May 19, 2024

आयुष विभाग ने मनाया प्राकृतिक चिकित्सा दिवस

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फतेहाबाद / 19 नवंबर / न्यू सुपर भारत

आयुष विभाग द्वारा राष्ट्रीय आयुष मिशन के अन्तर्गत राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर स्थानीय आर्य समाज भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम महानिदेशक आयुष पंचकूला डॉ. साकेत कुमार के आदेशानुसार जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. मुकेश गोस्वामी के नेतृत्व में ‘आहार ही औषधि’ थीम पर था। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान धन्वन्तरि एवं महर्षि पतंजलि के चित्र के समक्ष दीप प्रज्व्वलन व माल्यार्पण कर किया गया।

कार्यक्रम में प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा रोगों की चिकित्सा में उपयोगी, पेट पर मिट्टी पट्टी, गले के लिए ठंडी पट्टी, चेहरे पर मिट्टी के लेप द्वारा चिकित्सा, एक्यूप्रेषर चिकित्सा, स्थानीय भाप स्नान तथा जल द्वारा नेत्र चिकित्सा का संजीव प्रदर्शन किया गया। इसके अतिरिक्त सजीव पौधों, आहार पदार्थो व सूखी औषधियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। छोटे बच्चों गीता, निशा, मानवी, भावना तथा भूमिका ने एडवांस योग का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. लोकेश वधवा ने बताया कि भारतीय लोग प्रकृति से करीब से जुड़े हैं।

हम अनुचित खान-पान द्वारा रोगों को आमंत्रित करते हैं, लेकिन हमारा शरीर अद्भुत जीवनीय शक्ति से भरा है तथा रोगों से लडऩे में समर्थ हैं। रोगों की तीव्र अवस्था भी शरीर के लिए उपयोगी है व स्वयं ठीक होने में मदद करती हैं। उदाहरण के तौर पर ज्वर की तीव्र अवस्था में हमें उपवास करना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को उपवास तथा सूर्य स्नान को अपने जीवन में अपनाना चाहिए।  
मुख्य अतिथि जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. मुकेश गोस्वामी ने कहा कि आयुष की पद्धतियों को वैकल्पिक पद्धति न कहा जाए अपितु मुख्य चिकित्सा के रुप में ही समझना चाहिए।

उन्होनें पेड़-पौधे लगाने के लिए भी सभी को प्रेरित किया। आयुष योग सहायकों ने योग विशेषज्ञा अंबिका पांटा के नेतृत्व में प्रदर्शनी आदि की व्यवस्था की जिसे देखने के लिए स्थानीय लोगों ने भारी उत्साह दिखाया। योग सहायक अनिल ने प्राकृतिक चिकित्सा में आधार भूत सिद्वातों पर चर्चा की। योग सहायक संजय ने एक्यूप्रैशर के बारे में लोगों को बताया तथा हाथों में मौजूद महत्वपूर्ण प्रैशर पॉइंट को दिखाते हुए तरह-तरह के दर्द व रोगों में दबाने की प्रक्रिया बताई।

डॉ. राजेश सरदाना ने आयुर्वेद में वर्णित पंचभौतिक शरीर व चिकित्सा के लिए भी पंचभूतों पर आधारित जड़ी बूटियों व प्राकृतिक चिकित्सा के समान आयुर्वेद में वर्णित, मिट्टी के लेप, भाप द्वारा स्वेदन, अवगाहन आदि का उल्लेख किया। इस अवसर पर स्थानीय पार्षद मनोज भ्याणा, दारा सिंह, आर्य समाज प्रधान बंसी लाल आर्य तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद रहें।

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