June 2, 2024

सचिव शिक्षा ने प्रदेश शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली का लिया जायजा

0

धर्मशाला / 29 अप्रैल / न्यू सुपर भारत

सचिव शिक्षा डॉ. अभिषेक जैन ने आज शनिवार को हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के सभागार में बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक कर शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। इस मौके बोर्ड के अध्यक्ष और उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल तथा सचिव स्कूल शिक्षा बोर्ड डॉ. विशाल सहित बोर्ड के सभी अधिकारी उपस्थित रहे। डॉ. अभिषेक जैन ने शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों से उनके कार्यों का ब्योरा लेते हुए, शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली को दुरुस्त करने के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम को तैयार करते समय बच्चों का समग्र विकास ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

टॉपर्स को दिए जाएं मेडल
उन्होंने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में दसवीं और बारहवीं कक्षा में शिक्षा बोर्ड के टॉपर्स को मेडल देकर सम्मानित किया जाए। उन्होंने कहा कि जो मेधावी बच्चें वर्ष भर मेहनत करके स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में श्रेष्ठ स्थान प्राप्त करते हैं, उनका सम्मान करना हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले बच्चों को बोर्ड स्कॉलरशिप तो देता ही है लेकिन राज्य स्तर पर एक कार्यक्रम आयोजित कर टॉपर्स को बोर्ड द्वारा अच्छे मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया जाए। उन्होंने इस कार्यक्रम में बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को बुलाने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।

अन्य राज्यों के मॉडल किए जाएं स्टडी
सचिव शिक्षा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड को अपनी सार्थकता और गुणवत्ता बढ़ाने की ओर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें देश के अन्य स्कूल बोर्डस् को स्टडी कर उनमें से श्रेष्ठ चीजों को अपने पाठ्यक्रमों और व्यवस्थाओं को अपनी कार्यप्रणाली में सम्मिलित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए उन्हें योग, सांस्कृतिक पहलू, भाषा, खेल-कूद और हिमाचल से जुड़ी जानकारी उपलब्ध हो इसके लिए भी पाठ्यक्रम में प्रयास करने चाहिए।

परीक्षाओं से जुड़े कामों में बरती जाए पारदर्शिता
उन्होंने कहा कि बच्चें बोर्ड परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए वर्षभर कड़ी महनत करते हैं। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं से जुड़े सभी कार्यों में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों के भविषय को लेकर सजग है और उनसे जुड़े पहलुओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही सहनीय नहीं है। उन्होंने कहा कि पेपर सेटिंग और पेपर चेकिंग की व्यवस्था में पारदर्शिता का पूरा ध्यान दिया जाए। साथ ही निरंतर इस प्रक्रिया में रोटेशन की जाए। उन्होंने कहा कि इन प्रक्रियाओं से संबंधित कहीं भी कोई सुधार की आवश्यकता हो तो उसे तुरंत करें।

इन बातों पर दिया जाए ध्यान
डॉ. जैन ने कहा कि समय के साथ शिक्षा बोर्ड को अपनी कार्यप्रणाली में भी कुछ आवश्यक बदलाव करने चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के समय में कार्यों को करने के लिए सब्जेक्टिविटी से ज्यादा ओब्जेक्टिविटी पर बल दें। उन्होंने कहा कि इसके साथ तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग कर डिजिटाइजेशन की ओर बढ़ें।

निफ्ट कांगड़ा में ‘फैशन शिक्षाः दृष्टिकोण और क्रियाकलाप’ विषय पर वार्तालाप
इससे पूर्व डॉ. अभिषेक जैन ने निफ्ट कांगड़ा में छात्रों के साथ पारस्परिक वार्तालाप किया। “फैशन शिक्षाः दृष्टिकोण और क्रियाकलाप” विषय पर आयोजित इस संवाद में विद्यार्थियों नेे सचिव शिक्षा से बात-चीत की। इस दौरान फैशन क्या है, फैशन के क्षेत्र में आने वाली विभिन्न समस्याएं, फैशन के विभिन्न तथ्य, फैशन के क्षेत्र में व्यापकता के स्तर पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में हमारे देश का स्थान कहाँ है? इन सभी विषयों पर मुक्त चर्चा हुई, जिसमें छात्रों व अध्यापकों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

उन्होंने कहा कि हमारे देश और प्रदेश में पहने जाने वाली पारंपरिक पौशाकें विश्वभर में एक ब्रांड के रूप में स्थापित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचली टोपी-शॉल, आदि ही इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। उन्होंने शिक्षार्थियों से कहा कि अपने पारंपरिक पहनावे को फैशन के रूप में प्रमोट करने के लिए हमें प्रयास करने चाहिए।

उन्होंने छात्रों को फैशन के क्षेत्र में अपना व्यवसाय बनाने के लिए प्रेरित किया, इसके साथ ही उन्होंने बहु-आयामी शिक्षा को अपनाने पर भी जोर दिया। हिमाचल प्रदेश के छात्रों को भी फैशन के क्षेत्र में बढ़-चढ़ कर भाग लेने के लिए अनुरोध किया। उन्होंने फैशन शिक्षा को ज्ञान के साथ-साथ व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित कर, फैशन शिक्षा को व्यापक स्तर पर प्रसारित करने का आह्वान भी किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *