ऊना / 15 जनवरी / न्यू सुपर भारत
देश की अर्थव्यवस्था में कृषि का अहम योगदान है तथा केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रदेश सरकार जहां कृषि को बढ़ावा दे रही है, वहीं कृषि के साथ साथ बागवानी, पशु पालन व मत्स्य पालन के साथ किसानों को जोड़कर उनकी आर्थिकी को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान समय में मछली पालन से जुड़े किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए सरकार उनके कल्याण के लिए भी योजनाओं का संचालन कर रही है।
वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में गत चार वर्षों के दौरान कुटलैहड़ के 189 मछुआरों को मत्स्य पालन विभाग के माध्यम से अनुदान पर गिल जाल उपलब्ध करवाए गए और लाभार्थियों में 33 अनुसूचित जाति व 156 सामान्य मुछआरे शामिल हैं। वहीं आदर्श मछुआरा आवास योजना के तहत पिछले दो सालों में 25 मछुआरों को आवास के लिए 1.30 लाख रूपये की दर से 32.50 लाख रूपये की राशि प्रदान की गई।
जबकि नीली क्रांति योजना के तहत 10 मछुआरों को किश्ती, तम्बू, जैकेट, जाल इत्यादि उपलब्ध करवाकर लाभान्वित किया गया। इसके अलावा 70 मछुआरों को जीवन रक्षक जैकेट प्रदान किए गए।मत्स्य पालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की आय में वृद्धि के साथ-साथ उनके जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास किया जा रहा है।
इस योजना के अन्तर्गत 3 लाख रूपये तक बैंक ऋण, बीमा इत्यादि सुविधाएं प्रदान करने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त मत्स्य व्यवसाय से जुड़े मूलभूत ढांचे को सुदृढ़ करने के साथ-साथ मछली की गुणवत्ता पर विशेष बल दिया जाएगा। मत्स्य पालन मे रुचि रखने वाले व्यक्तियों को जिला स्तर पर मत्स्य पालन का निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करने का प्रावधान है, ताकि वह मत्स्य पालन की बारीकियों को अच्छे ढंग से सीख सकें और उन्हें मछली पालन से अच्छा मुनाफा मिल सके।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत कुटलैहड़ के दो मछुआरों को पिछले साल मोटर साइकल प्रदान की गईं। कंवर ने कहा कि मत्स्य पालन को पर्यटन से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। मछली आखेट को टूरिज्म के रूप में प्रमोट करने के लिए मत्स्य पालन विभाग की ओर से लठियाणी में एंगलिंग हट का निर्माण भी किया जा रहा है।
सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर युवा मत्स्य पालन से जुड़ रहे हैं। मत्स्य अधिकारी बंगाणा सुरेंद्र ने बताया कि वर्ष 2020-21 में बंगाणा क्षेत्र के मछुआरों ने 37,860 किलोग्राम मत्स्य उत्पादन किया गया जिससे 5.57 करोड़ रुपए की आय अर्जित की गई।