एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत आयोजित किये जा रहे है स्वास्थ्य कैम्प- सीडीपीओं सीमा

नारायणगढ़ / 29 सितम्बर / न्यू सुपर भारत
खंड नारायणगढ़ में एसडीएम नीरज के दिशा-निर्देशानुसार एवं मार्गदर्शन में एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत बच्चियों, किशोरियों तथा महिलाओं का एच.बी. स्तर जांचने के लिए कैंप लगाये जा रहे है। आज गांव रामपुर, दुधली, जंगुमाजरा, मुगलमाजरा, चेचीमाजरा, फिरोजपुर, काठे माजरा, माजरी, उज्जल, नगरपालिका के वार्ड 2, वार्ड 5, वार्ड 7 तथा गांव दनौरा, बतौरा में कैंप लगाया गया।
इस बारे में जानकारी देते हुए सीडीपीओं सीमा ने बताया कि कैम्प में बच्चियों, किशोरियों तथा महिलाओं की लंबाई, वजन भी जांच जा रहा है। जिन बच्चियों किशोरियों तथा महिलाओं का एच.बी. तथा वजन कम है उन्हें आयरन और कैल्शियम की गोलियां दी जा रही है। आंगनवाड़ी वर्करों तथा सुपरवाइजरो द्वारा काउंसलिंग भी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की 15 टीमें रोजाना कैंप लगा रही है।
सीडीपीओं सीमा ने कहा कि एनिमिया रक्त सम्बंधी बीमारी है और इस बीमारी में हीमोग्लोबीन बनना कम हो जाता है। उन्होने कहा कि नियमित रूप से फलों का सेवन करने से भी खून की कमी दूर होती है। जैसे- चुकंदर का सेवन करने से खून की कमी दूर होती है। इसमें पर्याप्त मात्रा में आयरन होता है। जो हिमोग्लोबीन के स्तर को बढाता है। चुकंदर को सलाद के रूप में या गाजर के रस में नींबू मिलाकर पी सकते है।
ब्रोकली और पालक में प्रचुर मात्रा में आयरन, विटामिन-बी12 और फोलेट होता है, जो खून की कमी को पूरा करता है। पालक को सूप या फिर सब्जी के तौर पर दोपहर के भोजन के समय में इसका सेवन किया जा सकता है।
सेब में आयरन के साथ-साथ विटामिन-सी भी पाया जाता है, जिससे भी खून की कमी दूर होती है। काले चने भी लौह तत्व का प्रमुख स्रोत है, जो खून बढाने में मदद करते हुए। सफेद बीन्स खून की कमी को दूर करता है। केला भी एनीमिया के लिए फायेदमंद होता है। इसमें काफी अच्छी मात्रा में आयरन पाया जाता है।
बॉक्स- हमारे शरीर में हिमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। चिकित्सकों के अनुसार पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 प्रतिशत तथा महिलाओं में 11 से 14 के बीच होना चाहिए। एनीमिया यानि शरीर में खून की कमी होने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी हो जाती हैं। अगर समय रहते इस ओर ध्यान दिया जाए तो उन समस्याओं से बचा जा सकता हैं। महिलाएं और किशोरियांं जागरूकता के अभाव के कारण एनीमिया की शिकार होती हैं।
उल्लेखनीय है कि एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में कैम्प आयोजित किये जा रहे है जहां पर महिलाओं एवं बच्चों में एनीमिया एवं कुपोषण सम्बंधी स्वास्थ्य की जांच करने के साथ-साथ उन्हें जागरूक भी किया जा रहा है।
एनीमिया तब होता है, जब शरीर के रक्त में लाल कणों या कोशिकाओं के नष्ट होने की दर, उनके निर्माण की दर से अधिक होती है। किशोरावस्था और रजोनिवृत्ति के बीच की आयु में एनीमिया सबसे अधिक होता है। गर्भवती महिलाओं को बढ़ते शिशु के लिए भी रक्त निर्माण करना पड़ता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को एनीमिया होने की संभावना अधिक रहती है। एनीमिया एक गंभीर बीमारी है। इसके कारण महिलाओं को अन्य बीमारियां होने की संभावना और बढ़ जाती है। एनीमिया से पीडि़त महिलाओं की प्रसव के दौरान मरने की संभावना सबसे अधिक होती है।
लक्षण:- त्वचा का सफेद दिखना, जीभ, नाखूनों एवं पलकों के अंदर सफेदी, कमजोरी एवं बहुत अधिक थकावट, चक्कर आना-विशेषकर लेटकर एवं बैठकर उठने में, बेहोश होना, सांस फूलना, हृदयगति का तेज होना, चेहरे एवं पैरों पर सूजन दिखाई देना।
कारण:-सबसे प्रमुख कारण लौह तत्व वाली चीजों का उचित मात्रा में सेवन न करना, मलेरिया के बाद जिससे लाल रक्त करण नष्ट हो जाते हैं। किसी भी कारण रक्त में कमी, जैसे- शरीर से खून निकलना (दुर्घटना, चोट, घाव आदि में अधिक खून बहना), शौच, उल्टी, खांसी के साथ खून का बहना, माहवारी में अधिक मात्रा में खून जाना, पेट के कीड़ों व परजीवियों के कारण खूनी दस्त लगना, पेट के अल्सर से खून जाना, बार-बार गर्भ धारण करना।
उपचार तथा रोकथाम:- अगर एनीमिया मलेरिया या परजीवी कीड़ों के कारण है, तो पहले उनका इलाज करें, लौह तत्वयुक्त चीजों का सेवन करें, विटामिन ए एवं सी युक्त खाद्य पदार्थ खाएं, गर्भवती महिलाओं एवं किशोरी लड़कियों को नियमित रूप से 100 दिन तक लौह तत्व व फॉलिक एसिड की 1 गोली रोज रात को खाना खाने के बाद लेनी चाहिए। जल्दी-जल्दी गर्भधारण से बचना चाहिए। भोजन के बाद चाय के सेवन से बचें, क्योंकि चाय भोजन से मिलने वाले जरूरी पोषक तत्वों को नष्ट करती है, काली चाय एवं कॉफी पीने से बचें, संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छ पेयजल ही इस्तेमाल करें, स्वच्छ शौचालय का प्रयोग करें, खाना लोहे की कड़ाही में पकाएं।
फोलिक एसिड:- शरीर में स्वस्थ लाल रक्त कण बनाने के लिए फोलिक एसिड की आवश्यकता होती है। फोलिक एसिड की कमी से एनीमिया की बीमारी होती है।
गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, मूंगफली, अंडे, कुकुरमुत्ता (मशरूम), मटर व फलियां, चोकर वाला आटा, आलू, दालें, सूखे मेवे, मछली, मांस, बाजरा, गुड़, गोभी, शलजम, अनानास, अंकुरित दालों व अनाजों का नियमित प्रयोग करें।