मंडयाली महोत्सव में छाई मंडी की संस्कृति*** डॉ कपिल मल्होत्रा व डॉ बृज लाल भारद्वाज को मरणोपरांत सम्मान

मंडी महोत्सव में कार्यक्रम प्रस्तुत करते हुए कलाकार व पुरस्कार वितरित करते हुए
मंडयाली महोत्सव में छाई मंडी की संस्कृति*** डॉ कपिल मल्होत्रा व डॉ बृज लाल भारद्वाज को मरणोपरांत सम्मान
मंडी, 15 सितंबर,पुंछी
चौथे मंडयाली महोत्सव में मंडयाली में मंडी की समृद्ध संस्कृति की खूब झलक देखने को मिली। सरस्वति विद्या मंदिर के सभागार में तीन घंटे से अधिक चले इस महोत्सव में जहां मंडी जिले की दो बड़ी हस्तियां जो अब इस दुनिया में नहीं हैं को सम्मानित किया गया वहीं रंगारंग कार्यक्रम ने भी खूब समां बांधा। मण्डी नगर में भारतीय शास्त्रीय सँगीत की शिक्षा दे रहा सँस्थान सँगीत सदन पिछले चार सालों से इस महोत्सव का आयोजन करता आ रहा है। कार्यक्रम का शुभारम्भ सुशोभित मलिक चौधरी, मुख्य महाप्रबन्धक एनटीपीसी कोलडैम नें दीप प्रज्जवलित करके किया। तत्पश्चात मुख्यातिथि व उनकी धर्मपत्नी को स्मृति चिन्ह ,शाल व टोपी पहनाकर उमेश भारद्वाज व संगीत सदन के वरिष्ठ पुरुष व महिला प्रशिक्षुओं ने सम्मानित किया। गायिकाओं ने सुरीली आवाज में सरस्वती वँदना प्रस्तुत की व उसके बाद युवा कलाकारों ने ,उड्डी जायाँ, उड्डी जायाँ कालेया कागा, गाकर श्रोताओं का मनोरँजन किया। सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यत्कार के आर पँछी द्वारा लिखित मण्ड्याली गीत ,अपणी नजरा री तीरा रा नसाणा बणाई दे, जब कलाकारों ने गाया तो हाल में बैठे श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा ,ओल्ड ब्वॉयज बैण्ड, का गीत ,कश नी लगाणा धुआँ नी उड्डाणा ,सुणा धोरे चारे जीणा हो, जिसको ठेठ मण्ड्याली में लिखा है मण्डयाली कवि विनोद बहल ने व इसका कर्ण प्रिय संगीत तैयार किया है उमेश भारद्वाज ने। गीत को सुनकर श्रोताओं ने बड़ी देर तक तालियाँ बजाकर ,ओल्ड ब्वॉयज बैण्ड, के सदस्यों का स्वागत किया। युवाओं में भुक्खी, चिट्टा जैसे खतरनाक नशीले पदार्थों के सेवन से बचने का इस गीत में आवाहन किया गया है जिसमें एक माँ व बेटा अपनी.2 व्यथा कहते हैं। शीघ्र ही इस गीत की रिकार्डिँग करके इससे स्कूलों व कालेज में पढ़ रहे युवाओं को जागरुक किया जाएगा। ऐसा उमेश जी ने बताया। संगीत का प्रशिक्षण ले रही सीनियर महिला कलाकारों ने बसँत गाया जिसके बोल थे ,नौईं नौईं रुत आई, नौयें आये फूल,। बच्चों के कत्थक नृत्य, वैस्टर्न डाँस व राजस्थान का प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य ने भी सभी की वाहवाही लूटी। अँतिम प्रस्तुति थी कव्वाली ,मोसे नैना मिलाई के, जिसे युवा कलाकारों ने विशेष अंदाज में गाकर वाहवाही लूटी। मुख्यातिथि नें इस अवसर पर विशिष्ठ सेवाओं के लिये ,दोनों मरणोपरांत, क्रमश: डॉक्टर कपिल मल्होत्रा,स्त्री रोग विशेषज्ञ व सुन्दरनगर के शास्त्रीय संगीत के गायक व प्रणेता रहे राष्ट्रपति मैडल प्राप्त डॉक्टर बृजलाल भारद्वाज जी को, उनके पारिवारिक सदस्यों को प्रशस्ति.पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। ईशा डोगरा, सर्वज्ञ व नित्यदर्शी वैद्य ने एंकर कि भूमिका बखूबी निभाई व वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी तथा सदन के विजेता गायकों को मुख्यातिथि ने ईनाम देकर सम्मानित किया। उमेश भारद्वाज ने सभी का धन्यवाद किया।