जिला में चार सालों के लिए बनाएंगे स्वास्थ्य एक्शन प्लान: गोविंद ठाकुर
*कोविड-19 से निपटने के लिए माईक्रो लेवल पर तैयारियों की समीक्षा बैठक
कुल्लू / 11 अप्रैल / एन एस बी न्यूज़
वन, परिवहन व युवा सेवाएं एवं खेल मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि आज समूचा विश्व नोवल कोरोना वायरस के संकट से पार पाने के लिए जद्दोजहद कर रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य क्षेत्र की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण और जिम्मेवारी की हो जाती है। वह शनिवार को परिधि गृह कुल्लू के सभागार में सरकारी और निजी अस्पतालों चिकित्सकों के साथ कोविड-19 के दृष्टिगत माईक्रो स्तर पर की गई तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
गोविंद ठाकुर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व चिकित्सकों को जिला के लिए अगले चार सालों के लिए कार्य योजना तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में धन की कोई कमी नहीं है और जिला की सभी भावी जरूरतों को देखते हुए एक वृहद कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए। इसके लिए जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों की मांग व आवश्यकताओं को प्राप्त करने के साथ-साथ चिकित्सकों के सुझाव भी लिए जाएं ताकि भविष्य में जिला में चिकित्सा सेवाओं का एक मजबूत ढांचा उपलब्ध हो सके। कोविड-19 के खतरे को रोकने के लिए उन्होंने जिला में माईक्रो लेवल पर की गई तैयारियों पर बारीकी से चर्चा की।

टीम स्पिरिट व आपसी समन्वय से कार्य करें सभी अधिकारी
वन मंत्री ने कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए जहां समाज के एक-एक व्यक्ति का सहयोग जरूरी है, वहीं सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों का आपसी तालमेल नितांत आवश्यक है। सभी को एकजुट होकर टीम की भावना के साथ कार्य करना है। उन्होंने जिला व खण्ड स्तर पर कार्यरत समस्त चिकित्सा अधिकारियों को नित्य प्रति गतिविधियों की रिपोर्ट उपायुक्त को तथा संबंधित एसडीएम को प्रस्तुत करने को कहा ताकि किसी भी क्षेत्र में तैयारियों में कोई कमी न रहे। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टाॅफ की सुरक्षा जरूरी है, जो परोक्ष तौर पर मरीजों के सम्पर्क में रहते हैं। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सकों व पैरा मेडिकल स्टाॅफ को अच्छी गुणवत्ता वाली सुरक्षा किट प्रदान की जानी चाहिए। हालांकि इस प्रकार की किट पहले ही प्रदान की जा चुकी हैं, लेकिन आवश्यकतानुसार और किट उपलब्ध करवाई जाए।
मंत्री को अवगत करवाया गया कि स्वास्थ्य विभाग में ट्रिपल लेयर के एक लाख से अधिक माॅस्क चिकित्सा खण्डों व उपकेन्द्रों में आगामी वितरण के लिए उपलब्ध करवाएं गए हैं।

4.05 लाख लोगों की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग पूरी
उपायुक्त ने वन मंत्री को अवगत करवाया कि एक्टिव केस फाईंडिंग कैम्पेन के अंतर्गत जिला में 4.05 लाख लोगों की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग का कार्य पूरा कर 97 प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है। आगामी सोमवार तक जिला के सभी लोगों की स्क्रीनिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए जिला में स्वास्थ्य, आयुर्वेद तथा महिला एवं बाल विकास विभागों की 479 टीमें बनाई गई हैं। ये टीमें घर-घर जाकर लोगों की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग का कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि सभी कर्मियों को सेनेटाईजर, मास्क व दस्ताने इत्यादि प्रचुर मात्रा में उपलब्ध करवाया गया है ताकि इनकी सुरक्षा को सुनिश्चित बनाया जा सके।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि यह हर्ष की बात है कि जिला में स्क्रीनिंग के समय एक भी मामला कोरोना संभावित नहीं मिला। बैठक में अवगत करवाया गया कि जो व्यक्ति जिला में बाहरी जिलों अथवा प्रदेशों से आएं हैं, उन्हें 14 दिनों के क्वारन्टीन पर रखा गया था और अधिकांश ने इसे पूरा कर लिया है जिनकी पुनः चिकित्सा जांच की गई।
वन मंत्री ने कहा कि आनी व बंजार उपमण्डलों के दूर-दराज के क्षेत्रों की ओर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन व मुख्य चिकित्सा अधिकारी को इन क्षेत्रों में की गई तैयारियों की रिपोर्ट नियमित रूप से प्राप्त करने को कहा।
कोविड-19 के लिए जिला में क्या है तैयारी
उपायुक्त डाॅ. ऋचा वर्मा ने अवगत करवाया कि जिला में कोविड-19 के किसी भी स्तर से निपटने के लिए पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में स्थापित आइसोलेशन वार्ड में वर्तमान में 10 बैड लगाए गए हैं। अन्य अस्पतालों की में भी व्यवस्था की गई है। मौजूदा समय में संभावित मरीजों में हाई रिस्क अथवा लो-रिस्क का पता लगाने के लिए अस्पताल के बाहर ही जांच कक्ष स्थापित किया गया है और अस्पताल में पूरी सावधानी बरती जा रही है कि कोई अन्य व्यक्ति संभावित मरीजों के सम्पर्क में किसी प्रकार न आए।

कुल्लू के आयुर्वेद अस्पताल में संभावित मामलों को क्वारन्टीन के लिए व्यवस्था बनाई गई है। उन्होंने अवगत करवाया कि चिकित्सकों के ठहरने केे लिए सुविधाजनक व्यवस्था की गई है।
डाॅ. ऋचा वर्मा ने जानकारी दी कि कोरोना की आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला में आकस्मिक योजना के तहत उपमण्डल स्तर पर चिकित्सकों की टीमें बनाई गई हैं। इनमें सेवारत व सेवानिवृत तथा निजी अस्पतालों के चिकित्सक भी शामिल किए गए हैं जो जरूरत पड़ने पर त्वरित सेवाएं प्रदान करेंगे।
स्टाॅफ को अस्पताल आने-जाने के लिए निजी अस्पतालों के चिकित्सकों की वाहन उपलब्ध करवाने की मांग पर उपायुक्त ने कहा कि सभी को वाहनों के परमिट जारी किए गए हैं। जिनके पास वाहन नहीं है, उन कर्मियों की लिस्ट मुख्य चिकित्सा अधिकारी को उपलब्ध करवाएं। उन्होंने आग्रह किया कि वाहन में भी सोशल डिस्टेन्सिग का ख्याल रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों को भी सुरक्षा किट उपलब्ध करवाई जाएगी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने अवगत करवाया कि क्षेत्रीय अस्पताल में दो वेन्टिलेटर जबकि मनाली में एक वेन्टिलेटर उपलब्ध है तथा तीन और वेन्टिलेटर की आपूर्ति आदेश दिए गए हैं। अस्पताल में नौ एम्बुलेन्स हैं। सभी एम्बुलेन्स को बार-बार सेनेटाईज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 3000 निजी सुरक्षा किट मंगवाई गई हैं जो जल्द ही उपलब्ध हो जाएंगी। उन्होंने जानकारी दी कि जिला से सात चिकित्सकों को कोविड-19 के प्रशिक्षण के लिए टाण्डा मेडिकल अस्पताल भेजा गया था। उन्होंने अवगत करवाया कि जिला में दवाईयों की प्रचुर मात्रा में उपलब्धता है और किसी प्रकार की कमी नहीं है।