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गोबरधन योजना के तहत मातनहेल में लगेगा बॉयोगैस प्लांट

झज्जर / 27 सितंबर / न्यू सुपर भारत

डी सी कैप्टन शक्ति सिंह ने बुधवार को जिला स्वच्छ भारत मिशन प्रबंधन समिति की बैठक में जिले की स्वच्छता को लेकर प्रगति रिपोर्ट के साथ समीक्षा की। उन्होंने कहा कि  काफी पहले ही ओडीएफ हो गया था। अब पूरे जिले को ओडीएफ प्लस बनाना है। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र मेंं ठोस कचरा प्रबंधन पर विशेष फोकस करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिले मेंं गोवर्धन प्रोजेक्ट के तहत ठोस कचरे से बायोगैस उत्पादन प्लांट की विस्तृत रिपोर्ट का अध्ययन कर अंतिम रूप दें। यह बायोगैस प्लांट गांव मातनहेल में बतौर पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।  गांवों मेंं बायोगैस प्लांट शुरू होने से ठोस कचरे का ठीक से प्रबंधन होगा बायोगैस का उत्पादन होने ग्रामीणों को सस्ती रसोई गैस भी मिलेगी। इसको प्रोत्साहन देने की जरूरत है।

बैठक में पंचायतीराज कार्यकारी अभियंता संजीव शर्मा ने गोबरधन प्रोजेक्ट के तहत मातनहेल में प्रस्तावित बायोगैस प्लांट पर विभाग द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि मातनहेल गांव में गौशाला के पास लगभग पौना एकड़ जमीन मेंं बायोगैस प्लांट स्थापित करने की योजना तैयार की है। इस प्रोजेक्ट के तहत दस टन ठोस कचरे (गोबर, पोल्ट्री वेस्ट, फूड वेस्ट, ग्रीन वेस्ट, बायोग्राफी एबल सॉलिड वेस्ट) से 400 क्यूबिक ( 12 रसोई गैस सिलेंडर के बराबर) गैस का का प्रतिदिन उत्पादन होगा। इसके अतिरिक्त ठोस खाद और लिक्विड खाद का भी उत्पादन होगा । इससे भी प्लांट की आय होगी।
 

डीसी ने पंचायतीराज अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से कहा कि इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट का अध्ययन कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें ताकि पायलेट प्रोजेक्ट को जल्द शुरू किया जा सके। ग्रामीण क्षेत्र मेंं ऐसे प्रोजेक्ट शुरू होने से गौशालाओं की आय बढ़ेगी, ग्रामीणों को सस्ती रसोई गैस मिलेगी, ग्रामीण परिवेश मेंं ठोच कचरे का ठीक से प्रबंधन हो सकेगा। डीसी ने ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति निरंतर जागरूक करने का भी आह्वान किया। बैठक में सीईओ जिला परिषद डॉ सुभिता ढाका, पंचायतीराज कार्यकारी अभियंता संजीव शर्मा, डीडीपीओ ललिता वर्मा सीएमओ डॉ ब्रहादीप सिंह, डीईओ राजेश कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।

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