फतेहाबाद / 7 मार्च / न्यू सुपर भारत
बच्चे के मानसिक और बौद्धिक विकास के लिए पौष्टिक आहार बहुत जरूरी है। बच्चे के जन्म से एक हजार दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इन दिनों में बच्चे का विशेष ख्याल रखा जाना जरूरी है। उक्त विचार उपायुक्त प्रदीप कुमार ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जिला पंचायत संसाधन केंद्र में आयोजित पोषण पखवाड़ा के समापन अवसर पर आंगनबाड़ी वर्कर और सुपरवाइजर को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर उपायुक्त ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित की गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उपायुक्त ने विषयों आधारित पेंटिंग को भी देखा और उनकी सराहना की।
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग अपना अह्म योगदान दे रहा है। माताओं और बच्चों के पौष्टिक आहार बारे उन्हें जागरूक करने के साथ-साथ उनकी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित करना होगा। बच्चों के विकास के लिए जितना अह्म योगदान अभिभावकों का है, उससे ज्यादा आंगनबाड़ी वर्कर का दायित्व बढ़ जाता है।
उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश सरकार ने भी आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूलों में बदलने का फैसला किया है। एक अप्रैल से ये स्कूल शुरू हो चुके हैं। जिला में 234 आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूलों में तबदील किया गया है। उन्होंने आंगनबाड़ी वर्कर से आह्वान किया कि वे इनकी गंभीरता को समझे और अपना योगदान समाज की नींव मजबूत करने के लिए दें। उन्होंने कहा कि शासन व प्रशासन प्ले स्कूलों में सहायता प्रदान करेगा।
सरकार की तरफ से जो सुविधाएं होंगी उनको उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके साथ ही सीएसआर के माध्यम से इन प्ले स्कूलों में सुविधाओं में ईजाफा किया जाएगा। उन्होंने आंगनबाड़ी वर्कर व सुपरवाइजर से कहा कि वे सरकार द्वारा दी गई इस महत्वपूर्ण जिम्मेवारी को निभाते हुए अपना बेहतरीन योगदान दें।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी सीमा रोहिल्ला ने विभाग द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि विभाग के आंगनबाड़ी वर्कर व सुपरवाइजर ने पोषण पखवाड़ा के तहत अनेक कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को जागरूक किया है। इस दौरान महिलाओं द्वारा पौधारोपण किया गया है। उन्हें किचन गार्डन विकसित करने के लिए ट्रेनिंग दी गई है।
बच्चों को किस प्रकार का पौष्टिक आहार दिया जाना चाहिए, इस विषय पर अनेक सेमिनार और कार्यक्रम आयोजित किए है। विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित कर उनमें जागरूकता लाने के लिए प्रयास किए गए है। उन्होंने बताा िबताया कि पोषण अभियान के तहत होम विजिट, सैम बच्चों की काउंसलिंग, संतुलित आहार सैम बच्चों को स्पोट फीडिंग देने बारे प्रेरित किया गया है। इसके अलावा समय-समय पर सैम बच्चों की हाइट व वेट लिया गया और कम लागत में बनने वाली पौष्टिक रेसिपी बताई गई।
इस अवसर पर पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई। महिलाओं का कला संस्कृति और तकनीकी क्षेत्र में योगदान विषय पर पेंटिंग प्रतियोगिता हुई, जिसमें अव्वल आने वाले व प्रतिभागियों को उपायुक्त प्रदीप कुमार ने प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया।
उपायुक्त ने ब्लॉक स्तर पर अच्छा कार्य करने वाली आंगनबाड़ी वर्कर को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर नगराधीश सुरेश कुमार, परियोजना अधिकारी लता रानी, सुमन, स्नेहलता, नीतू, अंजू, अजय बजाज, अधीक्षक परमजीत, लक्की ग्रोवर, आर्ट एंड कल्चर अध्यापक औम प्रकाश कादयान आदि मौजूद रहे।