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फसल अवशेषों को जलाने की बजाय पशु चारा में इस्तेमाल करें किसान : डीसी

झज्जर / 19 अक्टूबर / न्यू सुपर भारत

डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने गुरुवार को लघु सचिवालय परिसर से फसल अवशेष न जलाने की जागरूकता के लिए प्रचार वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वैन जिला के सभी गावों को कवर करते हुए ग्रामीणों को फसल अवशेष न जलाने बारे फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए जागरूक करेगी।इस अवसर पर डीसी ने कहा कि पराली जलाने से न केवल वातावरण प्रदूषित होता है,साथ ही खेतों में पाए जाने वाले कीट मित्र भी नष्ट हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा किसानों को पराली नहीं जलाने का आह्वान किया जा रहा है,साथ फसल अवशेष प्रबंधन सहित अन्य योजनाओं से भी अवगत कराया जा रहा है।

कैप्टन शक्ति सिंह ने कृषि एवं कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने कार्य क्षेत्रों में धान की फसल की कटाई होते ही संबंधित किसान से मिलकर उसके खेत में यथावत फसल अवशेष प्रबंधन करवाकर सुनिश्चित करेंगे ताकि कोई भी किसान फसल अवशेष न जलाए।  उन्होंने दोहराया कि पराली व फसल अवशेष जलाने से जमीन की 100 प्रतिशत नाइट्रोजन, 25 प्रतिशत फास्फोरस, 20 प्रतिशत पोटास, 60 प्रतिशत सल्फर का नुकसान होता है। फसल अवशेष जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड तथा मीथेन जैसी हानिकारक गैसें उत्पन्न होती है।

इसके जलाने से भूमि तापमान बढ़ता है तथा छोटे पौधे व पौधों पर आश्रित पक्षी मारे जाते है। डीसी ने किसानों से अपील कि वे फसल अवशेष ना जलाएं तथा इसे पशु चारे हेतु इस्तेमाल करें व बचे हुए फसल अवशेषों को हैरो, रोटावेटर या अन्य कृषि यन्त्रों का प्रयोग करते हुए खेत में मिलाएं।इस मौके पर मार्किट कमेटी के पूर्व चेयरमैन मनीष शर्मा नंबरदार दुजाना,कृषि एवं किसान कल्याण विभाग डीडीए डा जितेन्द्र सिंह, तकनीकी अधिकारी डा ईश्वर सिंह जाखड़, डा राजीव चावला, डा. जगजीत सांगवान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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