क्यों नहीं मिल रही पेमेंट** हिप्र वैलफेयर कांट्रैक्टर एसोसिएशन ने दिया 15 दिन का अल्टीमेटम*** जल्दी करे भुगतान *** नहीं तो करेंगे आंदोलन ***पैसे की अदायगी न करने पर भडक़ी एसोसिएशन*** जीएसटी और रात को ट्रक ढुलाई पर सरकार पुन: करे विचार

क्यों नहीं मिल रही पेमेंट** हिप्र वैलफेयर कांट्रैक्टर एसोसिएशन ने दिया 15 दिन का अल्टीमेटम*** जल्दी करे भुगतान *** नहीं तो करेंगे आंदोलन ***पैसे की अदायगी न करने पर भडक़ी एसोसिएशन*** जीएसटी और रात को ट्रक ढुलाई पर सरकार पुन: करे विचार
मंडी/15 सितम्बर / पुंछी
वल्र्ड बैंक की और पीएमजीएसवाई सडक़ योजनाओं में डेढ़ माह से ठेकेदारों को पेमेंट न मिलने से हिप्र वैलफेयर कांट्रैक्टर एसोसिएशन भडक़ उठी है। हिप्र वैलफेयर कांट्रैक्टर एसोसिएशन ने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि 15 दिनों के अंदर संबंधित ठेकेदारों को पेमेंट नहीं की गई तो एसोसिएशन प्रदेशभर में आंदोलन शुरू करेगी। इसके अलावा प्रदेशभर में टैंडरों का प्रदेशभर में बायकॉट किया जाएगा। हिप्र वैलफेयर कांट्रैक्टर एसोसिएशन के स्टेट चेयरमैन दिनेश शर्मा ने यहां जारी एक प्रैस बयान में उक्त जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेशभर में ठेकेदारों को वल्र्ड बैंक की सहायता से चलाई जा रही वल्र्ड बैंक की परियोजनाओं और पीएमजीएसवाई सडक़ योजनाओं के लिए सरकार से पैसा नहीं मिल रहा है। जिससे ठेकेदारों को काम करना मुश्किल हो गया है। ठेकेदार ऐसी स्थिति में कैसे उन योजनाओं का काम पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा ठेकेदारों से पीडब्ल्यूडी और खनन विभाग चार से पांच फीसदी रॉयल्टी वसूल कर रहे हैं। हालांकि रॉयल्टी एक ही बार लेनी चाहिए लेकिन ठेकेदारों को बार बार रॉयल्टी चुकता करनी पड़ रही है। पहले रेत व बजरी के नाम खनन विभाग रॉयल्टी वसूल करता है फिर पुलिस वाले चालान के नाम पर वसूली करते हैं इसके बाद पीडब्ल्यूडी विभाग रॉयल्टी अलग से वसूल करता है। जिससे ठेकेदारों को दो या तीन बार रॉयल्टी चुकता करनी पड़ रही है। सरकार इस पर भी एकमुश्त रॉयल्टी तय करे ताकि बार बार ठेकेदारों को रॉयल्टी केनाम पर चुना न लगाया जा सके। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह से रेत बजरी की ढुलाई ट्रक रात को नहीं कर पा रहे हैं उससे भी ठेकेदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। एम फ ार्म कोई भी क्रशर वाला नहीं देता है। जिससे भी ठेकेदारों को परेशानी आ रही है। प्रदेश में कई क्रशर बंद पड़े हैं जिससे भी ठेकेदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में रात को बजरी व रेत की ट्रकों की ढुलाई पर प्रतिबंध लगा रखा है। जो कैबिनेट में पास होना बाकी है। सरकार इस पर गंभीरता से पुन: विचार करे। इससे पूर्व एक मिटिंग भी ठेकेदारों और ट्रक ऑपेटरों के साथ सरकार करवाए उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाए। इस निर्णय से भी ठेकेदारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जीएसटी के मामले में सीएम जयराम ठाकुर ने विभाग को निर्देश दिए थे कि ठेकेदारों के साथ जीएसटी के इश्यू को जल्दी समाप्त कर दे लेकिन सीएम के आदेशों के बावजूद पीडब्ल्यूडी विभाग ने ठेकेदारों के जीएसटी के तौर पर बकाये तक के मामलों का हल नहीं किया। न ही उन्हें राशि का भुगतान किया जा सका है। अभी तक ठेकेदारों से जीएसटी वसूली का मामला लटका पड़ा है। इस पर भी कोई फैसला नहीं लिया जा रहा है। दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार की ढुलमुल नीति से ठेकेदारों में रोष पनप रहा है। इस बात को लेकर ठेेकेदारों में असमंजसता है और अभी भी उनपर तलवार लटकी पड़ी है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार वल्र्ड बैंक की परियोजनाओं और पीएमजीएसवाई की सडक़ योजनाओं का पैसा शीघ्र रिलीज करे और बाकी समस्याओं के उपर भी शीघ्र विचार करें अन्यथा पूरे प्रदेश में ठेकेदार 15 दिनों के बाद अपना आंदोलन शुरू कर देंगे। उन्होंने सीएम जयराम ठाकुर से आग्रह करते हुए कहा कि ठेकेदारों की समस्याओं के प्रति वह स्वयं हस्तक्षेप करें ताकि लंबित योजनाएं पूरी हो सकें।