अमरीका की बेस्टर यूनिवर्सिटी वाशिंगटन के छात्र पपरोला में विश्व की सबसे प्राचीन आयुर्वदिक चिकित्सा व प्राकृतिक पद्धति का ले रहे हैं प्रशिक्षण

बैजनाथ ( गौरव ) :
विश्व की सबसे प्राचीन आयुर्वदिक चिकित्सा व प्राकृतिक पद्धति का प्रशिक्षण लेने के लिए अमरीका के छात्र पपरोला आयुर्वेदिक महाविद्यालय के अनुभवी चिकित्सको से आयुर्वेद की जानकारी हासिल कर रहे है। राजीव गांधी राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेदिक महाविद्यालय पपरोला में अमरीका की बेस्टर यूनिवर्सिटी वाशिंगटन के छात्रों के लिए आयुर्वेदिक महाविद्यालय में 27 सितम्बर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। महाविद्यालय के प्रत्यक्ष कर्माभ्यास विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ टेकचंद ठाकुर ने बताया के शनिवार को अमेरिका से आए छात्रों के लिए स्वस्थ वृत्त विभाग के अंतर्गत दिनचर्या के प्रत्यक्ष कर्म अभ्यास के लिए अग्निहोत्र (हवन) मंजन, दातौंन, कवल, गंडूष, प्रतिमर्ष, नस्य, अंजन, उबटन, धूपन, धूमपान आदि का कर्म अभ्यास करवाया गया, जिसमें पीजी स्कॉलर डॉक्टर शालिनी, डॉक्टर सुषमा, डॉक्टर नीतू, डॉक्टर प्रिया, डॉ राजीव, डॉक्टर मनोज, डॉक्टर आकांक्षा, डॉ शिवानी और डॉक्टर रियंका ने विशेष भूमिका अदा की।
अमरीका की वेस्टर विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ आए डॉक्टर शैलेंद्र सोढ़ी भी उपस्थित रहे। इन सभी छात्रों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत सभी भारतीय प्राचीन आर्य वैद्य विधाओं को रुचि पूर्व सीखा और अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे अपने देश में भी अपनाने व प्रचार-प्रसार करने का संकल्प भी लिया। गौरतलब है कि बेस्टर यूनिवर्सिटी वॉशिंगटन से आए सात छात्राओं में लेस्ली एन्नक्रूज़, एमी लेमे, जीजी फ्रॉस्ट, रिचेल वॉटर, रेन मर्कारफ्त, सुसान एल पार्कर तथा जिननिफेर ली वैली को 20 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रमुख रूप से आयुर्वेद एवं योग के अंतर्गत विभिन्न क्रियाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रमुख रूप से दिनचर्या, खानपान, पथ्य निर्माण, पंच कर्म, पंच भौतिक मृतिका चिकित्सा, चर्म व मर्म चिकित्सा, नाड़ी परीक्षा तथा योग की विभिन्न क्रियाएं षटकर्म आदि का प्रत्यक्ष कर्मअभ्यास करवाया जाएगा।