मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के प्रति जागरूक करें
बिलासपुर / 20 फरवरी / न्यू सुपर भारत
सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से लोगों को लाभान्वित करने के लिए और निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अधिकारी और बैंकर्ज पारस्परिक सहभागिता निभाएं ताकि अधिक से अधिक पात्र लोग योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सके। यह बात उपायुक्त रोहित जम्वाल ने वर्ष 2020-21 की वार्षिक ऋण योजना के अन्तर्गत दिसम्बर, 2020 को समाप्त तिमाही के परिणामोें तथा उपलब्धियों की समीक्षा हेतु जिला स्तरीय सलाहकार एंव समन्वय समिति तथा जिला स्तरीय समीक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। बैठक में जिला में कार्यरत सभी बैंकों द्वारा क्रियान्वित की जा रही सरकार की गरीबी उन्मोलन योजनाओं के अंतर्गत हुई प्रगति तथा वार्षिक ऋण योजना तथा 31 दिसम्बर, 2020 तक के लक्ष्यों तथा उपलब्धियों की समीक्षा की गई।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना व राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के तहत अधिक से अधिक पात्र लोगों को लाभान्वित करें। उन्होंने कहा कि बैकांे द्वारा आयोजित किए जाने वाले वित्तीय साक्षरता शिविरों में सम्बन्धित विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहें और सरकारी योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक पात्र लोगों को लाभान्वित करने के लिए जागरूक करें, ताकि अधिक से अधिक लोग इन योजनाओं का लाभ उठाकर लाभान्वित हो सके।
उन्होने जिला में कार्यरत सभी बैंकों से आशा जताई कि वे जिले के आर्थिक विकास में अपने दायित्वों को समझते हुए ज्यादा से ज्यादा ऋण प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को दें तथा लोगों के आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने में अपना महत्वपूर्ण सहयोग दें।
उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि जिला के ऋण वितरण में बैंकों का वार्षिक ऋण योजना 2020-21 में 1185 करोड रूपए के निर्धारित लक्ष्य के तहत तीसरी तिमाही दिसम्बर, 2020 तक बैंकों ने 687.83 करोड़ रूपए के ऋण वितरण करके 77.39 प्रतिशत लक्ष्यों की प्राप्ति की है। उन्हांेने बताया कि तिमाही की समाप्ती में प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में बैंकों ने 64.94 प्रतिशत की दर से तथा गैर प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र में 174.23 प्रतिशत की दर से लक्ष्यों की प्राप्ति की है।
उन्होने बताया कि जिला में 31 दिसम्बर तक समाप्त तिमाही में कृषि क्षेत्र में 168.87 करोड़ रूपए, सूक्ष्म, मध्यम व लघु उद्यमों में 187.47 करोड़ रूपए तथा अन्य प्राथमिक क्षेत्र में 162.57 करोड़ रूपए के ऋण वितरित किए गए हैं। उन्होने बताया कि जिला के बैंकों ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अन्तर्गत लगातार वृद्धि दर्ज की है तथा अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2020 तक कुल 5022 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये हैं।
उन्होंने जिला में कार्यरत सभी बैंक शाखाओं को निर्देश दिए कि वे शेष बचे पात्र किसानों को भी किसान क्रेडिट कार्ड जारी करना सुनिश्चित बनाएं। उन्होने बताया कि जिला के बैंकों का गत् वर्ष के समापन 31 मार्च, 2020 को कुल व्यवसाय 7882.78 करोड़ रूपए का था जोकि वर्ष 2020-21 के तीसरी तिमाही 31 दिसम्बर तक बढ़कर 8262.34 करोड़ रूपए का हो गया है।
बैठक का संचालन अग्रणी जिला प्रबंधक ए.के. गुप्ता ने किया।
बैठक मंे सहायक प्रबन्धक, भारतीय रिजर्व बैंक शिमला भरत राज आनंद, डीडीएम नाबार्ड सतपाल चैधरी, निदेशक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान एम.आर. भारद्वाज, एफएलसी यूको बैंक एस.के. शर्मा के अतिरिक्त विभिन्न बैंकों के प्रबन्धक और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।