015 को हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरूआत की थी। उस समय लिगांनुपात 871 था, जो बढक़र 904 से अधिक हो गया है। राज्य सरकार की महिला कल्याण सम्बन्धि नीतियों और योजनाओं के कारण लिगांनुपात में निरंतर वृद्धि हो रही है।

प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृृ वंदना योजना, महिला एवं किशौरी सम्मान योजना तथा मुख्यमंत्री दूध उपहार योजना पूरी तरह लागू करके महिलाओं को लाभान्वित किया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 में महिला एवं बाल कल्याण विभाग के लिए बजट 1621 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 2021-22 बजट में 60 हजार करोड़ से भी अधिक राशि का प्रावधान किया गया है।

हरियाणा आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना को लागू करने वाला पहला राज्य है। ‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’में हरियाणा के 15.5 लाख लाभार्थी परिवारों को सम्मिलित किया गया है।। इसमेें 5 लाख रुपये तक सालाना मुफ्त इलाज किया जा रहा है। अब तक 26.48 लाख गोल्डन कार्ड बनाए गये व 2 लाख 83 हजार मरीजों का 322 करोड़ रुपये की लागत से मुफ्त इलाज किया गया है।

उन्होंने सभी युवाओं से अपील है कि वे शहीदों की शहादत से प्रेरणा लेकर देश की मजबूती के लिए कार्य करें और सैन्ट जॉन एम्बूलैन्स, रेड-क्रॉस सोसायटी जैसी स्वयं सेवी एवं समाज सेवी संस्थाओं से जुडकर इन सभी अभियानों और कार्यक्रमों को चरम तक ले जाएं ताकि भारत वर्ष फिर से दुनिया की अग्रिम पंक्ति में सबसे आगे खड़ा हो।  किसी भी देश-प्रदेश की तरक्की में समाज सेवी व स्वैच्छिक संस्थाओं के साथ-साथ युवाओं का महत्वपूर्ण योगदान होता है। हरियाणा में युवा कल्याण के कार्यकर्मों के चलते प्रदेश ने खेलों व सामरिक क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। आज पूरे देश का ही नहीं बल्कि दुनिया का हरियाणा की युवा शक्ति की ओर ध्यान आकर्षित हुआ है।


राज्यपाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में सैन्ट जॉन एम्बूलैन्स द्वारा बहुत सराहनीय कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2019-20 तथा 2020-21 में 4,934 लोगों को सैन्ट जॉन एम्बूलैन्स का आजीवन सदस्य बनाया गया तथा 11,541 स्वयं सेवकों को सैन्ट जॉन एम्बूलैन्स के साथ जोड़ा गया। यह उपलब्धियां हरियाणा प्रदेश में सैन्ट जॉन एम्बूलैन्स के क्रियाकलापों को गौरवान्वित करती हैं तथा नौजवानों को समाजसेवा से जुडऩे के लिए प्रेरणा प्रदान करती है। आज यहां रक्तदान शिविर भी आयोजित किया गया है। जिसमें युवाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया है। उन्होंने सभी रक्त-दाताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभाकामाएँ भी दी।


राज्यपाल ने कहा कि आज जो प्रतियोगिता आयोजित की गई है इस प्रकार के आयोजन ही आप की कार्य क्षमता व ज्ञान को बढ़ाने के साथ-साथ आपको किसी भी आपदा में सहायता प्रदान करने के लिए जागृत करते हैं। उन्होंने सभी विजेता टीमों को बधाई ददी और आशा व्यक्त की कि आप मानवता की सेवा में जुटे रहेंगें तथा निरन्तर प्रगति करते रहेंगें ।

उन्होंने सैन्ट जॉन एम्बूलैन्स हरियाणा राज्य केन्द्र को इन प्रतियोगिताओं के सफल आयोजन पर तथा संस्था के अच्छे कार्यों के लिए भी बधाई दी। आज मुझे सैन्ट जॉन एम्बूलैन्स, हरियाणा राज्य द्वारा आयोजित 26वीं राज्यस्तरीय एम्बूलैन्स प्रतियोगिताओं के समापन समारोह पर आपके बीच आकर अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। आप सभी प्रतिभागी इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए बधाई के पात्र हैं।

इस मौके पर गृह, शहरी स्थानीय निकाय एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि रेडक्रॉस के सभी उद्देश्य मानव गुणों के विकास के लिए बेहद जरूरी हैं और मानवता हमें यह बताती है कि हमें दूसरों की मदद क्यों करनी चाहिए। हम इस पृथ्वी को एक साथ मिलकर बेहतर बना सकते हैं और इसे एक बेहतर रूप प्रदान कर सकते हैं।

शांति और खुशहाली से भरा विश्व कितना सुंदर और मनोरम लगेगा जिससे यहां रहना कितना सुखद होगा। एक भारतीय के तौर पर मुझे लगता है कि रेड क्रॉस अभियान में कही गई सारी बातें भारतीय मूल में निहित हैं। हम सभी भारतीय यह जानते हैं कि भारतीय संस्कारों और संस्कृति में इस बात का जिक्र कई बार हुआ है कि समस्त विश्व के लोग हमारे अपने बंधु बांधव हैं।

गीता का सबसे बड़ा ज्ञान यही है कि वसुधैव कुटुम्ब, जिसका अर्थ होता है कि हम सभी वासुदेव की संताने हैं एवं उन्ही के परिवार के सदस्य भी हैं। विश्व में मौजूद कोई भी इंसान चाहे वो किसी भी जाति, धर्म, समुदाय का हो, सर्वप्रथम वह मानव है और उसे एक मानव के तौर पर मानवता जरूर दिखानी चाहिए। एक भारतीय होने के नाते रेड क्रॉस के सभी मूल्यों को अपने दैनिक जीवन में उतारे एवं इसके उद्देश्य को सफल बनाकर दुनिया को खूबसूरत परिवेश के रूप में बदलें।


सैन्टजॉन एम्बूलैन्स संस्था आर्डर आफ  सैंट जॉन के आदेशानुसार बीमारों, घायलों की सेवा, देखरेख के लिए येरूशलम में गठित हुई। 19वी. सदी में इंग्लैण्ड में ओद्यौगिक क्रांति आई तथा उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों को अकसर चोट लगना, खून बहना तथा अंगों के कट जाने के कारण ऐसे व्यक्तियों के लिए प्राथमिक उपचार की आवश्यकता महसूस हुई। 10 जुलाई, 1877 में इंग्लैंड में सैन्ट जॉन एम्बूलैन्स एसोसिएशन की स्थापना की गई तथा कारखानों में कार्यरत लोगों को प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाना शुरू किया था।

मैं आप सभी को बताना चाहूॅगा कि जून, 1887 में एम्बूलैन्स बिग्रेडस का गठन किया गया, जिसमें प्राथिमक चिकित्सा प्राप्त लोगों को गठित करके यह संस्था बनाई गई थी, जिसका मुख्य कार्य किसी भी घायल को दुर्घटना से, आगजनी से, दबने से या दम घुटने से और मशीनों से कोई भी दुर्घटना जैसे कि अंग कटना, खून बहने इत्यादि से ग्रस्त किसी भी व्यक्ति को प्राथमिक उपचार देकर सही सलामत उस व्यक्ति को डाक्टरी चिकित्सा के लिए हस्पताल तक पहुँचाना है।

उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम इस प्रकार की एम्बूलैन्स प्रतियोगिताएं जबलपुर में सन् 1904 में रेलवे द्वारा आयोजित करवाई गई थी। भारत में पहली एम्बूलैन्स व नर्सिंग डिविजन (पारसी एम्बूलैन्स डिविजन ) का गठन मुम्बई में जून माह तथा पारसी नर्सिंग डिविजन का गठन अक्तूबर माह सन 1905 में किया गया था। वैसे तो भारत में भी भारतीय सैन्ट जॉन एम्बूलैन्स एसोसिएशन 1877 से ही स्थापित थी परन्तु इसकी विधिवत स्थापना 1912 में की गई तथा 1913 में गृह परिचर्या का प्रशिक्षण शुरू किया गया तथा 1926 में पहली केसिट डिविजन का गठन किया था।

हरियाणा में सैन्टजॉन एम्बूलैन्स 1971 में बनी थी तब से लेकर यह संस्था प्राथमिक सहायता व गृह परियर्चा का प्रशिक्षण तथा एम्बूलैन्स बिग्रेड के गठन के क्षेत्र में निरन्तर प्रगति कर रही है। कोरोना काल के दौरान सैटजॉन एम्बूलेंस के स्वयंसेवकों तथा ब्रिगेड के सदस्यों ने जिस लगन से मानवता को बचाने के लिए काम किया वह बहुत प्रशंसनीय है तथा इन सबकी इस सामाजिक भावना के कारण अनेक लोगों की जिन्दगी भी बच पाई।

गृहमंत्री ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी के दौरान हरियाणा की जिला शाखाओं द्वारा हरियाणा स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कोरोना को हराने का कार्य देश में सबसे उल्लेखनीय रहा है। इसमें लगभग 5 हजार स्वयंसेवक युवाओं द्वारा अपनी सेवाएं प्रदान की गई। कोरोना काल में आपातकालीन सेवाओं के लिए एम्बूलेंसों का प्रबन्ध भी किया गया था और मास्क, सेनिटाईजर, दस्ताने भी वितरित किए गए थे।

इसके अलावा, जरुरतमन्द लोगों तक खाने के पैकट और सूखा राशन पहुचाने का काम भी किया। जब पहली बार 23 मार्च 2020 को लॉकडाउन लगा तब अन्य प्रदेशों के लोग जो लेबर का कार्य करने प्रदेश में आए हुए थे, वो सभी अपने-अपने घरों/स्थानों की ओर कूच करने लगे। उस दौरान हरियाणा सरकार द्वारा रैडकास व सैंटजॉन की मदद से शैल्टर होम बनाए गए थे, इन शैल्टर होम में खाने-पीने, योगा, मैडिटेशन के साथ-साथ काउंसलिंग का कार्य रैडकास व सैटजॉन स्वयंसेवको द्वारा किया गया।

अनिल विज ने कहा कि कोरोना काल के दौरान वृद्धजन तथा ऐसे लोग जिनके बच्चे विदेशों में रहते हैं, उन लोगों को अकेलापन महसूस होने लगा था तथा वे स्वयं असहाय महसूस कर रहे थे, परन्तु रैडकास ने ऐसे लोगों के लिए हैल्पलाईन नम्बर जारी कर तथा जब भी किसी व्यक्ति का फोन आया, रैडकास व सैंटजॉन ने अपने स्वयंसेवक भेजकर उन लोगों के घर पर उनकी जरूरत अनुसार राशन सामग्री, दवाईयां तथा अन्य सामान तुरन्त पहुंचाने का काम किया, जो एक बहुत ही सहरानीय कार्य था। कोरोना महामारी में जब डाक्टरों से सम्पर्क नहीं हो पा रहा था तब हरियाणा रैडकास ने 20 डॉक्टरों का एक पैनल तैयार करके हैल्पलाईन नम्बर जारी कर दिया। कोरोना के दौरान होम आईसोलेट व्यक्तियों ने डॉक्टरों से फोन के माध्यम से बातचीत करके अपनी समस्याओं का समाधान पाया।

गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी अभिव्यक्ति में आगे कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब पूरे भारतवर्ष में कोरोना से ग्रस्त व्यक्तियों को ऑक्सीजन की कमी महसूस हुई और लोगों को आक्सीजन का सिलेन्डर मिलने में असुविधा होने लगी, तब रैडकास व सैटजॉन ने हरियाणा सरकार के साथ मिलकर इस समस्या से निजात पाने के लिए रैडकास व सैंटजॉन की गाडिय़ा, रैडकास व सैंटजॉन के कर्मचारी रैडकास के साथ कार्यरत संगठन एवं रैडकास व सैंटजॉन के स्वयंसेवकों को आक्सीजन सिलैन्डर वितरित करने की जिम्मेदारी दी गई, जिसका निर्वहन बड़ी सरलता से किया गया। इस मिशन में काम करने वाले सभी व्यक्ति बधाई के पात्र है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते हुए केवल और केवल मानव जीवन बचाने का कार्य किया।

उन्होंने कहा कि आपको यह भी बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि फ रीदाबाद रैडक्रास ने भारत विकास परिषद, राजस्थान एसोसिएशन फरीदाबाद, एफ.आइ.आई. फरीदाबाद के साथ मिलकर 70 बैड का कोविड केयर सैन्टर तैयार किया, जिसमें हरियाणा राज्य शाखा द्वारा 40 आक्सीजन कस्टटेर दिए गए और कोविड-19 के दौरान शवों का संस्कार करने के लिए रेडक्रॉस व सैंटजॉन के स्वयंसेवकों ने अपनी सेवाएं प्रदान की और शवों का संस्कार कर मानवता के लिए एक मिसाल कायम की। रैडकास की रक्तदान सेवाओं के लिए विशेष पहचान है और हमारे रक्तदाताओं के हौसलें के कारण हरियाणा जनसंख्या आधार पर रक्त एकत्रित करने में देश का अग्रणी प्रदेश है।

यहां पर रक्त के अभाव में किसी भी जरुरतमन्द की जान नहीं जा सकती चाहे होल ब्लड हो या कम्पोनेन्टस हो, हमारे रक्तदाता अपनी सेवाओं के लिए हमेशा तैयार रहते है। कोरोना काल में भी थैलिसिमियक बच्चे, जिनका जीवन रक्त पर ही निर्भर है उनको भी रक्त की कमी नहीं आने दी। इसके अलावा, प्रसव, दुर्घटना व विशेष सर्जरी के दौरान यहां रक्त की कमी नहीं आने दी जाती है।


मंत्री अनिल विज ने कहा कि हमारे लिए यह भी गर्व की बात है कि सैंटजॉन एम्बूलेंस हरियाणा राज्य केन्द्र प्राथमिक सहायता तथा गृह परिचर्या प्रशिक्षण में पिछले 16 वर्षों से देश में प्रथम स्थान पर रहा है। हरियाणा राज्य केन्द्र को वर्ष 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में पूरे भारत वर्ष में अधिकतम प्राथमिक चिकित्सा एवं गृह परिचर्या प्रशिक्षण देने के लिए राष्ट्रीय मुख्यालय, नई दिल्ली द्वारा ट्रेनिंग शील्ड से सम्मानित भी किया गया।  

लोगों का सैंटजॉन के प्रति एक विश्वास पैदा हुआ है और लोगों ने सैंटजॉन की गतिविधियों के साथ तन, मन से जुडक़र सैंटजॉन की सदस्यता को बढ़-चढक़र लिया है, जिसका परिणाम यह हुआ कि हरियाणा सैंटजॉन राज्य केन्द्र को पूरे भारत में वर्ष 2018-19 में सैंटजॉन अधिकतम मैम्बरशिप के लिए राष्ट्रीय मुख्यालय द्वारा मैंम्बरशिप शील्ड द्वारा सम्मानित किया गया।


उन्होंने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताएं आप के कार्य क्षमता व ज्ञान को बढ़ाने के साथ-साथ आपको किसी भी आपदा में सहायता प्रदान करने के लिए सजग रखती है। उन्होंने सभी विजेता टीमों को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि सभी मानवता की सेवा में जुटे रहेंगें तथा निरन्तर प्रगति कर आगे बढ़ते रहेंगे।

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