स्वास्थ्य अधिकारियों-कर्मचारियों ने नशे के दुष्पप्रभावों पर की चर्चा

हमीरपुर / 26 जून / न्यू सुपर भारत
नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के उपलक्ष्य पर शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सम्मेलन कक्ष में एक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्रिहोत्री ने कहा कि नशीले पदार्थों का सेवन और इनकी तस्करी पूरे विश्व के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है।
इस समय दुनिया भर में 27 करोड़ से अधिक लोग नशे के जाल में फंसे हुए हैं। विशेषकर, युवा पीढ़ी बड़े पैमाने पर नशे की चपेट में आ रही है।इस अवसर पर नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए जन सूचना एवं संप्रेषण अधिकारी सुरेश शर्मा ने बताया कि इस वर्ष उक्त दिवस के लिए ‘नशीली दवाओं पर तथ्य साझा करें, जीवन बचाएं, नशीली दवाओं के दुरुपयोग को समाप्त करें’ थीम दिया गया है।
उन्होंने कहा कि नशे को जड़ से खत्म करने के लिए समाज के प्रत्येक नागरिक को आगे आना होगा। तभी हम एक नशामुक्त परिवेश व समाज के निर्माण की कल्पना को साकार कर सकते हंै। सुरेश शर्मा ने बताया कि शराब, भांग, अफीम, कोकीन और अन्य नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से पूरी तरह बर्बाद हो जाता है।
इससे उसके परिवार, समाज और देश पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। नशे के कारण प्रतिवर्ष विश्व भर में लगभग 6 लाख लोग असमय मौत का शिकार हो जाते हैं। इस अवसर पर नशे की समस्या के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।कार्यक्रम के दौरान पब्लिक नर्सिंग ऑफिसर सुषमा ठाकुर, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक मिलाप शर्मा, संजीव कतना, बीसीसी समन्वयक सलोचना देवी और अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित रहे।