May 4, 2025

मिड डे मील वर्कर्स यूनियन ने एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा मांग पत्र

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एसडीएम रामपुर को ज्ञापन सौपते हुए मिड डे मील वर्कर यूनियन के कार्यकर्ता

मिड डे मील वर्कर्स यूनियन ने एसडीएम के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा मांग पत्र 

रामपुर बुशहर /4 सितंबर / भारद्वाज ..

मिड डे मील वर्कर्स यूनियन क्षेत्रीय कमेटी रामपुर सम्बंधित सीटू के प्रतिनिधिमंडल ने एसडीएम रामपुर के माध्यम से प्रधानमंत्री को अपना मांग पत्र दिया इस प्रतिनिधि मण्डल का प्रतिनिधित्व सीटू जिला शिमला अध्यक्ष कुलदीप सिंह व मिड डे मील शिमला जिला कमेटी उपाध्यक्ष अशुभारती  ने किया।  इस प्रतिनिधि मण्डल ने अपने मांग पत्र के माध्यम से कहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार मजदूरों के अच्छे दिन का वादा लेकर सत्ता में  2014 में आई थी परन्तु केंद्र सरकार द्वारा 2013 में केंद्र सरकार द्वारा  बढ़ाए हुए 2000 रुपये का वेतन को अभी तक लागू नहीं किया।  केंद्र की सत्तासीन सरकारों के द्वारा 2009 के बाद अभी तक मिड डे मील के मजदूरों की मजदूरी में 1 रुपया तक नहीं बढ़ाया 2013 में हुए 45वें श्रम सम्मेलन में तब की सरकार ने माना था कि मिड डे मील वर्कर्स को मजदूरों की श्रेणी में लाया जाएगा,न्यूनतम वेतन लागू किया जाएगा, सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी, मेडिकल की सुविधा दी जाएगी।परन्तु अच्छे दिन का वादा लेकर आई मोदी सरकार के द्वारा दूसरे कार्यकाल में भी  मिड डे मील के बजट में लगातार कटौती करके इस योजना को समाप्त करने का कॉम कर रही हैं पूंजीपतियों को फायदा पंहुचाने के लिए इस योजना को ठेके पर दिया जा रहा है। दूसरी तरफ प्रदेश की भाजपा सरकार के द्वारा मिड डे मील के मानदेय में नाममात्र की बढ़ोतरी अपने कार्यकाल में की है जो इस महँगाई के दौर में ऊंट के मुंह जीरे के समान है क्योंकि जिस तेजी के साथ महंगाई बढ़ रही है ऐसी स्थिति में मात्र 1800 रुपये महीने में गुजारा नहीं किया जा सकता है जबकि जो विधायक विधानसभा के लिए 5 साल के लिए चुनके जाते हैं उन्हें पर महीना 2 लाख 10 हजार वेतन के अलावा और उन्हें पेंशन की सुविधा दी जाती है । एक तरफ हिमाचल सरकार  ऋण में डूबी हुई है  और और दूसरी तत्फ़ हिमाचल प्रदेश की सरकार के द्वारा विधायकों के यात्रा भते में 2लाख 5 हजार से बढ़ाकर 4 लाख से कर दिया है जो विधयकों का एक महीना 33हजार से अधिक  है यात्रा भत्ता बनता है परुन्तु मिड डे मील के वर्कर्स जिनको13 से 16 साल काम करते हुए हो गये उन्हें अभी न्यूनतम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है मात्र 1800 रुपये मैं। परिवार का गुजारा करना पड़ रहा है इसलिए मिड डे मील वर्कर्स यूनियन क्षेत्रीय कमेटी सरकार से मांग करती है कि  सरकार  मिड डे मील वर्कर को न्यूनतम 7500 रुपये वेतन दिया जाए,10 माह के बजाए 12 माह का वेतन दिया जाए,जहाँ एक वर्कर है उसके साथ हेल्पर की व्यवस्था की जाए,छुटियों का प्रावधान किया जाए , 45वें श्रम सम्मेलन की शर्तो को लागू किया जाए जिसमें सरकार ने मिड डे मील को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, न्यूनतम वेतन देने, समाजिक सुरक्षा जिसमें पेंशन, ग्रेच्युटी, मेडिकल सुविधा, छुटियाँ सब शामिल हैं यदि केंद्र सरकार द्वारा मिड डे मील की मांगों को  नहीं माना तो आने वाले समय मैं मिड डे मील वर्कर्स यूनियन सम्बन्धित सीटू देश व प्रदेश सरकार के खिलाफ संघर्ष तेज करेगी इस प्रतिनिधि मण्डल में सीटू जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा, टेक चंद शर्मा, अविनाश, संगीता, सेवादासी, पूनम , विजयलक्ष्मी, राजेन्द्र , शुकन्तला आदि उपस्थित रहे।


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