May 18, 2024

गुरू रविदास जी के संदेशों को मानकर करोड़ों लोगों ने अपने जीवन को सार्थक किया:-गृह मंत्री अनिल विज

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अम्बाला / 16 फरवरी / न्यू सुपर भारत

हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि संत शिरोमणि गुरू रविदास जी के संदेशों को मानकर करोड़ों लोगों ने अपनी जिंदगी को सार्थक किया है। उनकी जयंती के उपलक्ष में हमें उनकी कही गई बातों एवं शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए।

गृहमंत्री आज संत शिरोमणि गुरू रविदास जी की 645वीं जयंती के उपलक्ष्य पर अम्बाला छावनी विधानसभा के शाहपुर स्थित संत शिरोमणि गुरू रविदास मंदिर एवं 12 क्रास रोड पर जाटव पंचायत धर्मशाला एवं मंदिर में माथा टेकने पहुंचे जहां उन्होंने माथा टेककर गुरू जी का आशीर्वाद लिया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने गृह मंत्री श्री विज का पुष्पवर्षा करके एवं ढोल-नगाड़ों की थाप पर जोरदार स्वागत किया। इस दौरान दोनों स्थानों पर गृह मंत्री अनिल विज को सिरोपा, शॉल एवं गुरू रविदास जी का चित्र भेंट किया गया।

गृहमंत्री अनिल विज ने श्रद्धालुओं को गुरू रविदास  जयंती की बधाई देते हुए कहा कि आज बहुत ही पुण्य दिवस है। आज के दिन संत शिरोमणि रविदास जी महाराज इस धरती पर अवतरित हुए थे। इस देश में संत बहुत हुए। ये तो धरती ही संतो महापुरूषों की है लेकिन रविदास जी को संत शिरोमणि कहा गया है। संत शिरोमणि गुरू रविदास जी महाराज ने अपनी वाणी, दोहों से मानव जाति के कल्याण के लिये बहुत ही गहन संदेश दिया है।

सबसे बड़ी बात जिससे मैं भी बहुत प्रभावित हूं और हमेशा ही गुरू रविदास जी के आगे शीश झुकाता हूं, वैसे सबकी अपनी-अपनी परम्पराएं हैं, परमात्मा को प्राप्त करने के लिये, संत शिरोमणि गुरू रविदास जी ने ऐसी शिक्षाएं दी हैं कि आप काम भी करो, घर भी चलाओ और परमात्मा के रास्ते पर भी चलो। संत गुरू रविदास जी ने अपना काम कभी नही छोड़ा, काम करते थे और काम करते-करते ही उन्होंने लोगों को संदेश दिया।

जब वे अवतरित हुए तो उस वक्त के राजा-महाराज उनके चरणों में नतमस्तक होते थे। उन्होंने भाईचारें का, समानता और सहजता का संदेश दिया है और इतने सहज सरल थे, उनकी वाणी में इतनी मिठास थी कि उनकी कही बात दिल में उतर जाती थी। उनके बहुत सारे कथन हैं। मन चंगा तो कठौती में गंगा, इसका महत्व समझना चाहिए, इसका मतलब आप कैसी भी अराधना करें लेकिन पूरे मन से करें।

अगर आप मंदिर या गुरूद्वारा में जा रहे हैं तो पूर तन-मन से ही जाएं। उन्होंने कहा कि अगर हम मन से अराधना करेंगे तो प्रभु को प्राप्त कर सकते हैं। संत शिरोमणि गुरू रविदास जी ने जो संदेश दिया है, वह पूरी मानव जाति के लिये है। हमारे देश में अनेको धर्म हैं, हमें पूरी तरह से नतमस्तक होकर दिल से, दिमाग से प्रभु का सिमरन करना चाहिए।

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