May 18, 2024

पंडित श्रीराम शर्मा के टाऊन हाल पर तिरंगा लहराने की शताब्दी वर्षगांठ कल

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झज्जर / 13 जनवरी / न्यू सुपर भारत

आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला में इस बार 15 जनवरी, शनिवार का दिन झज्जर जिला के लिए बेहद खास है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पंडित श्रीराम शर्मा व अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने 15 जनवरी, 1922 को टाउन हाल पर तिरंगा लहराया था। इस बार 15 जनवरी को स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास की इस महत्वपूर्ण घटना को 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं।

शताब्दी वर्षगांठ का साक्षी बनना गर्व की बात
डीसी श्याम लाल पूनिया ने भारतीय इतिहास के इस गौरवशाली घटनाक्रम की शताब्दी वर्षगांठ की जिलावासियों को बधाई दी है। महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन के प्रभावित होकर पंडित श्रीराम शर्मा ने झज्जर जिला के टाऊनहाल पर ब्रिटिश सरकार के यूनियन जैक को उतारकर तिरंगे को 100 साल पहले लहराया था। उन्होंने कहा कि इस बार 15 जनवरी, 1922 हम सबक लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। हम सब गौरवशाली भी है कि शताब्दी वर्ष के हम सब साक्षी बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी जिलावासी इस अवसर पर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले सेनानियों को नमन करें।

पंडित श्रीराम शर्मा का जीवन परिचय
स्वतंत्रता सेनानी, इतिहासकार एवं प्रसिद्ध पत्रकार पंडित श्रीराम शर्मा का जन्म 1 अक्टूबर, 1899 को पुराने रोहतक जिले के झज्जर में पंडित बिशंबर दयाल शर्मा के घर हुआ था। झज्जर में ही उन्होंने शिक्षा ग्रहण की थी। वर्ष 1921 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर शुरू किए गए असहयोग आदोलन में कूदे। स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण वे अनेक बार जेल गए। वे करीब 10 वर्षो तक विभिन्न जेलों में बंद रहे। आजादी से पूर्व जहा उन्होंने अंग्रेजों के जुल्म व दमन के खिलाफ संघर्ष किया। पंडित श्रीराम शर्मा का स्वर्गवास सात अक्टूबर 1989 को हुआ था।

साहित्य व इतिहास में उनका बड़ा योगदान
असहयोग आदोलन के दौरान 1922 में झज्जर के टाऊन हाल में तिरंगा फहराने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।  पंडित श्रीराम शर्मा एक महान स्वतंत्रता सेनानी होने के साथ-साथ साहित्यकार व इतिहासकार भी थे। उन्होंने हरियाणा का इतिहास, हरियाणा के नवरत्न तथा स्वतंत्रता सेनानियों पर कई पुस्तकें लिखी जिन्हें काफी पसंद किया गया। देश को आजाद करने के लिए जागरुकता का  संदेश जनमानस तक पहुंचाने के लिए उन्होंने अखबार को एक सशक्त माध्यम मानते हुए 18 मार्च, 1923 को उर्दू भाषा में हरियाणा तिलक नामक साप्ताहिक अखबार का प्रकाशन शुरू किया।

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