May 18, 2024

डॉ. बीआर अम्बेडकर एनआईटी जालन्धर ने विकसित की दोबारा इस्तेमाल योग्य पीपीई किट – ‘मार्शल’

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जालन्धर / 09 सितंबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़

कोविड-19 के रोगियों को सुरक्षित रखने वाले कोरोना योद्धाओं की सुरक्षा हेतु डॉ. बीआर अम्बेडकर नेश्नल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टैक्नोलोजी, जालन्धर ने दोबारा इस्तेमाल करने योग्य ‘परसनल प्रोटैक्टिव किट’ (पीपीई – PPE) – ‘मार्शल’ की खोज की है।

इसे सर से लेकर पांव तक संपूर्ण शरीर ढंकने वाले एक-टुकड़े के कवर के तौर पर तैयार किया गया है। इसे पहन कर सांस लेना भी आसान है तथा इसके कपड़े को धो कर दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है। संपूर्ण शरीर के इस पीपीई कवर में वायु के आने हेतु जगह तो है परन्तु यह वातावरण (वायु, जल, मिट्टी) में फैले वायरस के कणों को सीधा अन्दर जाने से रोकता है।

बाज़ार में इस समय उपलब्ध किट्स जैसे कि कानों के लूप्स व ऐनकों वाले N95/N99 मास्क अथवा फ़ेस शील्ड सब इस किट में पहले से ही फ़िट हैं। इस किट के साथ जुड़े सूती कपड़े के बने दस्ताने विशेष तौर पर तैयार किए गए हैं तथा यह न केवल सैनीटाईज़र को स्वयं में बहुत अधिक समय के लिए प्रयोग हेतु सोख लेते हैं, अपितु प्रयोक्ता हेतु इन्हें पहन कर अन्य कार्य करने भी आसान हैं।

नई खोजः संपूर्ण शरीर हेतु एक ही टुकड़े वाला पीपीई कवर

संपूर्ण पीपीई किट को पिछली ओर से चेन के साथ बन्द किया जा सकता है जबकि इसका अगला भाग, जो सीधा संक्रमित व्यक्ति के सामने रहता है, पूर्णतया ढंका रहता है। इस संस्थान के बायोटैक्नोलोजी विभाग के असिस्टैंट प्रोफ़ैसर डॉ. महेश कुमार साह ने इण्डस्ट्रियल एण्ड प्रोडक्शन इन्जिनियरिंग विभाग के प्रोफ़ैसर अरविन्द भारद्वाज एवं एनआईटी के डायरैक्टर प्रोफ़ैसर ललित के. अवस्थी के साथ मिल कर विकसित किया है। डॉ. महेश ने बताया कि इस किट का डिज़ाईन पंजाब सरकार के ‘इनोवेशन एण्ड इनक्यूबेशन सैंटर’ के पास भेज दिया गया है।

(डॉ. महेश कुमार साह, असिस्टैंट प्रोफ़ैसर, बायोटैक्नोलोजी विभाग, एनआईटी जालन्धर 

संपूर्ण शरीर के कवर के अतिरिक्त, दो अलग कवर ‘बॉडी-टौर्सो पीपीई कवर’ एवं ‘हैड मास्क पीपीई’ भी विभिन्न स्तर की सुरक्षा मुहैया करवाने हेतु विकसित किए गए हैं, जिन्हें वे लोग सुगमतापूर्वक इस्तेमाल कर सकते हैं, जिन्हें सुरक्षा की आवश्यकता है। नियमित यात्रा करते रहने वाले व मैडिकल प्राफ़ैशनल्स के अतिरिक्त अन्य व्यक्ति व पुलिसकर्मी आसानी से इन कवर्स का उपयोग कर सकते हैं।

एनआईटी के निदेशक डॉ. अवस्थी ने कहा कि उनका उद्देश्य एक ऐसी पीपीई किट तैयार करना था कि जो संपूर्ण हो, सुविधाजनक व इस्तेमाल करनी आसान हो तथा व्यावसायिक तौर पर उपलब्ध प्रायः प्रयोग में लाई जाने वाली किट्स जैसी कोई कमियां न हों। उन्होंने कहा कि इस कवर को आम ऐप्लीकेशन (स्तर – 1) हेतु बहुत कम निर्माण लागत 500/- रुपए से तैयार किया गया है तथा इसके स्थान पर विशेष ऐप्लीकेशन्स (स्तर 2-4) हेतु बढ़िया सामग्रियों का उपयोग किया जा सकता है। इसके पेटैंट हेतु निवेदन दे दिया गया है तथा संभावी समन्वय से खोजी इस के डिज़ाईन की गुणवत्ता में सुधार लाने एवं अन्य अधिक ऐप्लीकेशन्स वाले उत्पाद तैयार करने हेतु कार्यरत है। 

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