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राजकीय आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला काजा की प्रधानाचार्य डिकित डोलकर को मिला पुरस्कार- स्पिति विशेष “हर घर पाठशला कार्यक्रम’’ के तहत शिक्षण सामग्री तैयार करने में निभाई है भूमिका- 93 दिनों से एक भी दिन नहीं किया अवकाशा- राजकीय आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला काजा में इस वर्ष एनरोलमेंट हुआ 156

काजा / 05 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़

सोमवार को विश्व शिक्षक दिवस के मौके पर राजकीय आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला काजा की प्रधानाचार्य डिकित डोलकर को सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम में बतौर मुख्यतिथि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर मौजूद रहे।  राज्यस्तरीय पुरस्कार  में राज्य सरकार द्वारा तीन शिक्षक को पुरस्कार के लिए मनोनीत किया था। इनमें प्रधानाचार्य डिकित डोलकर का नाम भी शामिल था।

स्पीति क्षेत्र में प्रधानाचार्य डिकित डोलकर को पुरस्कार मिलने को लेकर खुशी की लहर है। डिकित डोलकर ने कोविड 19 के दौरान जहां बच्चों में पढ़ाई को बाधित नहीं होने दिया। आफलाइन शिक्षा को जारी किया।  बल्कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला काजा में बच्चों के प्रवेश में संख्या को बढ़ाया है। पिछले कई सालों से हर वर्ष 90 से 100 बच्चें तक ही एनरोलमेंट रहती थी। लेकिन स्कूल का परिणाम बेहतर और पढ़ाई प्रबंधन में किए गए बदलाव के कारण इस वर्ष 156 बच्चों का पंजीकरण हो चुका है।

राजकीय आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला काजा की प्रधानाचार्य डिकित डोलकर ने कहा कि एडीएम ज्ञान सागर नेगी, एसडीएम जीवन सिंह नेगी के नेतृत्व में आफलाइन शिक्षा स्पीति के हर बच्चें तक पहुंचाने का प्रयास सफल हो पाया है। स्पीति जैसे दूर दराज क्षेत्र में इंटरनेट की सुविधा काफी कम होती है। ऐसे लाॅकडाउन में पढ़ाई को जारी रखा गया। हर कर्मचारी का अपनी डयूटी ईमानदारी से करनी चाहिए। तभी देश का विश्वास हो सकता है। मैं हिमाचल प्रदेश सरकार, अपने स्कूल प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन की आभारी हूं।


स्पीति की पहली स्नातक और बीएड डिग्री उत्तीर्ण है डिकितराजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला काजा की प्रधानाचार्य डिकित डोलकर की दसवीं तक की पढ़ाई स्पति में ही हुई है। इसके बाद जमा दो तक की पढ़ाई देहरादून में हुई। डिकित डोलकर स्पीति क्षेत्र की पहली स्नातक डिग्री धारक है । वर्ष 1986 में स्नातक की डिग्री सोलन काॅलेज से उत्तीर्ण की । इसके बाद वर्ष 1988 में बीएड की डिग्री पंजाब विवि से उत्तीर्ण करके पहली स्पीति की बीएड  डिग्री धारक बनी। इसके बाद हिमाचल प्रदेश विवि से एम इतिहास किया। वर्ष 1996 में बतौर टीजीटी शिक्षा विभाग ज्वाइन किया था।


लाॅकडाउन में आफ लाइन शिक्षा में निभाई अहम भूमिकाकोविड-19 महामारी के मध्यनजर हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा अपै्रल, 2020  से  “हर घर पाठशला कार्यक्रम“ का श्ुाभारम्भ किया गया जिसके अन्तर्गत शिक्षा निदेशलय ने हिमाचल प्रदेश में ’व्हट्स ऐप’ के माध्यम से ‘आनलाईन’ कक्षाएं शुरू किया। “हर घर पाठशला“ के अन्तर्गत ‘आनलाईन’ कक्षांए के लिए राज्य स्तर पर संसाधन विशेषज्ञ की नियुक्तियां की गई थी, जिन्होंने विडियो के माध्यम से कक्षाएं संचालित की। इसके अतिरिक्त, शिक्षण समाग्री का वितरण भी ‘आनलाईन’ किया गया।

सरकार द्वारा शुरू किया गया ‘हर घर पाठशला कार्यक्रम’ पूर्ण रूप से ‘इन्टरनेट’ सुविधा पर आश्रित था। स्पिति जैसा दुर्गम भोगौलिक परिस्थ्तिियों में भी “हर घर पाठशला“ को सफल बनाने हेतू आरम्भ में हर सम्भव प्रयत्न किया गया परन्तु अंतत लागू नही किया जा सकता था। जैसे अभिभावको के पास समार्ट फोन का न होना व दूर दाराज के अभिभावको एवम् विद्यार्थी के पास ‘इन्टरनेट’ सुविधा का न होना व उपयोग करने में असमर्थता आदि।  इसी पृष्ट भूमि के मध्यनज़र व विद्यार्थियों के भविष्य का चिंतन करते हुए। शिक्षा विभाग स्पिति ने एक विषेश बैठक अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी स्पिति स्थान काजा श्री ज्ञान सागर नेगी की अध्यक्ष्ता में अप्रैल माह के दूसरे पखवाडे में अयोजित की गई व प्रशासन को उपरोक्त सभी समस्याओ से अवगत करवाया गया और वाछिंत दिशा निर्देश दिए थे।राजकीय वरिष्ट माध् यामिक पाठशलाएं, 6 राजकीय उच्च विघालय, 15 राजकीय माध्यमिक पाठशलाएं एवम 69 राजकीय प्राथमिक पाठशलाएं में तुरन्त प्रभाव सेे कक्षा 1 से12वीं तक के विद्यार्थियो के लिए “हर घर पाठशला कार्यक्रम“ के तहत  आफ लाईन शिक्षण सामग्री तैयार किया जावे व इसका वितरण की जिम्मेदारी सम्बन्धित शिक्षण संस्था के प्रमुख को दिया गया। उक्त “स्पिति वि शेष हर घर पाठशाला“ को सफलतापूर्वक लागू करने हेतु समस्त स्कूलों  में विशेष नामकं न अभियान भी चलाया गया जो कि बहुत सफल भी रहा व ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों का नामाकन सूनिश्चित किया गया। उक्त मिश्न को सफलता हेतु सर्वाधिक कठिनाई व चुनौती, शिक्षण समाग्री तैयार करना था जिसके लिए कुमारी दिकित डोलकर प्रधानाचार्य, राजकीय आदर्श वरिष्ट माध्यामिक पाठशला काजा को 6 से 12 तक के लिए  दी गई  थी । 93 दिन बिना किसी अवकाश के डिकित डोलकर ने आफलाईन कार्य जारी रखा। दिन रात मेहनत् कर सप्ताहिक शिक्षण सामग्री तैयार किया गया तथा समन्वयकों  के अनुमोदन पश्चात ही शिक्षण सामग्री सम्बन्धित प्रधानाचार्य/मुख्य अध्यापक/केन्द्र मुख्य अध्यापक के माध्यम स  घर घर जाकर विद्यार्थियों तक गया। शिक्षण सामग्री को स्कू लों से  घर घर पंहुचाने के लिये पाठशाला स्तर पर समार्पित अध्यापको की एक अलग टीम बनाई गई।

एक नई पहल भी की है जिसके अन्तर्गत गांव स्तर पर, अब महिला मण्डल भव नों, सामुदायिक भवनों में समाजिक दूरी का पालन करते हुए बच्चों को दिन में 1 से 2 घण्टे पढाया भी जा रहा है।राजकीय आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का बेहतरीन परिणामइस वर्ष राजकीय राजकीय आर्दश वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का बेहतरीन परिणाम आया है। स्कूल से पांच बच्चे जिला भर में टाॅप दस में जगह बना  पाए है। स्कूल की पढ़ाई को प्राधानाचार्य ने 9 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक जारी रखा है। ताकि बच्चों को अतिरिक्त समय पढ़ाई में दे सके और परिणाम बेहतर सामने आ सके। इसी का परिणाम है कि काजा स्कूल में परिणाम काफी अच्छा रहा।

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