May 19, 2024

किसान फसल अवशेषों का वैज्ञानित तरीके से प्रबंधन कर कमा सकते हैं अतिरिक्त आय : डॉ. मुनीष नागपाल

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फतेहाबाद / 5 नवंबर / न्यू सुपर भारत

कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा गांव हसंगा में खंड स्तरीय किसान जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। फसल अवशेष प्रबंधन हेतू जानकारी एवं जागरूकता विषय बारे आयोजित इस शिविर में कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. मुनीष नागपाल ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की।

विशेष सचिव डॉ. मुनीष नागपाल ने किसानों से फसलों के अवशेष न जलाने की अपील की और सलाह दी कि यदि इसको विभिन्न यंत्रों द्वारा जमीन में मिलाया जाए तो इससे न केवल वायु प्रदूषण कम होगा बल्कि जमीन का स्वास्थ्य भी सुधरेगा। उन्होंने कहा कि पराली को जमीन में मिलाने से जमीन में पोषक तत्वों की मात्रा, जमीन में सूक्ष जीवाणुओं की संख्या के साथ-साथ मृदा की उर्वरा शक्ति, जैविक कार्बन की मात्रा भी बढ़ती है और इसकी संरचना में सुधार होता है।

उन्होंने कहा कि पराली जलाने से वायु, जल व भूमि प्रदूषण होता है। इसके अलावा मानव स्वास्थ्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने उपस्थित किसानों से कहा कि वे स्वयं भी पराली न जलाने का संकल्प लें और इस बारे दूसरे साथी किसानों को भी जागरूक करें। उन्होंने कहा कि पराली जलाना एक सामाजिक बुराई है तथा यह पाप भी है। धान की पराली व अन्य अवशेष जलाने से सूक्ष्म जीव व अन्य जीव-जंतुओं, पशु-पक्षियों को भी हानि पहुंचती है।

शिविर के उपरांत विशेष सचिव डॉ. नागपाल ने गांव नाढ़ोडी में सुपर सीडर चलाकर पराली प्रबंधन का संदेश दिया और स्ट्रा बेलर द्वारा किए गए कार्य का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने किसानों को पराली अवशेष न जलाकर उसे मशीन के माध्यम से इकट्टा कर जागरुकता का दिया संदेश। उन्होंने कहा कि किसान वैज्ञानिक तरीके से पराली का प्रबंधन करके पर्यावरण को बचाने में सहयोग के साथ-साथ अतिरिक्त आय भी कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि बहुत से किसान पिछले कई सालों से बेलर से पराली की बेल्स बनाकर बेहतर तरीके से पराली का प्रबंधन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को खेत में धान की पराली को मिट्टी में मिलाने व गांठे बनाने के लिए भी एक हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी जिसके लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसलिए किसान अधिक से अधिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाएं ताकि उन्हें योजना का लाभ मिल सके।

शिविर में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के विशेषज्ञों ने इन सीटू और एक्स सीटू स्कीम के तहत फसल अवशेष प्रबंधन बारे किसानों को विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने किसानों को पराली प्रबंधन बारे जानकारी देते हुए उन्हें सरकारी की अन्य किसान हितैषी योजनाओं बारे जानकारी दी।

इसके साथ ही शिविर में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर सुपर सीडर, स्ट्रा बेलर मशीन, जीरो टीलेज मशीन, पैडी स्ट्रा चोपर, स्ट्रा चोपर, जीरो टिल सीड ड्रिल, हैपी सीडर आदि कृषि यंत्रों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। किसानों को कृषि उपकरणों की खरीद पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे में भी बताया गया। उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा है कि किसान पराली या अन्य फसल अवशेष को न जलाएं।

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