राजगढ़ क्षेत्र के बागबानों को प्लम की नई नई किस्मो की विश्वसनीय खेती करने में अब नहीं आयेगी कोइ समस्या
राजगढ़ /15 फरवरी / न्यू सुपर भारत /
राजगढ़ क्षेत्र के बागबानों को प्लम की नई नई किस्मो की विश्वसनीय खेती करने में अब कोइ समस्या नहीं आयेगी | इसके लिए राजगढ़ में प्लम उत्पादक संघ का गठन करने के बाद पहले जागरूकता शिविर का आयोजन यहाँ के लोक निर्माण विश्राम गृह में किया गया | शिविर में संघ के फाऊंडर सदस्य दीपक सिंघा व् नोणी विश्वविद्यालय से बतौर अध्यक्ष फ़ूड एंड साइंस विभाग से सेवानिवृत डा० जे एस चंदेल विशेष रूप से उपस्थित हुए | प्लम उत्पादक संघ की राजगढ़ यूनिट के अध्यक्ष सनम चोपड़ा ने बताया कि प्लम ग्रोअर्र फोरम की स्थापना इक्कठे मिलकर प्लम की खेती को उत्पादन , तकनीक व् मार्केटिंग के विषय में आगे ले जाने के लिए किया गया है |
शिविर के दौरान दीपक सिंघा ने प्लम की खेती में आधुनिक तकनीक , किस्मो व् रूट स्टाक लाने पर विस्तृत जानकारी प्रदान की | उन्होंने बताया कि प्लम की पुरानी किस्मे अधिक लाभ देने वाली नही थी लेकिन नई किस्मो ब्लेक एम्बर , फ्रायर , फोर्चुनर , एंज्लिनो आदी में लाभ की बहुत अधिक संभावनाए है | उन्होंने कहा कि बागबानो के समक्ष अभी इन किस्मो की उपलब्धता और पोलिनेशन जैसी समस्याए आ रही है और संघ द्वारा इन समस्याओं को दूर करने के लिए नोणी विश्वविद्यालय के साथ तालमेल बनाया जा रहा है ताकी वैज्ञानिक और बागबान एक मंच पर आकर प्लम की खेती को आगे ले जा सके | उन्होंने कहा कि हमारा उदेश्य प्लम की मार्केट को को सेब के स्तर पर ले जाना भी है | इस अवसर पर डा० चंदेल ने कहा कि राजगढ़ क्षेत्र प्लम की खेती के लिए एक उपयुक्त स्थान है | उन्होंने प्लम की खेती को लेकर बागबानो और संघ के उत्साह को सराहा और कहा कि प्लम की सफल खेती के लिए सबसे आवश्यक चीज गुणवता वाले पौधे उपलब्ध कराना है
और इसके लिए अच्छी नर्सरी पर ध्यान देना होगा | उन्होंने किस्मो की होड़ से बचने का आह्वान भी किया और जलवायु और स्थान के अनुसार ही नई किस्मे लगाने की बात भी कही | डा० चंदेल ने सेब की तरह प्लम के लिए भी रूट स्टाक पर काम करने की बात पर भी बल दिया और बागबानो को प्रूनिंग का पूरा ज्ञान होना चाहिए | उन्होंने बहुत अधिक प्लम होने पर मार्केट की सम्भावनाओ पर पहले ही काम करने पर भी बल दिया | शिविर में राजगढ़ क्षेत्र के 60 से अधिक प्रगतिशील बागबानो ने भाग लिया |