अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2022 की 100 दिन पहले पूर्व तैयारियों की समीक्षा के लिए एमएम कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित

फतेहाबाद / 25 मार्च / न्यू सुपर भारत
हरियाणा योग आयोग व आयुष विभाग हरियाणा के सौजन्य से आयुष विभाग ने स्थानीय एमएम कॉलेज के योग Hall में योग महोत्सव-2022 के कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2022 की 100 दिन पहले पूर्व तैयारियों के अंतर्गत किया जाने वाला कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में पहले से योग के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्य करने वाली संस्थाओं, योग दिवस व सूर्य नमस्कार तथा प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े व्यक्तियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन योग, गीता तथा योगासन खेलों पर दो दिवसीय विचार गोष्ठी के साथ-साथ आने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस-2022 की पूर्व तैयारी के लिए सभी सामाजिक संस्थाओं व साधकों में उत्साह का संचार करने व एक मंच पर लाने के उद्देश्य से किया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत मुख्यातिथि Deputy CMO डॉ. सुनीता सोखी, विशिष्ट अतिथि निरीक्षक फतेह सिंह, ब्रह्मकुमारी बीके मोहिनी द्वारा महर्षि पतंजलि के प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. राजबीर सिंह ने की। इसके पश्चात कार्यक्रम में मुख्यवक्ता प्रशांत शास्त्री, मदन गोपाल आर्य, हरीश यादव ने विचार गोष्ठी के विषय पर अपने-अपने वक्तव्य दिए।
मुख्यातिथि Deputy CMO डॉ. सुनीता सोखी ने कहा कि गैर संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए जीवन में निश्चित रूप से योग को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि शोध भी बताते हैं कि Obesity, Sugar, BP, and Cancer आदि रोगों को दूर रखने में योग कारगर सिद्ध हुआ है। मुख्य वक्ता गीता विशेषज्ञ प्रशांत शास्त्री ने अपने वक्तव्य में बताया कि सभी शास्त्रों का सारभूत ग्रन्थ गीता ही है। जीवन बहुत छोटा है। सभी बड़े शास्त्र पढऩा संभव नही है और सभी शास्त्रों की दृष्टि भागवत गीता में ही उपलब्ध है।
जीवन जीने की कला हो या अध्यात्मिक फल प्राप्त करना हो, उसके लिए जिस ज्ञान की आवश्यकता है वह गीता में उपलब्ध है। गीता के सभी अध्यायों का नाम का अंतिम शब्द योग है जैसे अर्जुन विषाद योग आदि। उन्होंने कहा कि सुख और दुख में सम अवस्था में रहना ही योग है तथा योग कर्मसुकोशलम अर्थात् योग सब कार्यों में कुशल कार्य है।
जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. राजबीर सिंह ने कहा कि शरीर, मन और आत्मा को जोडऩे वाला योग है। योग तारतम्य की स्थिति बनाकर मनुष्य को देवतुल्य बना देता है। Narcotic Control Board के सदस्य उप निरीक्षक कृष्ण कुमार ने बताया कि आने वाली पीढिय़ों को मस्तिष्क पर प्रभाव डालने वाले खतरनाक नशों से बचाने के लिए सर्व समाज को मिलकर प्रयास करने होगें और पुनर्वास केन्द्रों में नशामुक्त हुए लोगों को योग अपनाकर अपना जीवन स्वस्थ करना चाहिए। ब्रह्मकुमारी बीके मोहिनी ने अपने संबोधन में कहा कि शारीरिक योग के साथ-साथ मानसिक योग भी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने सहज राजयोग के बारे में बताया तथा ईश्वर के स्वरूप का वर्णन किया।
मदन गोपाल आर्य ने योगासन खेलों के भविष्य और चुनौतियों के बारे में बताते हुए कहा कि खेलों इंडिया कार्यक्रम के तहत पंचकुला में योगासन खेल प्रतियोगिता जून-2022 में प्रस्तावित है जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे। योगासन खेलों के खिलाडिय़ों को नौकरी में भी कोटा मिलेगा। धीरे-धीरे योगासन खेलों को राष्ट्रीय खेलों, एशियाड व ओलंपिक में शामिल करने का भी संकल्प है।
योग नर्सरियां, शैक्षणिक योग्यता तथा सर्वमान्य पाठ्यक्रम योगासन खेलों के रास्ते में बड़ी चुनौतियां है। डॉ. हरीश यादव ने प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से अपने आप को स्वस्थ करने व दवाईयों से छुटकारा पाने का रास्ता सुझाया। दो दिवसीय विचार गोष्ठी व योग महोत्सव के कार्यक्रम में योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य व 75 करोड़ सूर्य नमस्कार में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लगभग 101 ऐसे साधकों व बच्चों को प्रशंसा पत्र व महाकाव्य भगवत गीता से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में नोडल अधिकारी एवं योग विशेषज्ञा अंबिका पान्टा, आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार, डॉ. बलवान सिंह, सीमा यादव, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. संजय पॉल, पतंजलि योग समिति की महिला प्रभारी मंजू चोपड़ा, लक्ष्मी देवी, आर्ट ऑफ लिविंग से संजय ग्रोवर, प्रयास संस्था के प्रधान तरूण भाटी, चन्द्र प्रकाश आर्य, सुरेन्द्र कुमार, दिव्य योग आश्रम से कर्मचन्द सरदाना, पंकज कुमार, राजेन्द्र कुमार, जहीर, रवि अरोड़ा आदि मौजूद रहे।