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किसान अपनी फसलों में कम से कम करें रासायनिक खादों का इस्तेमाल

झज्जर / 10 दिसंबर / न्यू सुपर भारत

डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि अपनी आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने तथा उनको स्वच्छ व स्वस्थ उपजाऊ भूमि देने के लिए किसान प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दें। उन्होंने कहा कि किसान अपनी फसलों में कम से कम रासायनिक खादों का उपयोग करें, ताकि हमारी भूमि की उर्वरा शक्ति लंबे समय तक बनी रहे।डीसी ने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किसानों के हित के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।

डीसी ने बताया कि सरकार द्वारा खेती में जोखिमों को कम करने व खेती को बेहतर बनाने के लिए किसानों को विभिन्न प्रकार की अनुदान योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने योजनाओं का विस्तार करते हुए अब स्वेच्छा से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने वाले ऐसे किसान, जिसके पास दो से पांच एकड़ भूमि है, को देसी गाय की खरीद पर अधिकतम 25 हजार रुपए का अनुदान देने की योजना है। इन्ही योजनाओं में से एक प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी बनाई गई है। इस योजना का लाभ लेने वाले किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए जीवामृत का घोल तैयार करने के लिए चार बड़े ड्रम नि:शुल्क दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 50 हजार एकड़ में प्राकृतिक खेती करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसके लिए कृषि विभाग द्वारा जागरूकता अभियान चलाकर किसानों का प्राकृतिक खेती करने के लिए जागरूक किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि बाजार में बढ़ रही मांग के मद्देनजर किसानों द्वारा अधिक उपज प्राप्त करने के लिए रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग में जबरदस्त वृद्धि हुई है, जिसके परिणाम स्वरूप कार्बनिक कार्बन में जबरदस्त कमी आई है। मिट्टी तथा फसल उपज में हानिकारक रसायनों में वृद्धि हुई है। इन हानिकारक रसायनों के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे कि किसानों की आमदनी को कई गुणा बढ़ाते हुए खेती को जहर मुक्त बनाया जा सके।

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