May 19, 2024

उपायुक्त जगदीश शर्मा ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ की फसल अवशेष प्रबंधन कार्यों की समीक्षा

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फतेहाबाद / 4 नवंबर / न्यू सुपर भारत

उपायुक्त जगदीश शर्मा की अध्यक्षता में लघु सचिवालय स्थित सभागार में कृषि विभाग के अधिकारियों की एक बैठक आयोजित हुई, जिसमें पराली नहीं जलाने व फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में उपायुक्त ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गांवों में जाकर किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए जागरूक करें। इसके साथ-साथ किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए इन-सीटू व एक्स-सीटू पर दी जा रही प्रोत्साहन राशि के बारे में जानकारी दें। इस दौरान कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. मनीष नागपाल ने भी जरूरी निर्देश दिए।

बैठक के दौरान उपायुक्त श्री शर्मा ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए कहा कि वे किसानों को समझाए कि वे किसी भी कीमत पर पराली न जलाएं। पराली जलाने से एक तरफ जहां पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ फसली अवशेष में एक बार की आगजनी से भूमि की दस साल में बनी उर्वरा शक्ति समाप्त हो जाती है। उपायुक्त श्री शर्मा ने कहा कि जागरूकता से पराली जलाने पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा पराली जलाए जाने पर फसल अवशेष प्रबंधन की जागरूकता के लिए नियुक्त संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।

उन्होंने बताया कि जिला में अब तक पराली जलाने पर 32 गांवों के 179 संबंधित कर्मचारियों/लंबरदारों को नोटिस दिया जा चुका है, जिसमें कृषि विभाग के 28, 30 पटवारी, 24 ग्राम सचिव, 95 लंबरदार शामिल हैं। इसके अलावा दो ऐसे किसान है, जिनके पास में आर्म के लाइसेंस है, उनको भी लाइसेंस रद्द करने का नोटिस दिया जा चुका है। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए अधिक से अधिक संख्या में बेलर मशीन, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, जीरो ड्रिल आदि मशीनों का प्रयोग करवाना सुनिश्चित करें।

बैठक के दौरान कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. मनीष नागपाल ने कहा कि यदि कही पर पराली जलाई जाती है तो उसके लिए कृषि विभाग के एडीओ, बीएओ, एसडीएओ भी जिम्मेवार है। उन्होंने कहा कि संबंधित गांव के कृषि अधिकारी पराली जलाए जाने की रिपोर्ट प्रतिदिन जिला मुख्यालय पर भेजना सुनिश्चित करें। इसके साथ-साथ पराली जलाए जाने की सूचना तुरंत प्रभाव से विभाग को दें ताकि उस पर शीघ्र कार्रवाई की जा सके।

उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा जिला मुख्यालय पर सूचना देने के लिए 01667-231122 कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला फतेहाबाद में 442 जगहों पर पराली जलाना एक गंभीर चिंता का विषय है। पराली जलाने की घटनाओं पर काबू करने के लिए जिला स्तर, उपमंडल स्तर, खंड स्तर व ग्राम स्तर पर नियुक्त की गई निगरानी कमेटियों को गंभीरता से कार्य करना होगा। विशेष तौर पर रेड जोन और यलो जोन में निगरानी और अधिक करने की जरूरत है।

उन्होंने कृषि अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे किसानों को जागरूक करें कि पराली का विभिन्न कृषि यंत्रों जैसे सुपर सीडर,जीरो टीलेज मशीन, स्ट्रा चोपर, हैपी सीडर, रिवर्सीबल प्लो का प्रयोग करके पराली को जमीन में मिलाकर जमीन की उर्वरक शक्ति बढ़ाएं या स्ट्राबेलर मशीन से पराली की गांठे बनाकर लाभ कमाएं। दोनों ही तकनीकें (इन सीटू व एक्स सीटू) अपनाने पर सरकार द्वारा 1000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि भी किसानों को दी जाएगी।

इसके लिए किसान कृषि विभाग के पोर्टल www.agriharyana.gov.in पर अपना पंजीकरण अवश्य करवा लें और योजना का लाभ उठाएं। विशेष सचिव डॉ. नागपाल ने अधिकारियों से कहा कि सरकार द्वारा किसानों के हित में विभिन्न योजनाओं को लागू किया है। किसानों को योजनाओं के बारे में गांव-गांव जाकर जागरूक करें ताकि वे योजनाओं का लाभ उठा सके और पराली प्रबंधन में विशेष योगदान दे सके।

इस अवसर पर एसडीएम राजेश कुमार, नायब तहसीलदार राजेश गर्ग, उप निदेशक डॉ. विनोद कुमार, डॉ. सुभाष चंद्र, एडीओ नीरज, एएई पवन कुमार, राकेश कुमार, एसडीओ डॉ. मुकेश मेहला, भीम सिंह, बिजेंद्र सिंह, कुलवंत सिंह, आदि मौजूद रहे।

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