राष्ट्रीय कामधेनु आयोग का आगामी गणेश उत्सव पर गौमय -गोबर से निर्मित श्री गणेश जी की मूर्ति की स्थापना एवं पूजन का आह्वान
भारतीय गाय के गांव में से बनी हुई इको फ्रेंडली पर्यावरण रक्षक श्री गणेश जी की प्रतिमा की घर घर में स्थापना एवं पूजन करके गणेशोत्सव मनाएं (डॉ वल्लभभाई कथीररया)
नूरपुर / 23 जुलाई / पंकज
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने जून माह के मन की बात कार्यक्रम श्रृंखला में आने वाले गणेशोत्सव के शुभ अवसर पर इको फ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना एवं पूजन करके पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करने की जनता जनार्दन से नम्र अनुरोध किया था। राष्ट्रीय कामधेनु आयोग गौ रक्षा सेवा से संबंधित कार्यक्रम चला रहा है। माननीय प्रधानमंत्री जी के आगमन पर राष्ट्रीय कामधेनु आयोग इसे एक काऊ चैलेंज के रूप में संपूर्ण भारत में प्रचार एवं प्रसार करेगा। इस प्रयास के द्वारा गौशाला स्वावलंबन की और अग्रसर होगी। युवा महिला और उद्यमियों को मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया से जोड़ने के लिए एक सार्थक प्रयास होगा जिससे हमारा देश आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ेगाl आयोग के प्रथम अध्यक्ष, भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ वल्लभभाई कथीररया ने समस्त गौशाला मैनेजमेंट गौ उत्पाद व्यवसायियों, युवा एवं महिला केंद्रों, महिला स्वयं सहायता केंद्रों, स्वयं सहायता समूह एवं सामाजिक संगठनों से इस वर्ष भारतीय प्रजाति की गायों के गोबर से श्री गणेश जी की मूर्ति के निर्माण का आह्वान किया है। साथ में आम जनता से भी इस वर्ष करोना काल में देसी गाय के गोबर से बनी श्री गणेश जी की प्रीति प्रतिमा की घर में स्थापना एवं पूजन करने का आह्वान किया है।
हिमाचल जिला कांगड़ा में स्थित स्वदेशी कामधेनु गौशाला के संचालक राजेश डोगरा एवं ऋषि डोगरा ने बताया है कि गौ गोबर से निर्मित श्री गणेश जी की प्रतिमा हमें विकिरण के को प्रभावों से बचाने में सहायक होगी। स्वदेशी कामधेनु गौशाला पिछले 4 वर्षों से लगभग गौ उत्पाद के उत्पादन का कार्य कर रही है और अब गणेश उत्सव पर गोबर द्वारा निर्मित गणेश जी की प्रतिमा का निर्माण भी प्रारंभ करेगी। सचालकों का मानना है कि इससे पूर्व पीओपी से बनी हुई मूर्तियां जल प्रदूषण का मुख्य कारण बनती है और दूसरी तरफ गोबर से बनी हुई प्रतिमा को गणेश उत्सव की समय अवधि के बाद बाग बगीचों में जैविक खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है। अतः सब से अनुरोध है इस वर्ष गौ में गोबर से बनी हुई मूर्तियों का उपयोग कर स्वच्छ भारत और आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में गौशालाओं का समर्थन करें।