May 18, 2024

आतमा परियोजना के तहत महिलाओं के लिए आयोजित किया प्रशिक्षण शिविर

0

हमीरपुर / 28 दिसंबर / न्यू सुपर भारत

पौष्टिक गुणों से भरपूर ज्वार, बाजरा, रागी-कोदरा, कंगनी, सियूल और अन्य मोटे अनाज के महत्व के प्रति आम लोगों को जागरुक करने तथा इन अनाज से बनने वाले विभिन्न पारंपरिक व्यंजनों की जानकारी प्रदान करने के लिए वीरवार को विकास खंड टौणीदेवी के गांव लपोदू में एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। आतमा परियोजना के तहत आयोजित किए गए इस शिविर में महिला कृषक समूहों की सदस्यों को मोटे अनाज से पारंपरिक व्यंजन तैयार करने का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

इस प्रशिक्षण शिविर में मंडी जिला से विशेष रूप से आई मास्टर ट्रेनर विमला देवी ने महिलाओं को ज्वार, बाजरा, रागी (कोदरा), कंगनी और सियूल इत्यादि के पौष्टिक गुणों से अवगत करवाया। उन्होंने कोदरे की चाय, बाजरे की खिचड़ी, सियूल की खीर, रायता, ज्वार की खिलें और अन्य व्यंजनांे को बनाने का व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया। शिविर में सभी प्रतिभागी महिलाओं ने उत्सुकता के साथ पारंपरिक व्यंजन बनाने की विधियां सीखीं।

इस अवसर पर आतमा परियोजना के उपनिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि जिला हमीरपुर में किसानों को प्राकृतिक खेती और मोटे अनाज की फसलें उगाने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मोटे अनाज पौष्टिक गुणों से भरपूर होते हैं और इनकी खेती भी आसान होती है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल जलवायु में भी इनकी अच्छी पैदावार हो जाती है। उन्होंने बताया कि जिला हमीरपुर में भी मोटे अनाज की खेती की काफी अच्छी संभावनाएं हैं। किसानों को इनकी खेती के लिए आगे आना चाहिए। इस अवसर पर आतमा परियोजना के खंड तकनीकी प्रबंधक वीरेंद्र कुमार, सहायक तकनीकी प्रबंधक शानू पठानिया और अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *