May 18, 2024

विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक व व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करें शिक्षक : डीसी

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झज्जर / 12 जून / न्यू सुपर भारत  

डीसी कैप्टन शक्ति ङ्क्षसह ने कहा कि देश के विकास में नई शिक्षा नीति का अहम योगदान है और शिक्षकों को गुगल की तरह विद्यार्थियों का साथी बनकर गुणवत्तापरक व व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करनी चाहिए। नई शिक्षा नीति में व्यवहारिक शिक्षा को प्राथमिकता दी गई है। डीसी कैप्टन शक्ति सिंह सोमवार को झज्जर स्थित पीएम श्री राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित जिला जनभागीदारी सम्मेलन में शिक्षकों,अभिभावकों और विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।

डी सी ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में निपुण हरियाणा मिशन को प्रभावी रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है,जिससे सरकार की नई शिक्षा नीति को भी बढ़ावा मिल रहा है। निपुण हरियाणा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिबद्धता के साथ आगे कदम बढ़ाए जा रहे हैं,जिससे कार्यक्रम के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं।डीसी ने स्कूल हाल परिसर में शिक्षा विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। कार्यक्रम में पहुंचने पर डीईओ राजेश कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए शिक्षा विभाग से जुड़ी योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।डी सी ने दोहराया कि जिस देश की शिक्षा नीति कमजोर होगी,वहां विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि तीन से आठ वर्ष के बच्चों को निपुण हरियाणा के माध्यम से रुचिकर और मनोरंजक ज्ञान देकर उनका विकास किया जाए।

उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और अभिभावकों ने बच्चों के भविष्य की नींव मजबूत करने के लिए बागडोर शिक्षकों के हाथों में सौंप रखी है। प्रोजेक्ट निपुण के नाम से ही जाहिर है कि हम बच्चों की दैनिक दिनचर्या को मजबूत बनाते हुए उन्हें हर क्षेत्र में निपुण बनाएं।  उन्होंने दोहराया कि शिक्षक सदैव पूजनीय हैं और बच्चों को निपुण बनाना प्रत्येक शिक्षक का परम कर्तव्य है।

डी सी ने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे स्कूलों के माहौल को रोचक बनाकर बच्चों को किताबी ज्ञान प्रदान करें,स्कूल परिसरों की दीवारों  पर शैक्षिणक सामग्री अंकित की जाए,जिससे बच्चों के ज्ञान में वृद्धि हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि स्कूलों में विभाग द्वारा समय समय पर प्रदान की जानी विषयों संबंधी किट का समुचित उपयोग किया जाए।डी सी ने कहा कि विद्यार्थी की लेखन कला को मजबूत करने के लिए खेल के दौरान पहचान वाले अक्षरों को लिखना, चित्र बनाने का प्रयास, पहचानने योग्य अक्षरों को लिखना, पेंसिल को ठीक से लिखना, अपने नाम को पहचाने के साथ ही उनको सक्षम बनना भी निपुण हरियाणा मिशन का हिस्सा है। इस मिशन के माध्यम से युवा पीढ़ी में  आधारभूत और बुनियादी साक्षरता को मजबूत करके देश के लिए एक उज्जवल भविष्य का सपना देखा जा सकता है।

डी सी ने कहा कि शिक्षक निपुण हरियाणा मिशन को जमीनी स्तर पर मजबूती देने और संख्यात्मक बोध को बढ़ाने, वस्तुओं की गिनती और 10 तक की संख्याओं को गिनना और पहचानना, एक क्रम में वस्तुओं, आकृतियों , चित्रों को लिखना और व्यवस्थित करने पर विशेष फोकस रखें,ताकि बच्चों को निपुण बनाया जा सके।

डी सी ने कहा कि  निपुण हरियाणा मिशन को सफल बनाने में जुटे शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि जनभागीदारी के माध्यम से  चल रहे मिशन में सरकार के इस प्रयास के सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं। आज जिला में  सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है और वह मॉडर्न निजी स्कूलों को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। यह सब शिक्षकों की मेहनत का परिणाम है। कार्यक्रम में नई शिक्षा नीति और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या फ्रेमवर्क विषय पर पैनल वार्ता आयोजित की गई।  

कार्यक्रम में इन गणमान्य अधिकारियों की रही उपस्थिति
इस अवसर पर डाइट माछरौली के प्राचार्य बीपी राणा, डीईईओ सुभाष भारद्वाज, निपुण हरियाणा कार्यक्रम के जिला समन्वयक  डॉ  सुदर्शन पूनिया, बीईओ बेरी अशोक कादियान, नवोदय स्कूल कलोई के प्राचार्य राजरत्न तिवारी , डीपीसी विनोद लांबा,अर्थशास्त्र प्रवक्ता मीनाक्षी शर्मा, मा. महेंद्र सिंह सभी बीईओ सहित शिक्षा विभाग के बीआरसी औएबीआरसी उपस्थित थे।

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